ग्रेनो। (अमन आर्य) जाने-माने संत और विचारक योगी सत्यनाथ जी महाराज का कहना है कि जम्मू कश्मीर के लिए अब धर्मनिरपेक्षता और समय की मांग यही है कि वहां अब एक हिंदू मुख्यमंत्री होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के आधार पर यदि देश के किसी अन्य प्रांत का मुख्यमंत्री मुस्लिम हो सकता है तो जम्मू कश्मीर के लिए क्यों नहीं हो सकता ? योगी जी महाराज ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अब राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। 5 अगस्त 2019 को धारा 370 और 35a हटाए जाने के बाद जिस प्रकार वहां पर एक नए युग की शुरुआत हुई उससे अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया को फिर से बहाल करने का रास्ता भी साफ हो गया है। क्योंकि परिसीमन आयोग के द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। जिससे जम्मू संभाग में सीटों की संख्या 43 हो जाएगी और घाटी की सीटों की संख्या 47 हो जाएगी। कुल 90 विधानसभा सीट होंगी। पहली बार कश्मीरी पंडितों के लिए भी 2 सीटें और अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटें रिजर्व रखने का प्रस्ताव किया गया है।
‘ उगता भारत’ के साथ एक विशेष बातचीत में योगी सत्य नाथ जी महाराज ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा जब एक विधान, एक प्रधान, एक निशान का संकल्प लेकर जम्मू कश्मीर की यात्रा की गई थी और वहां पर उनका संदिग्ध परिस्थितियों में देहांत हो गया था तो उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि 5 अगस्त 2019 को वह सूर्य भी उदय होगा जब हम अपने उस महान नेता के सपने को साकार होता हुआ देखेंगे।
उन्होंने कहा कि संकल्पशील व्यक्तित्व जब देश का नायक बनता है तो असंभव भी संभव होता हुआ दिखाई देने लगता है। यही कारण है कि ओजस्वी और तेजस्वी नेतृत्व के चलते भारत जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35a को हटाने में सफल हुआ। इसी नेतृत्व के चलते जम्मू कश्मीर में उग्रवाद पर भी अंकुश लगाने में सफलता मिली है। आज वहां देश की सेना और सुरक्षा बलों का मनोबल बहुत ऊंचा है। इतना ही नहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान भी अब भारत की ओर देखने से पहले 10 बार सोचता है। देश के लिए यह सारी स्थितियां बहुत ही उत्साहजनक हैं, लेकिन इसके बावजूद हमें बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि देश विरोधी शक्तियां बहुत बड़े स्तर पर एकता का परिचय देते हुए कुछ भी करने की स्थिति में आ सकती हैं। जिसके लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी यह सभी एक ही थैली के चट्टे बट्टे सिद्ध हुए हैं । जिनके शासनकाल में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद बढ़ा और वहां से हिंदुओं को सुनियोजित ढंग से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। आज परिस्थितियां ऐसी हैं जिनके चलते वहां पर देशभक्ति से सराबोर किसी हिंदू चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाए । जिससे इस सीमावर्ती प्रांत में शांतिपूर्ण स्थिति होने और लोगों को उनका अधिकार मिलने में सुविधा हो।
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