मिडिल ईस्ट, जहां कमजोर पड़ती जा रही है इस्लाम की पकड़

-सख्ती इस्लाम धर्म का एक अनिवार्य अंग है… शरीयत… जिहादियों को एक गैंग का रूप देती है इस गैंग को छोड़ने वालों के नसीब में सिर्फ और सिर्फ मौत होती है । शरीयत के मुताबिक इस्लाम धर्म छोड़ देने वाले को मुर्तिद कहा जाता है… और शरीयत में मुर्तिद की सजा मौत तय की गई है ।

-सोचिए इस्लाम में इतनी ज्यादा सख्ती है कि उसे छोड़ने वाले के लिए कत्ल का फरमान निकाला जाता है । इसीलिए जो लोग इस्लाम को छोड़ देते हैं वो ज्यादातर अपनी पहचान गुप्त रखने का प्रयास करते हैं और खुलकर सामने नहीं आते हैं । जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) इसका एक उदाहरण हैं वो खुलकर सामने आ गए और इस्लाम की आलोचना भी की तो मुसलमान उनको कत्ल करना चाहते हैं ।

-लेकिन अब वो मिडिल ईस्ट जहां से इस्लाम फला फूला वहीं पर इस्लाम की नींव जोर जोर से हिलने लगी है… लोग धीरे-धीरे इस्लामी नियमों की धज्जियां उड़ाने में जुट गए हैं और ये सब करने वाले कोई और नहीं बल्कि मुसलमान ही हैं ।

-मिडिल ईस्ट के ज्यादातर देशों में रमजान पर रोजा ना रखना एक अपराध है । दरअसल वहां के लोग रोजा रखना नहीं चाहते हैं लेकिन उनको जबरन रोजा रखवाने के लिए इस्लामिक सरकारें नाना प्रकार के प्रयत्न करती हैं । इसके लिए सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया जाता है है ।

– लेकिन बीते कुछ दशकों में पहले के मुकाबले रोजा ना रखने के अपराध का दंड कम हो गया है । जॉर्डन में रोजा ना रखने पर सबसे ज्यादा 2600 रुपए जुर्माना लगता है । ओमान में 200 रुपए का जुर्माना लगता है । लेकिन अब सरकारी तंत्र ऐसे मामलों की अनदेखी कर रहा है और रोजा रखने पर ढील दे रहा है ।

-इराक के धार्मिक शहर नजफ में एक एडवोकेट कहते हैं कि सोशल मीडिया पर शोर मचने के डर से अब अधिकारी कार्रवाई करने में हिचकते हैं ।

-सबसे हैरानी की बात ये है कि रोजे के दिनों में भी ईरान की राजधानी तेहरान से लेकर अफ्रीका महाद्वीप के ट्यूनिस तक फैले कैफे, होटल और रेस्तरां दिन भर खुले रहते हैं । जबकि रोजे में दिन में खाना हराम माना जाता है । कई बार दरवाजे पर ग्राहकों की दस्तक के बाद रेस्तरां के दरवाजे खोले दिए जाते हैं और इस्लामी नियमों की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं ।

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*मुल्ला मौलवी योगी जी के सामने क्यों गिड़गिड़ा रहे हैं?*
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– मिस्र में पहले रोजा का नियम तोड़ने वालों को जेल में डाल दिया जाता था । लेकिन अब मिस्र में स्थिति बदल गई है । मिस्र में तो एक रेस्तरां ने दरवाजा खोलने से इनकार किया तो उस पर जुर्माना लगाया गया । यानी मिस्र में भी आधुनिकीकरण की बयार इस्लाम की चूलें हिला रही है

-जॉर्डन ने रमजान में फूड और पेय पदार्थ बेचने के लिए भारी फीस पर लाइसेंस जारी किए हैं। हालांकि,वहां अब भी लोगों को खुलेआम रोजा नियमों की अनदेखी करने पर जेल भेजते हैं । पहले जॉर्डन में कैफे और रेस्तरां अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखते थे। लेकिन अब सब खुला रहता है। यानी वहां पर भी धीरे धीरे इस्लाम की नींव हिलने लगी है ।

*मित्र यूट्यूब पर मैंने अपना एक चैनल भी बनाया है । आप यूट्यूब में सर्च कीजिए Dileep Pandey तो आपको मेरा चैनल मिल जाएगा । उस चैनल पर मैंने एक वीडियो अपलोड किया है जिसमें ये बताया है कि कि कैसे मौलवी आजम खान को छुड़ाने के लिए योगी जी से के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं ? आप ऊपर दिए गए मेरे यूट्यूब लिंक के माध्यम से यूट्यूब चैनल पर जाकर वीडियो जरूर देखें… इसमें आपको एकदम अलग बातें जानने को मिलेंगी । चैनल को जरूर सब्रस्क्राइब कर लें और ऑल नोटिफिकेशन का बेल आइकन जरूर दबा दें ।*

-कई एक्सपर्ट ये दावा करते हैं कि मिडिल ईस्ट में इस्लामिक स्टेट का असली वाला इस्लाम देखकर लोग इस्लाम से काफी भयभीत हो गए हैं और इसलिए धीरे धीरे इस्लामिक नियमों को सख्ती से मानने के प्रति आग्रह काफी कम हो गया है ।

सोशल मीडिया से साभार

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