गीत संख्या – 6
यज्ञ के लाभ और गीता
तर्ज – हम वफा करके भी तन्हा रह गए …..
यज्ञ से आनन्द मिलता यह ऋषिवर कह गए।
यज्ञ से भगवान मिलता यह मुनिवर कह गए।।
यज्ञ से कल्याण पाता हर जीव जो जन्मा यहाँ।
जिसने पकड़ा यज्ञ को वही तर गए …..
यज्ञ से आनन्द मिलता यह ऋषिवर कह गए..
श्रद्धा पैदा कीजिए और यज्ञ पर बैठो सदा ।
है कर्म सबसे श्रेष्ठ ज्ञानी कह गए ……
यज्ञ से आनन्द मिलता यह ऋषिवर कह गए..
जिसने भुलाया यज्ञ को और नींद में सोते रहे।
पार करने से वो नदिया रह गए …
यज्ञ से आनन्द मिलता यह ऋषिवर कह गए…
यज्ञ से बाकी बचे जो उसमें ही आनंद लो।
भक्ति में ऐसा हमसे माधव कह गए ……
यज्ञ से आनन्द मिलता यह ऋषिवर कह गए…
( ‘गीता मेरे गीतों में’ नमक मेरी नई पुस्तक से)
डॉ राकेश कुमार आर्य
संपादक : उगता भारत