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आज विश्व जल दिवस है| पर्यावरण गोष्ठियों सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जल संरक्षण जल की महत्ता को लेकर अनेकों अनेक जागरूकता संदेश प्रचारित प्रसारित किए जा रहे हैं| बात जब जल के बचाने को लेकर होती है तो आधुनिक वाटर कंजर्वेशन के तमाम मॉडल्स पर डिस्कशन होता है लेकिन दुनिया का सबसे बेहतरीन अनूठा लाजवाब वाटर कंजर्वेशन मॉडल हमारे शरीर में मौजूद है… वर्ष 2003 का केमिस्ट्री का नोबेल इसी वॉटर कंजर्वेशन मॉडल जिसे aquaporin सिस्टम कहा जाता है उसे दुनिया को समझाने के लिए पीटर एग्री को मिला था|

पंचतत्व से यह शरीर बना है पृथ्वी अग्नि जल वायु आकाश सर्वाधिक प्रधानता जल तत्व की है मानव शरीर में 60 /70फीसदी लगभग जल ही होता है| 2003 तक साइंटिस्ट नहीं जानते थे मानव शरीर में जल कैसे रीसाइकिल एक्सचेंज निष्कासित होता है…. हमारे शरीर की अरबो खरबो कोशिका में जल का आदान-प्रदान किस तरह होता था कोई जानकारी नहीं थी | हमारा शरीर जो जल हम पीते हैं उसे मिनिमम वेस्टेज के आधार पर यूटिलाइज करता है…. दोनों गुर्दे 24 घंटे में 170 लीटर प्राइमरी यूरिन बनाते हैं… समझना यह है यदि इतनी भारी मात्रा में प्राइमरी यूरिन बनता है तो मानव कितने जल का उपयोग करेगा प्रत्येक मनुष्य की जल की खपत बढ़ जाएगी जल का अनावश्यक असीमित उपयोग होगा…. इस संकट से बचाने के लिए भगवान ने मानव गुर्दों को recycling plant से लैस कर दिया है जो 170 lt. प्राइमरी यूरिन को घटाकर वेस्टेज के तौर पर 1 से 2 लीटर फाइनल यूरिन में तब्दील कर देता है.. है ना अद्भुत व्यवस्था इस काम में मुख्य भूमिका दोनों गुर्दों की विशेष क्रियात्मक सर्जनात्मक इकाई नेफ्रॉन निभाती हैं… प्रत्येक गुर्दा 10 लाख नेफ्रॉन से मिलकर बना है नेफ्रॉन बहुत ही महीन छन्नी है…..|

हमारा शरीर पानी कैसे बचाया जाए? कैसे उसका संरक्षण किया जाए? कैसे उसका अधिकतम उपयोग किया जाए? भली भांति जानता है लेकिन हम नहीं जानते यह अजीब विडंबना है|

हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका जल को बचाना जानती हैं प्रत्येक कोशिका के बीच minimum water wastage पर आधारित वाटर चैनल्स काम करता है जो विशेष जल रोधी एक्वा प्रोटीन से काम करता है प्रति सेकंड हमारे शरीर के इन वाटर चैनल में जल के हजारों अणु गुजरते हैं|

आप सभी को अंतरराष्ट्रीय जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आओ मिलकर जीवन के आधार जल को बचाने का संकल्प लें!

आर्य सागर खारी✍✍✍

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