“मुस्लिम , जो इस्लामिक शरिया क़ानून चाहते हैं उन्हें बुधवार तक ऑस्ट्रेलिया से बाहर जाने के लिए कहा है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया देश के कट्टर मुसलमानो को आतंकवादी समझता है । ऑस्ट्रेलिया के हर एक मस्जिद की जाँच होगी और मुस्लिम इस जाँच में हमे सहयोग दें ।
जो बाहर से उनके देश मे आए हैं, उन्हें ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए अपने आप को बदलना होगा और ना कि ऑस्ट्रेलियन लोगो को .. अगर नहीं होता है तो मुसलमान मुल्क छोड़ सकते हैं !
कुछ ऑस्ट्रेलियन चिंतित है ये सोच के की क्या हम किसी धर्म का अपमान तो नहीं कर रहे .. पर मैं ऑस्ट्रेलियन लोगों को विश्वास देती हूँ की हम जो भी कर रहे है वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के लोगों के हित में कर रहे हैं !
हम यहा इंग्लिश बोलते है ना की अरब .. इसलिए अगर इस देश में रहना होगा तो आपको इंग्लिश सीखनी ही होगी ! ऑस्ट्रेलिया में हम JESUS को भगवान मानते हैं , हम भगवान को मानते है ! हम सिर्फ़ हमारे CHRISTIAN RELIGION को मानते है और किसी धर्म को नहीं इसका यह मतलब नहीं कि हम सांप्रदायिक है ! इसलिए हमारे यहां भगवान की तस्वीर और धर्म ग्रंथ सब जगह होते है ! अगर आपको इस बात से आपत्ति है तो दुनिया में आप कहीं भी जा सकते हैं ऑस्ट्रेलिया छोड़ कर ।
ऑस्ट्रेलिया हमारा मुल्क है , हमारी धरती है , और हमारी सभ्यता है । हम आपके धर्म को नहीं मानते पर आपकी भावना को मानते हैं ! इसलिए अगर आपको नमाज़ पढ़नी है तो ध्वनि प्रदूषण ना करें .. हमारे ऑफिस , स्कूल या सार्वजनिक जगहों में नमाज़ बिल्कुल ना पढ़ें ! अपने घरों में या मस्जिद में शांति से नमाज़ पढ़ें । जिस से हमें कोई तकलीफ़ ना हो ।
अगर आपको हमारे ध्वज से , राष्ट्रीय गीत से , हमारे धर्म से या फिर हमारे रहन-सहन से कोई भी शिकायत है तो आप अभी इसी वक़्त ऑस्ट्रेलिया छोड़ दें ” ।
– ऑस्ट्रेलिया प्राइम मिनिस्टर, जूलिया गिलार्ड
सीखो भारत के नेताओं .. कुछ सीखो इनसे….
जोधपुर एचएमएस