विश्व में वर्तमान में जितने भी धर्म हैं , सभी के अपने अपने उपासना स्थल हैं ,जिनमे ,प्रार्थना ,उपासना करने और धार्मिक प्रवचन और उपदेश देने के कार्य किये जाते हैं .और ऐसे स्थलों का इन्हीं कामों के लिए बनाया जाता है .लेकिन यह बात इस्लाम के ऊपर लागू नहीं होती . क्योंकि इतिहास साक्षी है कि मुसलमानों ने जितनी मस्जिदें बनवाई हैं ,उन में से अधिकांश दूसरे धर्म धर्म के लोगों के उपासना स्थलों को ध्वस्त करके उसी जगह बनायीं हैं ,जहाँ दूसरों के उपासना स्थल थे .और मस्जिदें इबादत करने और शांति का सन्देश देने की जगह फसाद और रक्तपात करने के लिए बनायी जाती है .यह बात खुद कुरान से साबित होती है .
1-पहली मस्जिद रक्तपात के लिए बनी
कुरान के अनुसार अल्लाह ने सृष्टि में सबसे पहले मनुष्य आदम को बनाया था . अर्थात सभी मुसलमान उसी की संतानें हैं .हालांकि आदम को बनाने से पहले ही फरिश्तों ने अल्लाह को सचेत कर दिया था ,कि भविष्य में आदम मस्जिद बनाएगा ,और उसका उपयोग दुनियां में फसाद फ़ैलाने ,और षडयंत्र रचने के लिए करेगा .और उस मस्जिद के लिए रक्तपात करेगा .जैसा कि कुरान की इस आयत में बताया गया है .
“रब ने फरिश्तों से कहा कि मैं धरती में एक खलीफा (आदम ) बनाने वाला हूँ .फरिश्तों ने कहा तू उसके लिए ऐसी जगह बनाएगा जहाँ वह षडयंत्र करेके बिगाड़ पैदा करेगा ,और रक्तपात करेगा “सूरा -अल बकरा 2 :30
They said: “Wilt Thou place therein one who will make mischief thereinand shed blood shed
“وَاِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلَْمَلَئِكَةِ اِنِّي جَاعِلٌ فِي الْارْضِ خَلِيفَةً قَالُوا اتَجْعَلُ فِيهَا مَنْ يُفْسِدُ فِيهَا وَيَسْفِكُ الدِّمَاءَ وَنَحْنُ نُسَبِّحُ بِحَمْدِكَ وَنُقَدِّسُ لَكَ قَالَ اِنِّي اعْلَمُ مَا لَا تَعْلَمُونَ
Sura Bkra -2:30
चूंकि मुसलमान उसी आदम के वंशज हैं हैं .इसलिए वह मस्जिदों का उपयोग इबादत के लिए कम ,बल्कि दंगा फ़ैलाने ,शाजिश रचने और खूनखराबे के लिए अधिक करते हैं यही कारण है .कि मुस्लिम आतंकवादी बम विस्फोट की योजनायें मस्जिदों में ही बनाते हैं
2-मस्जिदें घात लगाने का स्थान
यदि आप भारत के किसी भी शहर की मुग़ल काल की मस्जिद को ध्यान से देखेंगे तो पायेंगे कि उसके चारों तरफ खुली जगह होगी ,और अन्दर भी खाली स्थान होगा ,बीच में एक हौज होगा और एक मिम्बर होगा ,जिस पर बैठ कर इमाम खुतबा देता है .लेकिन आजकल जो मस्जिदें बन रही हैं ,उनके साथ पचासों कमरे , तहखाने , और भूमीगत सुरंगे भी बनायीं जाती हैं , जहाँ आतंकी महीनों तक रह सकते हैं . और अगर पुलिस उनको पकड़ने जाती है ,तो आतंकी सुरंग से आसानी से निकल जाते हैं .आतंकवदियों ने यह तरकीब खुद कुरान से सीखी है , क्योंकि कुरान ने कहा है .
