पलक झपकते ही दुश्मन के रॉकेट को नष्ट करता है इसरायल
आयरन डोम यानी बैटरी
‘आयरन डोम’ एक मोबाइल वायु रक्षा प्रणाली है। इसे राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा डेवलप किया गया है। इसे रक्षा मिसाइल बैटरी भी कहते हैं। पूरे इजरायल में इस तरह की सात रक्षा मिसाइल बैटरी लगी हुई है। हर बैटरी इंटरसेप्ट मिसाइल क्षमता से लैस है। इसे सिक्योर्ड वायरलेस कनेक्शन के जरिए ऑपरेट किया जाता है। आयरन डोम में एक रडार यूनिट, मिसाइल कंट्रोल यूनिट और कई लॉन्चर्स शामिल हैं। यह रक्षा प्रणाली हर मौसम में काम करने में सक्षम है। बता दें कि 70 किमी के दायरे में आयरन डोम से निकली मिसाइल विरोधी के रॉकेट को हवा में नेस्तनाबूत कर देती है।
‘आयरन डोम’ का पहला परीक्षण नवंबर 2012 में किया गया था। इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने बीते दस दिनों में 90 फीसदी रॉकेट हमलों को नाकाम किया। राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स के मुताबिक, बैटरीज एक साथ कई हमलों को रोकने की क्षमता रखती है। हालांकि, यह तकनीक किसी निर्जन या सुनसान जगह पर होने वाले रॉकेट हमलों को विफल नहीं करती। इसका मकसद रिहायशी इलाकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
महंगी है तकनीक
2012 के आखिर तक इजरायल ने दक्षिण इलाके और तेल अवीव में पांच बैटरीज स्थापित की थीं। सितंबर 2013 में सीरिया की ओर से आंतकी हमलों से बचने के लिए छठवीं बैटरी लगाई गई। बता दें कि इस तकनीक पर काफी खर्च आता है। अनुमान तौर पर एक बैटरी की लागत 300 करोड़ रुपए आती है।
वहीं, इसमें लगने वाली प्रत्येक तमीर इंटरसेप्टर्स की कीमत 60 लाख रुपए है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इजरायल इस तकनीक को और भी ज्यादा विकसित करने और 15 बैटरीज खरीदने के लिए 6 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। इजरायल ने इस तकनीक को किसी भी देश को बेचने से मना कर दिया।
चंद्रमणि चौहान के फेसबुक प्रोफाइल से