सलमान खान की कार की चपेट में आए बचे हुए पीड़ितों को मुआवजे की दरकार
हिट एण्ड रन मामले में सलमान खान को 5 साल की सजा
(हालांकि मुम्बई हाईकोर्ट ने 5 साल की सजा पर रोक लगा दिया है जिससे फिलहाल सलमान खान जेल जाने से बच गए हैं)
पीड़ितों की प्रतिक्रियाएँ :-
तकरीबन 13 साल पुराने मुम्बई के बहुचर्चित हिट एण्ड रन (ठोकर मारकर भाग जाना) मामले में सलमान खान को मुम्बई की एक अदालत ने 6 मई 2015 को 5 वर्ष की सश्रम कारावास व 25 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। मुम्बई के धनिकों में शुमार सलीम खान के बेटे अभिनेता सलमान खान की तत्समय की सबसे महँगी कारों में एक ‘‘लैण्ड क्रूजर’’ की चपेट में आकर फुटपाथ पर सो रहे लगभग दर्जन भर मेहनत कश मजदूर घायल हो गये थे, जिसमें एक की मौत 28 सितम्बर 2002 को घटना के समय ही हो गई थी। हमें व्यक्तिगत रूप से न्यायपालिका द्वारा दिए गए निर्णय और सलमान खान के बारे में कुछ नहीं कहना है। हम भारतीय हैं, और सलमान खान भी भारतीय हैं, ऐसा उन्होंने कोर्ट की सुनवाई में कहा था। (हालांकि मुम्बई हाईकोर्ट ने 5 साल की सजा पर रोक लगा दिया है जिससे फिलहाल सलमान खान जेल जाने से बच गए हैं)। सलमान खान की उक्त महँगी कार ‘लैण्ड क्रूजर’ की चपेट में आये मौत से बचे लेकिन विकलांग हो चुके लोगों ने कुछ यूँ व्यक्त कीं अपनी प्रतिक्रियाएँ –
फ़िरोज़ शेख- 28 सितंबर 2002 को हुए हादसे में अभिनेता सलमान ख़ान की गाड़ी से कुचल कर मारे गए नुरूल्लाह शेख़ शरीफ़ के परिवार में उनका बेटा और उनकी पत्नी हैं। उनके बेटे फ़िरोज़ शेख को सलमान से कोई गिला नहीं है, बल्कि वो तो चाहते हैं सलमान को सज़ा न मिले क्योंकि वही अब उनके लिए कुछ कर सकते हैं। फ़िरोज़ मुंबई के मलाड इलाके में एक झुग्गी बस्ती में रहते हैं। वो आज अचानक अपने घर आए मीडिया को देखकर हैरान हैं। फ़िरोज़ कहते हैं, “आज 13 साल बाद लोग यहां आ रहे हैं लेकिन इन 13 सालों में हमें किसने पूछा।” वो आगे कहते हैं, “मीडिया सिर्फ़ सलमान की ख़बर बनाता है, लेकिन जिसको नुक़सान हुआ उसके बारे में कोई ख़बर नहीं ले रहा था। आज भी सलमान के चलते लोग यहां आए”।
मुहम्मद मुस्लिम- वह तनाव में था। कुछ भी बोलने से हिचकिचा रहा था मगर जब उस रात के बारे में पूछा गया तो झुंझला कर उसके मुंह से यही बोल निकले- ‘हां, मैंने देखा था सलमान को गाड़ी से उतरते’। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान से जुड़े हिट एंड रन केस के गवाह गोंडा के निवासी मुहम्मद मुस्लिम ने कुछ यूं ही अपनी पीड़ा बताई। जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के बरहा पारा गांव निवासी मुस्लिम कई साल पहले रोजी रोटी की तलाश में मुंबई चला गया था। वह मुंबई में एक बेकरी में बिस्कुट बनाने का काम करता था। जहां पर 2002 में हिट एंड रन केस में सलमान खान के खिलाफ वह गवाह था। बुधवार को मुंबई में सलमान खान को सजा होने के बाद मुहम्मद मुस्लिम खासी चर्चा में रहा। दिन भर लखनऊ में रहने के बाद देर शाम वह गोंडा पहुंचा। जहां पर उससे हुई मुलाकात में काफी कुरेदने पर उसने बताया कि 28 सितंबर 2002 की वह रात आज भी उसे याद है। उस रात वह भी सलमान की गाड़ी की चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गया था। यही वजह थी कि पुलिस ने उस मुकदमे में मुस्लिम को बतौर गवाह रखा था। उसने अपनी गवाही में सलमान खान को गाड़ी चलाने व गाड़ी से उतरने की बात स्वीकार की थी। बुधवार को हुई सजा पर उसने संतोष व्यक्त किया।
