ड्रेसेज के मामले में युवाओं की पहली पसंद है जींस। जींस में इतनी वैरायटी आ गयी हैं कि युवाओं का ध्यान किसी और तरफ जाता ही नहीं। लेकिन ज्यादा टाइट जींस पहनने से आप बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं।
टाइट कपड़ों से नुकसान-
टाइट फिटिंग वाली जींस, स्कटर्स और अन्य ड्रेसेज आपको आकर्षक लुक तो देते हैं, परेशानी हो सकती है। इस तरह की ड्रेस से न सिर्फ चलने-फिरने में परेशानी होती है, बल्कि इनसे आपका पाश्चर भी बिगडऩे की आशंका रहती है। इतना ही नहीं रीढ़ की हड्डियों में भी इस तरह की ड्रेसेज की वजह से परेशानी हो सकती है और आपको उठने-बैठने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। फैशन एक्सपर्ट की माने तो टाइट कपड़ों शरीर की बनावट पर तो असर डालते ही हैं, दिनभर ऐसे कपड़े पहनने से आप असहज भी महसूस करने लगते हैं। इससे आपको सिर दर्द, शरीर दर्द जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। एक सर्वे के अनुसार आफिस में शर्ट और जींस पहनने वाली महिलाओं की संख्या लगभग सात फीसदी है। टाइट जींस के फैशन को लेकर डा. शर्मिली राज का कहना है कि लोग फैशन के इस कदर दीवाने हैं कि कई बार उससे होने वाली समस्याओं को नजरअंदाज करने लगते हैं। इससे उनकी समस्याएं बाद में काफी बढ़ जाती है, कई बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं।
टाइट जींस से होने वाली समस्याएं –
* टाइट जींस तथा पश्चिमी सभ्यता के अन्य कपङे पहनने से हमारी कार्यक्षमता पर बहुत विपरीत प्रभात पङता है। अर्थात् हम बहुत जल्दी थकान का अनुभव करते है। किसी भी कार्य करने में नीरसता रहती है। अगर आपमें भी यह लक्षण है तो कुछ दिन खादी का ढीला कुर्ता और पजामा पहन कर देखें पहले दिन से परिवर्तन महसूस करेंगे और पूरे दिन ऊर्जा से भरे रहेगें।
* टाइट जींस की सबसे बड़ा नुकसान है नपुंसकता
शरीर से हमेशा चिपके रहने के कारण त्वचा , मांसपेशियो और नाड़ीयो की तापमान लगातार बढ़ता है। जिससे शुक्राणु की कमी होने लगती है क्योकी यह जांघ के आस पास ज्यादा दबाव व ताप बढ़ाता है तथा आवश्यक रक्त संचार में व्यवधान उत्पन्न करता है।
जो लोग पारिवारिक जीवन में अपने जीवनसाथी से संतुष्ट नहीं है उसका भी एक बङा कारण पश्चिमी सभ्यता के कपङे है।अगर आप चहाते है की आपके बच्चे इस दौर से ना गुजरे तो आज से ही अपने बच्चों को भारतीय परिधान पहनाये।
* स्किनी और फिटेड जींस का आजकल खूब प्रचलन है। लेकिन इस तरह की जींस से स्किन प्रॉब्लम हो सकती है। टाइट जींस से ब्लड सर्कुलेशन और नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है। दरअसल स्किनी जींस बहुत लंबे समय तक स्किन से चिपकी होती है, जिस कारण पसीना पूरी तरह से सूख नहीं पाता। इससे स्किन इरिटेशन और फंगस इंफेक्शन की आशंका काफी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, ऐसे में चर्म रोग होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
* टाइट जींस पहनने से त्वचा संक्रमण बढ़ जाता है, जिससे छाले और घाव पडऩे की आशंका रहती है।
* स्किनी जींस और टाइट जींस जैसे कपड़े त्वचा की नमी को छीन लेते हैं। इस कारण खुजली, रैशेस पडऩे लगते हैं। इससे कई बार छोटे-छोटे लाल दाग हो जाते हैं और कारण त्वचा संक्रमण भी हो जाता है।
सावधानियां-
हम तो आपको सुझाव देंगें की पश्चिमी सभ्यता के कपङे किसी आपातकाल में ही पहने। फिर भी इनसे होने वाली सम्स्याओं को कुछ सीमा तक ही कम कर सकते है अगर कुछ यह सुझाव माने।
* यदि आपको बहुत ज्यादा भाग दौड़ करनी है तो टाइट जींस का प्रयोग न करें।
* जींस को धोते समय अच्छी तरह से साबून-सर्फ निकाल दें, जिससे त्वचा संक्रमण का शिकार न हो और परेशानी से बच सकें।
* प्रतिदिन टाइट जींस का प्रयोग करने से बचें।
* ऐसी जींस पहने जो कंफर्टेबल हो और उसमें आपका दम न घुट रहा हो। यानी आप सहज महसूस करें और आराम से उठ-बैठ सकें, चल पाएं।
* कुछ खास मौकों पर ही टाइट जींस पहने तो बेहतर होगा।
* गर्मी के मौसम में खासतौर पर टाइट जींस के बजाए लूज कपड़े या लूज जींस पहने।
* एलर्जी होने पर जींस पर मेटल बटन के बजाए प्लास्टिक के बटन लगाएं या फिर बटन पर नेल पालिश लगाएं।
* एक जींस को बिना धोएं दो-तीन बार से अधिक न पहनें।
* जरूरत न हो तो टाइट जींस पर बेल्ट का प्रयोग न करें।