मेरे एक मित्र बड़े जोर-शोर से तर्क दे रहे थे की #मोदी जी ने 14.2% रेल किराया बढ़ा दिया, अब तो पैसे आ गये, अब रेलवे का विकास करो, रेलवे की खराब स्थिति को सुधारो ! उनकी जानकारी के लिये कुछ तथ्य दे रहा हूँ :-
पेसेंजर ट्रेन से सलाना कुल 43000 करोड़ का रिवेन्यू जेनेरेट होता है, #मोदी सरकार ने 14.2 % किराया बढ़ाया, जिससे की करीब 6000 करोड़ की अतिरिक्त कमाई रेलवे को होगा ! वहीं मालगाड़ी से सलाना कुल 96000 करोड़ का रिवेन्यू जेनेरेट होता है, और किराया बढ़ाया गया करीब 6 %, जिससे की करीब 6000 करोड़ की कमाई होगी !
पिछली सरकार इन 10 सालों मे पेसेंजर किराया तो कभी नही बढ़ाया पर मालगाडी का किराया इतना ज्यादा बढ़ा दिया की भारतीय रेलवे माल ढुलाई के मामले मे दुनिया मे सबसे मंहगी हो चुकी है, जिससे हमारे एक्सपोर्ट पर बुरा प्रभाव पड़ता है ! वहीं दूसरी तरफ पेसेंजर ट्रेन का किराया दुनिया मे सबसे कम हिन्दुस्तान मे ही है ! इसी तरह की गलती कर आज पाकिस्तान रेलवे बंद होने की कगार पर है !
आजादी से पहले जितना रेलवे लाइन और पटरी अंग्रेज़ बनाकर चले गये, उसमे हम पिछले 60 सालों मे सिर्फ 5-7% की ही बढ़ोतरी ही कर पाये हैं, यहाँ तक की आज भी वही पुल और स्टेशन को सिर्फ मरम्मत करके काम चलाया जा रहा है ! रेलवे के सिग्नल, इंजन की टेक्नालजी आज भी 70 और 80 के दशक वाली है, हमारी रेलवे पटरी 200 किमी / घंटा से ज्यादा रफ्तार झेल नही सकती !
इन सब एरिया मे बहुत बड़े इन्फ़्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट की निहायत जरूरत है और और इन 10-12 हजार करोड़ रुपये से कुछ नही होने जाने वाला, मोदी जी इस काम मे लगे हुए हैं, कैसे करेंगे इसको तो कम से कम मोदी जी पर छोड़ देना चाहिये !
अविनाश सिंह