*भारतीय शिक्षा के साथ विदेशी शिक्षा*


प्रौ महीपाल सिंह (शिक्षाविद् एवं अंतरराष्ट्रीय परामर्शदाता)

आज भारत बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने लगा है जैसा की सर्वविदित है भारत ने 2020 में नई एजुकेशन पॉलिसी को मान्यता प्रदान की है जिसमें स्कूली शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा पर तथा उसकी गुणवत्ता पर काबिले तारीफ गौर किया गया है अब भारत के विश्वविद्यालय एनआईआरएफ की रेटिंग के आधार पर विदेश के उच्चतम विश्वविद्यालयों के साथ क्वालिटी स्टैंडर्ड रेटिंग के आधार पर तथा उनके मापदंडों पर आधारित एक संयुक्त पाठ्यक्रम चला सकेगे

निसंदेह भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से जो विदेशी शिक्षा बिल को पास किया है उसके प्रमाण स्वरूप भारत में भी उच्च शिक्षा का एवं गुणवत्ता वाली शिक्षा का बढ़ावा मिलना और यह सरकार का स्वागत योग्य कदम भी है मैं अपने लगभग 20 वर्ष के पठन-पाठन एवं अध्यापन के आधार पर यह मानने को तत्पर हूं कि अब तक चुनिंदा संस्थानों को छोड़कर भारत में शिक्षा का स्तर काफी नीचे है जिसके कारण बहुत सारे हैं

क्योंकि हमारा स्कूली ढांचा ज्यादा प्रैक्टिकल न होकर सिर्फ किताबी ज्ञान को प्रोत्साहित करता है जिसके कारण बच्चों में समझने की बजाय रटने की परवर्ती ज्यादा बनती जोकि हमारे शिक्षा ढांचे में कमी को उजागर करता है
फिर उच्च शिक्षा में भी सिलेबस का समय-समय पर अपडेट ना होना भी हमें दुनिया के संस्थानों में प्रतिस्पर्धा करने में पीछे छोड़ता है हम यह निसंकोच मानते हैं कि व्यवसायिक शिक्षा टेक्निकल शिक्षा में गुणवत्ता का सतर इस कदर गिरा है कि आज बीटेक और एमबीए करने वाले छात्र ₹10000 की मासिक तनख्वाह भी पाने में असमर्थ हैं जब व्यवसायिक और टेक्निकल शिक्षा पाने वाले छात्रों का यह हाल है तो गैर तकनीकी और कला के छात्रों का क्या हाल होगा आप सहज अनुमान लगा सकते हैं
अब हम विदेशी उच्चतर विश्वविद्यालयों के साथ हमारे विश्वविद्यालय करिकुलम डिजाइन कर सकेंगे तथा संयुक्त पाठ्यक्रम चला सकेंगे जिससे विश्व पटल पर हमारे विश्वविद्यालयों की भी रेटिंग बढ़ेगी तथा हमारे विश्वविद्यालयों में शिक्षा पाने वाले छात्रों का शैक्षणिक एवं कॉन्फिडेंट बढ़ेगा यह भारत सरकार का सराहनीय कदम है इसे विश्वविद्यालय को आगे बढ़कर विशेष विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ हाथ मिलाकर जल्द से जल्द अपने आप को उस दिशा में बढ़ाना चाहिए जिसके कारण हमारे देश में बढ़ रही युवा आबादी को सही दिशा एवं सही शिक्षा वाजीब फीस पर मिल सके।
नमस्कार धन्यवाद

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