क्या हिमाचल में प्राची राणा की लव जिहाद के चलते हत्या नहीं हुई ?

हिमाचल प्रदेश के अंब में प्राची राणा की हत्या नहीं हुई, बहुत क्रूर तरीके से गला काटकर हत्या हुई। हत्यारा उस घर में अखबार देनेवाला आसिफ मोहम्मद था।
प्राची राणा दसवीं में पढनेवाली बच्ची थी और मां बाप की इकलौती संतान थी। मां बाप दोनों नौकरी करते थे, इसलिए दिन भर घर से बाहर ही रहते थे और प्राची घर में अकेली रहती थी।
उस घर में अखबार देने के लिए रोज आसिफ मोहम्मद आता था। आसिफ इन परिस्थितियों को जानता था। पांच अप्रैल की दोपहर में जब प्राची घर में अकेली थी तब आसिफ वहां अखबार का बिल देने के बहाने आया। प्राची से उसने बाथरूम यूज करने की अनुमति मांगी। क्योंकि वह रोज घर पर आता ही था तो लड़की ने मना नहीं किया।
इसके बाद का खेल ये हुआ कि उसने प्राची को लव जिहाद का ऑफर दिया। वह प्राची से इतना “प्यार” करता था कि उससे तत्काल हमबिस्तरी भी करना चाहता था। खबर है कि इस पर प्राची ने न सिर्फ मना किया बल्कि उसे एक थप्पड़ मार भी दिया। आसिफ मोहम्मद जब ये समझ गया कि वह न तो इस लड़की को प्यार के जाल में फंसा पायेगा और न ही रेप करने में सफल हो पायेगा और लड़की अपने घरवालों को भी सबकुछ बता देगी तो उसने चाकू निकाला और उसका गला रेत दिया।
आसिफ मोहम्मद इस समय पुलिस हिरासत में है और अंब पुलिस का कहना है कि इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यह एक सामान्य आपराधिक घटना है। चलिए पुलिस की ही बात मान लेते हैं और क्रिमिनोलॉजी के दृष्टिकोण से इस घटना को देखते हैं।
सबसे पहली बात कि कोई भी बलात्कारी जब बलात्कार करने में असफल रहता है तो अपनी बदनामी से बचने के लिए कुछ उपाय जरूर करता है। जैसे उस लड़की या महिला को मुंह बंद रखने को धमकी देना या कुछेक मामलों में हत्या भी की जाती है। लेकिन हत्या को जब आप विश्लेषित करते हैं तो पाते हैं कि हत्यारे ने हत्या करने में कितनी क्रूरता किया है।
सबसे क्रूर और जघन्य हत्या है गला काटकर हत्या करना या सिर पर पत्थर मारकर हत्या कर देना। गला काटकर हत्या करनेवाले आमतौर पर वो लोग होते हैं जिन्हें खूब ट्रेनिंग मिली होती है। यानी, पहली बार कोई भी हत्यारा गला काटकर हत्या नहीं करेगा। इससे पहले वह इंसानों और जानवरों पर ये प्रयोग कर चुका होता है।
गला काटकर हत्या करनेवाला किसी गुस्से में आकर हत्या नहीं करता। वह पूरी तरह से कन्विन्स होता है कि वह क्या कर रहा है इसलिए ऐसे हत्यारे जो करते हैं उसको अपने दिमाग में जस्टिफाई कर चुके होते हैं। वरना क्या कारण था कि आसिफ मोहम्मद चाकू लेकर प्राची को लव जिहाद का ऑफर करने जाता? उसे मालूम था कि अगर वह असफल रहेगा तो आगे उसे क्या करना है। हो सकता है सफल भी हो जाता तो वही करता जो उसने किया।
मुझे आश्चर्य आसिफ मोहम्मद की मोहब्बत और गला काटने पर नहीं हुआ। लव जिहाद की इतनी घटनाएं देख सुन चुके हैं कि अब आश्चर्य नहीं होता। आश्चर्य है पुलिस के बयान पर जो सामान्य क्रिमिनोलॉजी का भी विश्लेषण नहीं कर पा रहे। ऐसी उदासीनता और झूठ आखिर क्यों?
(चित्र: अखबार बेचने और प्लंबिंग का काम करनेवाला आसिफ मोहम्मद जिसने प्राची की गला काटकर हत्या कर दिया।)

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