विहिप दिल्ली के झंडेवालान कार्यालय में आज हुई एक महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी देते हुए विहिप प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने बताया कि यूँ तो किसी भी सार्वजनिक आयोजन से पूर्व दिल्ली पुलिस व स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होती है और दिल्ली पुलिस सार्वजनिक कार्यक्रमों या शोभायात्राओं पर पूरी सख्ती के साथ नियंत्रण रखती है। किन्तु, गत कुछ वर्षों से देखने में आ रहा था कि यदि यही आयोजन मुस्लिम समुदाय द्वारा किया जाए तो दिल्ली पुलिस अनुमति की बात तो दूर, साथ रहते हुए भी उपद्रवियों के समक्ष नत-मस्तक व असहाय नज़र आती थी। यदि कोई पुलिस अधिकारी गलती से भी इन उपद्रवियों को रोकने का प्रयत्न करता तो पुलिस मुख्यालय, उप-राज्यपाल कार्यालय व केन्द्रीय गृह मंत्रालय से उसे ऐसा न करने की चेतावनी जारी कर दी जाती थी। हालांकि इस प्रकार की अपील कोई नई बात नहीं है. गत वर्षों में भी दिल्ली पुलिस ने मुस्लिम बहुल इलाकों में बैठकें की थीं, मुस्लिम समाज के तथा-कथित बुद्धिजीवियों को समझाया था कि युवाओं को जागरूक करें कि वे सड़कों पर हुड़दंग न मचाएं, कानून व्यवस्था का ध्यान रखें और यातायात नियमों का पालन करें। उर्दू में पर्चे छपवाकर भी लोगों से अपील भी की गई। लेकिन पुलिस विभाग की सारी कोशिशें धरी-की-धरी रह गई। आशा की जानी चाहिए कि माननीय उप राज्यपाल महोदय की इस बार की अपील का इन अतिवादियों पर अवश्य प्रभाव होगा नहीं तो दिल्ली पुलिस अपने प्रभाव का प्रयोग कर जनता को इसके दुष्प्रभावों से बचाएगी. हालांकि इस बार विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी दिल्ली की सडकों पर इस प्रकार के तांडव को रोकने के लिए कृत संकल्पित हैं.
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