“और लोगों ने मस्जिद बनाई ,ताकि लोगों को हानि पहुँचाये ,और लोगों में फूट डालें .और लोगों के लिए घात लगाने का स्थान बनायें ”
सूरा -अत तौबा 9 :107
3-मस्जिद या पेशाबघर
देखा गया है कि आजकल यदि किसी मस्जिद के पास किसी दूसरे धर्म के लॊग सिर्फ गुजर ही जाते हैं ,तो मुसलमान दंगा कर देते हैं ,कई बार ऐसे दंगों में सैकड़ों निर्दोष लोग मारे जाते हैं ,लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि मुहम्मद साहब के समय उन्हीं की बनायीं मस्जिद में ,अरब के बद्दू रोज पेशाब किया करते थे . यह बात की पुष्टि इस प्रमाणिक हदीस से होती है ,
“अनस बिन मलिक ने कहा कि जब रसूल ने अपनी पहली मस्जिद बनवाई तो , अरब के बददु उस मस्जिद में पेशाब किया करते थे . एक दिन लोगों ने देखा कि एक बददु खडा होकर मस्जिद की भीतरी दीवार पर पेशाब कर रहा है .लोगों उस बददु को पकड़ा और , रसूल के सामने उसको मारने की तय्यारी करने लगे .रसूल ने उन लोगों को रोक कर कहा इसे आराम से पेशाब करने दो ,फिर रसूल ने एक बर्तन में पानी मंगवाया और पेशाब की जगह को खुद धो दिया , रसूल ने बताया कि यदि मस्जिद में पेशाब करने से भी इस्लाम फैलता है ,तो कोई बुराई नहीं है ”
“حَدَّثَنَا عَبْدُ اللَّهِ بْنُ عَبْدِ الْوَهَّابِ، حَدَّثَنَا حَمَّادُ بْنُ زَيْدٍ، عَنْ ثَابِتٍ، عَنْ أَنَسِ بْنِ مَالِكٍ، أَنَّ أَعْرَابِيًّا، بَالَ فِي الْمَسْجِدِ، فَقَامُوا إِلَيْهِ، فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم “ لا تُزْرِمُوهُ ”. ثُمَّ دَعَا بِدَلْوٍ مِنْ مَاءٍ فَصُبَّ عَلَيْهِ.
सही बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 54
इतिहास साक्षी है कि जितने भी सांप्रदायिक दंगे हुए हैं , सबके पीछे किसी मस्जिद का स्वामित्व या उसकी भूमि का विवाद रहा है .कई दंगे तो ऐसे हुए हैं ,जिनमे हजारों लोग मारे गए , और विवाद आज तक चल रहा है .वास्तव में देखा जाये तो जैसे मुसलमानों ने मस्जिदों को दंगे फ़ैलाने का हथियार बना रखा है ,उसी तरह मजारों को भी अशांति फ़ैलाने का साधन बना रखा है . वैसे कुरान में कब्रों की पूजा करने को गुनाह बताया गया है ,जैसा इस हदीस में कहा है ,
4-कब्रों की उपासना
“अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया , अल्लाह यहूदियों पर लानत भेजता है क्योंकि उन लोगों ने अपने नबियों की कब्रों को इबादत की जगह बना रखा है ,और अल्लाह ऐसे लोगों को कभी माफ़ नहीं करेगा ”
सही बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 428
“حَدَّثَنَا عَبْدُ اللَّهِ بْنُ مَسْلَمَةَ، عَنْ مَالِكٍ، عَنِ ابْنِ شِهَابٍ، عَنْ سَعِيدِ بْنِ الْمُسَيَّبِ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، أَنَّ رَسُولَ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم قَالَ “ قَاتَلَ اللَّهُ الْيَهُودَ اتَّخَذُوا قُبُورَ أَنْبِيَائِهِمْ مَسَاجِدَ ”.
