अब चूँकि इन घटनाओं की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं, इस्लामी गिरोह के ऊपर जिम्मेदारी है कि वो एक ऐसा फेक नैरेटिव तैयार करें, जिसके जाल में फँस कर लोग मुस्लिम भीड़ की हिंसा की बात ही न करें। एक ऐसा माहौल बनाया जाए, जिसमें पीड़ित हिन्दुओं के ऊपर एक पर्दा डाल दिया जाए। उनकी साजिश है कि दुनिया भर में अपने प्रभावशाली लोगों को इकट्ठा कर के उनसे झूठ कहलवाया जाए कि भारत में फलाँ-फलाँ चीजें हो रही हैं।
इसी क्रम में अब नए हैशटैग की साजिश रची गई है। ‘Indian Muslims Genocide Alert (भारतीय मुस्लिमों के नरसंहार को लेकर चेतावनी)’ नाम के इस हैशटैग के जरिए ये बात फैलाई जाएगी कि देश भर में मुस्लिमों का कत्लेआम हो रहा है। कर कौन रहे हैं, तो हिन्दू। अमेरिका के वर्जीनिया के फेयरफैक्स में स्थित जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में ‘जेनोसाइड स्टडीज एंड प्रिवेंशन’ के रिसर्च प्रोफेसर रहे ग्रेगोरी स्टैंटन के हवाले से कहा जा रहा है कि उन्होंने चेतावनी जारी की है।
वो ‘जेनोसाइड वॉच’ समूह का हिस्सा हैं। जारी किए गए बयान में कहा गया है कि गुजरात, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में रामनवमी की शोभा यात्राओं के दौरान मुस्लिम विरोधी हिंसा की गई। कई मस्जिदों को ध्वस्त किए जाने और जलाए जाने के साथ-साथ मस्जिदों के बाहर नारेबाजी के आरोप भी लगाए गए हैं। ‘हिंदुत्व गुंडों’ पर मस्जिदों में तलवार के साथ नाचने के आरोप भी लगाए गए हैं।
इस हैशटैग के लिए मंगलवार (12 अप्रैल, 2022) को शाम 5 बजे का समय मुक़र्रर करते हुए लिखा गया है कि सत्ता के संरक्षण में हिन्दू साधु-संत मुस्लिमों के नरसंहार के लिए उकसा रहे हैं और घृणा फैलाने वाले खुला घूम रहे हैं। इसमें ये भी लिखा है कि भारतीय मुस्लिमों को ‘सम्मान और बराबर अधिकारों’ के साथ जीने का अधिकार है। लोगों को इस ‘आसन्न नरसंहार’ के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील की गई है, इससे पहले कि देर हो जाए।
रामनवमी के दौरान हिंसा की घटनाओं का सच क्या
इससे पहले कि आप गिरोह विशेष के चक्कर में फँसे और कोई स्वरा भास्कर, कोई RJ सायमा, कोई जुबैर या फिर कोई ओवैसी इन घटनाओं को लेकर झूठ फैलाए, आपको सच से रूबरू रहना ज़रूरी है। ये ऐसा गिरोह है, जो आपको ये बताएगा कि ‘मुस्लिमों के मकान भाजपा सरकार ने बुलडोजर से गिरा दिए’, लेकिन ये नहीं बताएगा कि ये मकान अवैध थे और उनसे रामनवमी की शांतिपूर्ण शोभा यात्राओं पत्थरबाजी और हमले किए गए। ओडिशा के जोडा से ऐसी ही घटना सामने आई है।
गुजरात के हिम्मतनगर में पत्थरबाजी में आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। आरोपित राजू मेंटल, सिकंदर पठान, समीर पठान, खालिद पठान, मुबीन शेख, वाहिद पठान और उमर पठान आदि हैं। क्या आपको ये मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा लगती है? भारत के पश्चिमी तट पर स्थिति इसी राज्य के आणंद में भी छपरिया के हनुमान मंदिर के पास निकली शोभायात्रा पर पत्थरबाजी हुई। लेकिन, दोषी हिन्दू हो गए क्योंकि उन्होंने अपने साथ हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ‘गुनाह’ किया।
मध्य प्रदेश के खरगोन की घटना चर्चा में है। यहाँ डीजे का बहाना बना कर मुस्लिम भीड़ ने राम नवमी मना रहे हिन्दुओं पर हमला किया। अन्य जिलों से अतिरिक्त बल मँगाने पड़े। मुंबई के मानखुर्द में भी रामनवमी मना रहे हिन्दुओं को हिंसा का सामना करना पड़ा। झारखंड के लोहरदगा में रामनवमी के मेल में घुस कर हिन्दुओं की दुकानों में आग लगाई गई। ट्रेन पर पत्थरबाजी हुई। लेकिन, गिरोह विशेष कह रहा है कि ‘मुस्लिमों का नरसंहार’ हो रहा है।
पूर्वी भारत में स्थित इसी राज्य के बोकारो में फुसरो के राजाबेड़ा स्थित गंजू मोहल्ले में रामनवमी की शोभा यात्रा पर हमला किया गया। पुलिस आई। पुलिस ने उलटा हिन्दुओं को ही रोक दिया। शोभा यात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। जबकि गिरोह विशेष कह रहा है कि सत्ता हिन्दुओं को संरक्षण दे रही है। जबकि सच्चाई ये है कि झारखंड में भाजपा विरोधी पार्टी की सरकार है और खामियाजा हिन्दुओं को भुगतना पड़ रहा है, जो अपने ही देश में अपना त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से नहीं मना सकते।
पश्चिम बंगाल का तो कहना ही क्या! वहाँ चुनावी हिंसा में भाजपा कार्यकर्ताओं और हिन्दुओं की हत्या की घटनाएँ और सत्ताधारी TMC पर आरोप लगना आम है, लेकिन क्या मजाक कि मीडिया मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरुद्ध एक शब्द भी बोले या इन घटनाओं की सच्चाई दिखाए। वहाँ हावड़ा में हिन्दुओं पर हमले किए गए। बाँकुरा में हिन्दुओं पर आरोप लगाया गया कि उनकी रामनवमी की शोभा यात्रा मस्जिद के सामने से गुजरी। इस ‘गुनाह’ के कारण डेढ़ दर्जन को गिरफ्तार कर लिया गया। यहाँ किसको मिल रहा है सत्ता का संरक्षण?
JNU में क्या हुआ, वो भी चर्चा का विषय बना हुआ है। रामनवमी की पूजा में मांसाहार परोस कर विघ्न डालने की कोशिश की गई। ABVP के छात्र हवन कर रहे थे, उन्हें परेशान किया गया। हमले में दिव्या सूर्यवंशी सहित कई BVP कार्यकर्ता घायल हुए। दिव्यांग छात्रों तक को नहीं बख्शा गया। महाराष्ट्र की भी बात कर लें। वहाँ भाजपा विरोधी तीन दलों की सरकार है। वहाँ सत्ता ने क्या किया? हनुमान चलीसा लाउडस्पीकर पर बजाने के कारण ‘राम रथ’ को ही पुलिस ने जब्त कर लिया। जबकि भारत की 3 लाख मस्जिदों में रोज 5 बार लाउडस्पीकर से अजान जायज है?