फराह खान (बाएँ) और इमरान खान (साभार: ट्विटर/मनोरमा)
आर्थिक रूप से कंगाल पाकिस्तान में सियासी संग्राम चल रहा है। इसी बीच एक नाम चर्चा में आया है, वो है फराह खान (फरहत शहजादी) का। ये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बीवी बुशरा बीबी की सहेली हैं, जो कि इमरान सरकार में लगातार अमीर हुई हैं। इमरान सरकार में उनकी संपत्ति चार गुना बढ़ी है। ये संपत्ति 2017 में 231 मिलियन (करीब 200 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) थी, जो कि 2021 में बढ़कर 971 मिलियन (साढ़े 900 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) से भी ज्यादा हो गई।
हालाँकि, 2018 में उनकी टैक्स फाइलिंग बिल्कुल शून्य थी। फराह खान के कई सारे नाम भी हैं। वो फराह गुर्जर या फरहत शहजादी के नाम से भी जानी जाती हैं। बुशरा बीवी और इमरान खान का जब निकाह हुआ था तो वो भी फराह खान के घर पर हुआ था। इससे इमरान खान के साथ उनकी नजदीकी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एक न्यूज इन्वेस्टिगेशन से इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उस्मान बुजदार को जब से पंजाब प्रान्त का मुख्यमंत्री बनाया है। तभी से फराह खान की किस्मत के सितारे बुलंदी पर हैं। इमरान सरकार के पहले तीन वर्षों के भीतर फराह ने अलग-अलग शहरों में कई संपत्तियाँ खरीदीं और विभिन्न प्रकार के बिजनेस में भी करोड़ों का निवेश किया। रिपोर्टों में खुलासा किया गया है कि फराह खान ने 2019 में ब्लैक मनी स्कीम (टैक्स एमनेस्टी स्कीम) लाभ लिया और इसके तहत 328 मिलियन रुपए (300 करोड़ से अधिक पाकिस्तानी रुपए) की संपत्ति घोषित की।
उन्होंने लाहौर और इस्लामाबाद में प्रॉपर्टी खरीदी। इस्लामाबाद में फराह खान ने पॉश इलाके में एक विला भी खरीदा। दस्तावेजों के अनुसार, फराह खान ने इस्लामाबाद के सेक्टर एफ-7/2 में 933 वर्ग गज के घर का खुलासा किया, जिसे उन्होंने 195 मिलियन रुपए ( 200 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) में खरीदा था।
हालाँकि, फराह खान के करीबियों का कहना है कि उन्होंने भ्रष्ट्रचार नहीं किया है औऱ सही तरीके से संपत्तियाँ अर्जित की हैं। बहरहाल फराह के शौहर अहसान जामिल गुज्जर पहले ही अमेरिका चले गए हैं। जबकि हाल ही में फराह भी पाकिस्तान छोड़ दुबई भाग गई।
एक करोड़ से अधिक कीमत के हैंडबैग के कारण आईं चर्चा में
पाकिस्तान की ट्रांसफर-पोस्टिंग क्वीन कही जाने वाली फराह खान की हवाई जहाज में बैठे तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें उनके हैंडबैग को लेकर दावा किया गया था कि उसकी कीमत 90,000 डॉलर (1.66 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) थी। पीएमएल-एन नेता और पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने फराह पर पंजाब प्रान्त में सिविल सर्विस के 3 अधिकारियों के ट्रांसफर के बदले में मोटी रकम घूस के रूप में लेने का आरोप लगाया था।