चकोतरा
आचार्य बालकृष्ण
चकोतरा संतरे की प्रजाति का फल है | यह सभी रसदार फलों में सबसे बड़े आकार का फल है | चकोतरे में संतरे की अपेक्षा सिट्रिक अम्ल अधिक तथा शर्करा कम होती है | इसका छिलका पीला तथा अंदर का भाग लाल रंग का होता है | इसमें नींबू और संतरे के सभी गुण मिलते हैं | चकोतरा शीतल प्रकृति का होता है तथा इसका स्वाद खट्टा और मीठा होता है | यह प्यास को रोकता है तथा भूख बढ़ाता है | इसके सेवन से चेहरे का रंग साफ़ होता है |
विभिन्न रोगों में चकोतरे का उपयोग –
१- चकोतरे के पत्तों का दस- बीस मिली रस प्रतिदिन सुबह – शाम सेवन करने से उँगलियों का कांपना ठीक हो जाता है |
२- चकोतरे के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर की थकावट दूर होती है |
३- मलेरिया में चकोतरे का रस पीने से लाभ होता है क्यूंकि इसके रस में कुनैन होता है |
४- चकोतरे के रस में पानी मिलकर पीने से बुखार में लाभ होता है तथा अधिक प्यास लगना बंद हो जाता है |
५- चकोतरे के सेवन से जुकाम से भी बचा जा सकता है