ईसबगोल के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव –
१- ईसबगोल को यूकलिप्टस के पत्तों के साथ पीसकर माथे पर लेप करने से सिर दर्द ठीक होता है |
२- ईसबगोल को दही के साथ सेवन करने से आंवयुक्त दस्त और खूनी दस्त के रोग में लाभ मिलता है |
३- एक से दो चम्मच ईसबगोल की भूसी सुबह भिगोई हुई शाम को तथा शाम की भिगोई हुई सुबह सेवन करने से सूखी खांसी में पूरा लाभ मिलता है |
४- चार चम्मच ईसबगोल भूसी को एक गिलास पानी में भिगो दें और थोड़ी देर बाद उसमें मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है |
५- ईसबगोल को पानी में लगभग दो घंटे के लिए भिगोकर रखें | इस पानी को कपड़े से छानकर कुल्ले करने से मुँह के छाले दूर हो जाते हैं |