विवाह से पूर्व वर-वधु के शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है ताकि यदि इन्हें कोई त्वचा संबंधी रोग हो या इंफेक्शन हो या अन्य कोई बीमारी हो तो उसका उपचार हो सके।
हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई धूल आदि भी शत-प्रतिशत साफ हो जाती है।
जिससे त्वचा में चमक बढ़ जाती है। चेहरे का आकर्षण बढ़ जाता है।
इन सभी कारणों के चलते अनिवार्य रूप से आज भी दूल्हा-दुल्हन को विवाह से पूर्व हल्दी अवश्य लगाई जाती है।
1.प्रकृति ने हमें बहुत सी वस्तुएं दी हैं उनमें से एक है हल्दी। वैसे तो हल्दी खाने के स्वाद को बढ़ाती ही है साथ ही यह जीवन से समस्याएं भी दूर कर देती है इसलिये हल्दी का बहुत महत्व है।
- हल्दी का रंग पीला होता है। पीला रंग शुभता का प्रतीक होता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में पीले रंग को शुभ रंग माना गया है। हल्दी एक विशेष प्रकार की औषधि है जिसमें दैवीय गुण होते हैं।
- हल्दी नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट कर देती है। हल्दी का प्रयोग हवन और औषधियों में किया जाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए हल्दी से अच्छी कोई चीज नहीं होती है। इसलिए विवाह में हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
- दरअसल विवाह के समय बहुत सारे लोग घर में आते हैं। जो तमाम तरह की निगेटिव एनर्जी को फैंकते रहते हैं।
- जिससे देखा जाता है कई बहुओं और वरों की तबियत खराब हो जाती है। ऐसे में अगर उनको हल्दी लगी हो तो यह समस्या उन्हें नहीं आती यह शरीर को सुंदर भी बनाती है।
- परंपरा के अनुसार शादी में हल्दी के शगुन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शादी में लडक़े व लडक़ी को दोनो को हल्दी की रस्म निभानी पड़ती है. ऐसा माना जाता है कि हल्दी दुल्हन और दूल्हे को बुरी नजरों से बचाने के लिए लगाई जाती है.
8.हल्दी रस्म होने के बाद दूल्हे और दुल्हन को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है.
9.हल्दी से स्किन साफ, सुंदर और चमकदार होती है, क्योंकि हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है.
- विवाह में दुल्हन और दूल्हे को हल्दी लगाने का मतलब यह भी होता है कि कपल्स के अगर कोई चोट और जलने का निशान हो तो स्किन पर न रहे और ऐसी कामना की जाती है कि इस प्रकार की कोई चोट या जलने जैसा हादसा नए जोड़े के साथ न हो. हल्दी दर्द को दूर करने के रूप में भी कार्य करती है.
11.यह त्वचा में चमक लाती है. यही कारण है कि भारतीय समाज में विवाह में हल्दी की रस्म होती है.
- रोज सुबह अगर आप हल्दी का तिलक लगाए तो व्यक्ति को वाणी की शक्ति मिलती है। अगर आप माथे पर नहीं लगाते तो कंठ पर तो जरूर लगाएं ऐसे में आपकी वाणी जरूर प्रभावी होगी। जीवन में सात्विकता बढ़ती है।