मुंह से गंदी बदबू आना, दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन और खून आना पायरिया के लक्षण हो सकते हैं। अगर पायरिया को रोका ना गया तो इस बीमारी की वजह से आपके पूरे दांत गिर सकते हैं।
कई लोग ब्रश तो अच्छी तरह से कर लेते हैं मगर जब बात जीभ को साफ करने की आती है तो, वह उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं, जिससे मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यह भी पायरिया होने का एक बड़ा कारण है।
मगर ऐसा नहीं है कि किसी भी बीमारी का कोई इलाज नहीं होता। पायरिया का भी इलाज है और वो भी आयुर्वेदिक उपचार।
समय रहते ही इसका इलाज आयुर्वेदिक तरीके से कर लेना चाहिये नहीं तो मसूड़ों में सड़न की वजह से सारे दांत सड़ चुके होगें।
आइये देखते हैं पायरिया का आयुर्वेदिक उपचार क्या कहता है। दंत स्वास्थ्य: स्वस्थ मसूड़ों के लिए टिप्स
नीम
नीम की पत्तियों को धो कर छाया में सुखा लें और फिर उसे एक बर्तन में रख कर जला लें। जब पत्तियां जल जाएं तब बर्तन को ढंक दें और फिर कुछ देर के बाद राख में सेंधा नमक मिला लें। इस मिश्रण को शीशी में भर कर लख लें और चूर्ण बना कर तीन चार बार मंजन करें।
नमक और हल्दी
चुटकी भर सादा नमक चुटकी भर हल्दी में चार पांच बुंद सरसों का तेल मिला कर उंगली से दांतों पर लगाकर 20 मिनट तक रखें और लार आने पर थूकते रहें।
कच्चा अमरूद
कच्चे अमरुद पर थोडा सा नमक लगाकर खाने से भी पायरिया के उपचार में सहायता मिलती है, क्योंकि यह विटामिन सी का उम्दा स्रोत होता है जो दाँतों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
घी और कपूर
घी में कपूर मिलाकर दाँतों पर मलने से भी पायरिया मिटाने में सहायता मिलती है।
काली मिर्च
काली मिर्च के चूरे में थोडा सा नमक मिलाकरदाँतों पर मलने से भी पायरिया के रोग से छुटकारा पाने के लिए काफी मदद मिलती है।
आंवला
आंवला जलाकर सरसों के तेल में मिलाएं, इसे मसूड़ों पर धीरे-धीरे मलें।
सूखे मसाले
जीरा, सेंधा नमक, हरड़, दालचीनी, दक्षिणी सुपारी को समान मात्रा में लें, इसे बंद बर्तन में जलाकर पीस लें,इस मंजन का नियमित प्रयोग करें।
प्याज
प्याज के टुकड़ों को तवे पर गर्म कीजिए और दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लीजिए। इस प्रकार 10-12 मिनट में लार मुंह में इकट्ठी हो जाएगी। उसे मुंह में चारों ओर घुमाइए फिर निकाल फेंकिए। दिन में 4-5 बार 8-10 दिन करें, पायरिया जड़ से खत्म हो जाएगा, दांत के कीड़े भी मर जाएंगे और मसूड़ों को भी मजबूती प्राप्त होगी।