साथियों हम में से अधिकांश ने मेवाड़ केसरी महाराणा प्रताप के घोड़े *चेतक के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन उनका एक हाथी भी था जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। उदयपुर के टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केंद्र में महाराणा प्रताप और उनके प्रिय हाथी जिसका नाम *रामप्रसाद* था की प्रतिमा लगाई गई है |
तत्कालीन मेवाड़ के इतिहासकारों युद्ध कवियों के साथ साथ…रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल बदायूंनी ने जो मुगलों की ओर से #हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है। वो लिखता है कि जब महाराणा पर अकबर ने चढ़ाई की थी तब उसने दो चीजों को बंदी बनाने की मांग की थी एक तो खुद महाराणा और दूसरा उनका हाथी रामप्रसाद.. महाराणा को तो अकबर कभी पराजित नहीं कर पाया ना ही उन्हें बंदी बना पाया.. गाय को तेंदुए से बचाते हुए तीर चलाते हुए 57 वर्ष की अवस्था में आंतों में खिंचाव के कारण.. महाराणा की मृत्यु हुई थी।
विषय की और लौटते हैं बात करते हैं.. की महाराणा प्रताप का हाथी रामप्रसाद इतना समझदार व ताकतवर था कि उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था और उस हाथी को पकडऩे के लिए 7 हाथियों का एक चक्रव्यूह बनाया था और उन पर 14 महावतों को बिठाया तब कहीं जाके उसे बंदी बना पाए थे। कामी क्रोधी संप्रदायिक दरिंदे अकबर की मानसिकता तो देखिए जिसे वामपंथियों ने महान घोषित कर दिया… पशुओं का भी धर्म परिवर्तन कर अकबर ने महाराणा प्रताप के हाथी रामप्रसाद का नाम *पीरप्रसाद* रखा था।
रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने और पानी दिया पर उस स्वामिभक्त हाथी ने 18 दिन तक मुगलों का न दाना खाया और न पानी पीया और वो शहीद हो गया तब अकबर ने कहा था कि…… ‘जिसके हाथी को मैं मेरे सामने नहीं झुका पाया उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाऊंगा।'”
अब आप सोचिए वह महाराणा प्रताप कैसा होगा..? जिसका हाथी ऐसा था…!
आज महाराणा प्रताप की जन्म जयंती है आप सभी को इस की हार्दिक शुभकामनाएं. .!
आर्य सागर खारी ✒✒✒