उत्तर प्रदेश की जनता का जनादेश : बदमाशी के विनाश के लिए चाहिए संन्यासी

‘उगता भारत’ का आकलन सही सिद्ध हुआ

गाजियाबाद। ( डॉ राकेश कुमार आर्य) हमने अबसे 2 महीने पूर्व अपने इसी कॉलम में लिखा था कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार फिर से वापसी कर रही है। यद्यपि कुछ सर्वे एजेंसी इस बात पर सहमत हैं कि योगी विधानसभा की उतनी सीटें इस बार नहीं ले पाएंगे जितनी पिछले चुनाव में ले गये थे। इस बार कुछ सीटें कम हो जाएंगी, परंतु सरकार बनना लगभग तय दिखाई दे रहा है। भाजपा को टक्कर देते हुए सपा अपनी कुछ सीटों को बढ़ाएगी तो कांग्रेस और बसपा अपनी वर्तमान स्थिति को भी बचाए रखने में सफल नहीं हो पाएंगी। हमने उस समय एक लेख में यह भी लिखा था कि भाजपा लगभग ढाई सौ सीटें लेने में सफल होगी।
…..  और आज चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि हमने जो लिखा था वही सच सिद्ध हो गया है। उत्तर प्रदेश से गुंडावाद के खात्मे के लिए लोगों ने बाबा के बुलडोजर को पसंद किया।
     उत्तर प्रदेश की सत्ता में निरन्तर दूसरी बार वापसी कर योगी आदित्यनाथ ने शानदार इतिहास रचा है। उत्तर प्रदेश की जनता ने बाबा के हाथों में एक बार फिर प्रदेश की कमान सौंपकर स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें बदमाशी नहीं संन्यासी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने सचमुच अपने विपक्षियों की गर्मी शांत कर दी है। उनका बुलडोजर पहले से भी अधिक ताकत के साथ उन अपराधियों, भूमाफियाओं, अवैध खनन के काम में लगे हुए लोगों और तमाम बदमाशों के खिलाफ और भी तेजी से चलेगा जो किसी न किसी ढंग से प्रदेश की गरीब और शरीफ जनता का शोषण करते चले आ रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ने ‘बदमाशी बनाम संन्यासी’ को प्रदेश के लिए चुनावी मुद्दा बनाया और इसे एक शांत विमर्श का विषय बनाकर लोगों के बीच छोड़ने में सफलता प्राप्त की । यही कारण रहा कि लोगों ने अपने आप चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी लेकर भाजपा के प्रत्याशियों की ओर न देखकर केवल मोदी और योगी की ओर देखते हुए भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया। लोगों ने जात पात, क्षेत्रवाद,संप्रदायवाद और स्थानीय मुद्दों को नकार कर योगी मोदी को वोट दिया।
  1977 व 1984 के चुनावों के बाद यह पहला चुनाव है जब प्रदेश के मतदाताओं ने अपने आप किसी पार्टी का कार्यकर्ता बनकर चुनाव प्रचार का काम संभाला। यही कारण रहा कि कितनी ही सीटों पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपने पार्टी के ही प्रत्याशी की चाहे कितनी ही जड़ें क्यों न खोद ली हों परंतु जनता ने उन्हें प्रचंड मतों से जिताकर फिर से विधानसभा में भेज दिया। इस शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी दोनों का चेहरा , चाल व चरित्र बहुत अधिक उत्तरदायी है । क्योंकि आम मतदाताओं को हमने स्वयं अपने कानों से यह कहते सुना कि मोदी और योगी दोनों ही स्वभाव से सन्यासी हैं और निष्काम भाव से देश की सेवा कर रहे हैं। इन दोनों को कुछ नहीं चाहिए । इसलिए इनकी निष्काम भक्ति को पुरस्कार मिलना ही चाहिए। यही कारण रहा कि प्रदेश का मतदाता स्वयं भाजपा का कार्यकर्ता बनकर काम करने लगा।
  लोगों ने बता दिया कि उनके लिए आज यह पंक्तियां प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं :–

मन भी भगवा, तन भी भगवा,
कण-कण भगवाधारी है।
जन्म दिया है भारत में
हम तेरे आभारी हैं।।

 

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