Bukhari-Vol. 1, Book 8, Hadith 428
इस्लामी ग्रंथों को परस्पर विरोधी आदेशों का भण्डार कहें तो अनुचित नहीं होगा ,क्योंकि जहाँ एक जगह कब्रों की इबादत करने को गुनाह बता कर यहुदियों पर लानत भेजने की बात कही गयी है . तो दूसरी जगह कुरान का अल्लाह कुत्ते का मजार बनाने को सही बताता है , जैसे कुरान में कहा गया है ,
5-कुत्ते का मजार
कुरान की सूरा कहफ़ व्याख्या में एक घटना का उल्लेख है ,कि जब रोम में “डीसियस -Decius “नामका सम्राट था ,तो ईसा मसीह के कुछ अनुयायी अपने प्राण बचाने के लिए एक गुफा में छुप गए थे .और वहां बरसों तक सोते रहे .जब वह जागे तो पता चला कि उस समय रोम में “थिओडोसिअस – theodosius ” सम्राट बन गया था .उन लोगों के साथ एक कुत्ता भी था .जब वह लोग गुफा से निकले तो उसी दिन मर गये , और लोगों ने अल्लाह के आदेश से उनके मजार के साथ कुत्ते का मजार भी बना दिया .
“जब लोग परस्पर ( गुफा में सैकड़ों साल सोये हुए ) लोगों के मामले में झगड़ रहे थे ,कुछ लोगों की राय थी कि उनके मरने की जगह एक मस्जिद बना दी जाये .तो उन लोगों की बात सब पर भारी पड़ी .कुछ लोग बोले वह तीन थे ,चौथा उनका कुत्ता था .कुछ बोले वे पांच थे और छठवां उनका कुत्ता था .और कुछ् यह भी बोले की वे सात थे ,और उनका कुत्ता आठवां था .तुम संख्या के बारे में नहीं झगड़ो
सूरा अल कहफ़ 18 :21 -22
अर्थात मनुष्यों के साथ कुत्ते का मजार बना दिया गया .
यही कारण है कि मुसलमान जगह जगह मजार और कब्रें बनाते रहते हैं .और जानबूझ कर ऐसी जगह चुनते हैं ,जो हिन्दुओं के किसी मंदिर के पास हो ,या किसी किसी सार्वजनिक उपयोगी स्थान पर हो . जैसे गुजरात के भरूच नामके स्टेशन के प्लेटफार्म पर भी एक मजार बना हुआ है .क्या उस पीर को मरने के लिए वही जगह मिली थी ?इसी तरह भोपाल में बीच रोड में एक मजार बना हुआ है .आज तक लोगों को पता नहीं कि कब्रों में इन्सान दफ़न है ,या कुत्ता ?
6-निष्कर्ष
लेख में दिए गए इन प्रमाणों यही बातें सिद्ध होती हैं कि,
1 .मुसलमान पैदायशी फसादी हैं ,और विश्व शांति नहीं में खून खराबा चाहते हैं . मस्जिद तो एक बहाना है .
2 .दूसरों के धर्म स्थानों को तोड़ कर वहां मस्जि,द मजार बनाना इनकी आदत है .
.3 .मस्जिदें हथियार छुपाने और आतंकियों को शरण देने के लिए बनायी जाती हैं.
4 .मूर्ख हिन्दुओं द्वारा .दरगाहों और मजारोंपर चढ़ाया गया धन जिहादी हिन्दुओं को मारने के लिए करते हैं .
इसलिए हिन्दुओं को चाहिए कि वह मस्जिदों में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखें , और किसी भी मजार या दरगाह में ने नहीं जाएँ ,और न वहां धन चढ़ाएं .
हिन्दुओं को पता होना चाहिए कि आज भारत में लगभग दो हजार ऐसी मस्जिदें और मजार हैं ,जो हिन्दू मंदिरों को तोड़ कर या उनकी जमीन पर बनी हुई है , जिन पर बरसों से मुकदमे चल रहे हैं .जैसे राम जन्मभूमि , कृष्ण जन्मभूमि , काशी विश्वनाथ मंदिर आदि . हमें चहिये कि पहले हम उन जगहों पर कब्ज़ा करें ,जहाँ हम आसानी से मुक़दमा जीत सकते हैं .इस से विरोधियों के हौसले पस्त हो जायेगे .फिर अन्य मंदिरों पर कब्जा करने में आसानी होगी
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