कलीम पठान- हमें मुआवजा चाहिए। सलमान को सजा से हमें कोई लाभ नहीं। यह बात तेरह साल पूर्व हिट-एंड-रन (ठोकर मारकर भाग जाने के मामले में) सलमान खान की गाड़ी से घायल हुए कुड़वार थाना क्षेत्र के असरोगा गांव निवासी कलीम पठान कहते हैं। अब वे दोनों पैरों से विकलांग हैं और गांव पर ही रहते हैं। दरअसल कलीम पठान मुंबई काम की तलाश में गए थे। वे उसी फुटपाथ पर सोए थे। जहां से सलमान की गाड़ी से दुर्घटना हुई थी। उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं। उसके बाद वे कुछ दिन इलाज करा कुड़वार लौट आए थे। बुधवार को जब अदालत का फैसला आया तो कुछ लोग कलीम के पास उसका पक्ष जानने पहुंचे तो उसने चंद शब्दों में अपनी बात कही कि हमें मुआवजा मिले तो कोई बात होगी, वरना सलमान को सजा से हमको क्या फायदा।
अब्दुल रऊफ शेख- हिट एंड रन मामले के पीड़ित अब्दुल रऊफ शेख का कहना है कि फैसले से उस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला क्योंकि इससे उसका टूटा पैर पूरी तरह ठीक नहीं हो जाएगा। अगर उसे कुछ मुआवजा मिल जाए तो उसके भविष्य के लिए बेहतर होगा। इस हादसे में उसका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। इसकी वजह से वह आज भी जूझ रहा है। फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए 36 वर्षीय शेख ने कहा, ‘उन्हें उनके कर्मो की सजा मिलनी चाहिए। मैंने इस घटना में न सिर्फ अपने दोस्त नूरुल्ला को खो दिया बल्कि उस घटना के बाद से हम चारों शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।’ शेख 12 साल की उम्र में मुंबई आया था। उसे अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी में काम करते हुए करीब 10 साल हुए थे जब उसे इस हादसे के बाद यह काम छोड़ना पड़ा था। घटना को याद करते हुए शेख ने कहा, ‘वह 28 सितंबर, 2002 की देर रात दो से तीन बजे के बीच का समय था। हमने तेज आवाज सुनी। हमारी नींद खुल गई। देखा की एक कार हमारे ऊपर चढ़ी थी। आसपास के लोग चिल्ला रहे थे कि सलमान खान ने एक्सीडेंट कर दिया। कुछ समय बाद एक रिक्शा से सलमान चले गए। हम नहीं जानते थे कि क्या हो रहा था क्योंकि उस समय हम अचेतावस्था में तेज दर्द से कराह रहे थे।’ ‘हम सभी में नूरुल्ला को सबसे अधिक चोट लगी थी। हमें घटनास्थल से भाभा अस्पताल ले जाया गया। कुछ समय बाद पता चला कि नूरुल्ला नहीं रहा। मैं और मुस्लिम शेख गंभीर रूप से घायल हुए थे। जबकि मन्नू खान और मुहम्मद कलीम पठान को कम चोटें लगी थीं।’ शेख ने कहा, ‘मेरा बांया पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। मैं भाभा अस्पताल में करीब दो महीने रहा। इसके बाद गोंडा (उत्तर प्रदेश) में अपने गांव चला गया। वहां भी करीब तीन महीने मेरा इलाज चला। मेरी सारी कमाई मेरे इलाज में चली गई। इसके चलते मैं भारी कर्ज में हूं।’ घटना के करीब छह महीने बाद शेख बांद्रा के समीप दूसरे बेकरी में आकर काम करने लगा। शेख ने कहा, ‘मैं लगातार दो-तीन घंटे से ज्यादा काम नहीं कर पाता हूं क्योंकि टूटे हुए पैर की वजह से मैं लंबे समय तक खड़ा नहीं रह सकता। मैं अपने पांच बच्चों और पत्नी की खातिर काम कर रहा हूं।’
-Reeta