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राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग पूर्वजन्म में विश्वास नहीं करते वे लोग राम में विश्वास कैसे कर सकते है। इस प्रकार राहुल गांधी ने भगवान राम के अस्तित्व को सीधे तौर पर नकार दिया और भगवान राम की खिल्ली उड़ाई है। जब सनातन लोग भगवान राम के प्रकट दिवस पर हर्ष माना रहे है, उपवास और पूजा पाठ कर रहे हैं तब राहुल गांधी का यह बयान सीधे तौर पर हिंदुओ के प्रति राहुल गांधी की घृणित मानसिकता को दर्शाता है।
राहुल गांधी कभी भी शांति दूतों के प्रतीक चिन्हों और आसमानी किताब के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह नही खड़ा करता, कोई कुंवारी लड़की की गर्भ से पैदा होकर गॉड कैसे बन सकता है, विज्ञान के अनुसार कोई मारा हुआ व्यक्ति कैसे जिंदा हो सकता है, इस पर राहुल गांधी कभी भी कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा नही करता। अगर इन समुदायों के प्रतीक चिन्हों पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया तो फिर राहुल गांधी की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कमलेश तिवारी से लेकर दुनिया में ऐसे हजारों उदाहरण हैं ।इसी डर से राहुल गांधी या अन्य कोई इन समुदायों के प्रतीक चिन्हों पर कोई खिल्ली नही उड़ते हैं। हिंदू सहनशील है, इसलिए राहुल गांधी जैसे लोग बार बार हिंदुओ के प्रतीक चिन्हों की खिल्ली उड़ाते हैं।
इसके पहले भी कांग्रेस ने अपनी सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा था कि राम कोई भगवान नही थे। रामसेतु तोड़ने पर कांग्रेस अड़ी हुई थी। लम्बी लड़ाई के बाद रामसेतु की सुरक्षा संभव हुई थी। फिर भी हिंदू राहुल गांधी और उनकी पार्टी को वोट देते हैं। कुछ हिंदू राहुल गांधी को ब्राह्मण भी मानते हैं।
इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है ताकि फिर राहुल गांधी जैसे लोग भगवान राम और सनातन संस्कृति की खिल्ली उड़ाने के पहले सौ बार सोचे।
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*आचार्य श्री विष्णु गुप्त*
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Date 10 /04/2022
*New Delhi*
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