-ललित मिश्र-
स्वच्छ, सुंदर, हरित, स्वस्थ और सुरक्षित नगर हो तो उसे देश का नंबर वन शहर ही कहा जाएगा। नोएडा शहर के अधिकारियों ने आपसी सामंजस्य बैठाकर शहर को नंबर वन बना दिया है। इस पूरे प्रयास में जनभागीदारी को महत्वपूर्ण श्रेय देना होगा। शहर को नंबर वन बनाने में नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी द्वारा दिखाई गई दिलचस्पी ने पूरे शहर को आकर्षक बना दिया है। शहर में प्रवेश करते ही दीवारों पर बनी पेंटिंग सड़क किनारे एवं पिलर पर हरियाली मन मोह लेती है। गड्ढा रहित एवं आकर्षक बनी साफ सड़कें राहगीरों को आनंदित कर देती है। सुबह और शाम को चलने वाले फुव्वरे एवं शाम को विद्युत लाईटों से जगमगाया नोएडा शहर की सुंदरता को प्रदर्शित करता है। चप्पे-चप्पे पर खड़ी पुलिस शहर की सुरक्षा को बखूबी अंजाम देती है। अपराधियों पर कड़ा नियंत्रण हो चुका है। साफ सुथरा होने के कारण बीमारियां में भी कमी आई है, साथ ही यहां देश के आधुनिक सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों का बड़े स्तर पर प्रबंध किया गया है। हमारे शहर में पूरी दुनिया से इलाज कराने के लिए मरीज पहुंचते हैं। स्वस्थ होकर अपने घर लौटते है।
24 घंटे सातों दिन सेवा- आमजन को नोएडा शहर स्वस्थ, स्वच्छ, सुंदर, हरित एवं सुरक्षित नजर आने लगा है। आने वाले दिनों में नोएडा प्राधिकरण की नीतियों का पूरे देश को अनुसरण करना होगा, क्योंकि नोएडा वेस्टेज से उत्पादन कर रहा है तथा वेस्टेज डम्पिंग स्थल पर 4.86 करोड़ की लागत से वैटलैंड का अद्भुत निर्माण किया है। सुन्दर व स्वच्छ शहर बनाने के लिये करीब साढ़े आठ सौ वाहन व साढ़े पांच हजार स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी छमता के साथ कार्यरत है। प्राधिकरण की सीईओ व हैल्थ ऑफीसर निरन्तर समीक्षा करते है। करीब 10 लाख की आवादी वाले नोएडा को नम्बर-1 पर लाने के लिये प्राधिकरण अधिकारियों ने 8 घंटे नौकरी को किनारे रख 24 घंटे सातों दिन सेवा का जरिया बना कर भी एक मिसाल कायम कर दी है। देर शाम और छुट्टी वाले दिन भी अधिकारी काम करते देखे जा सकते है।
क्या आप जानते है- नोएडा प्राधिकरण द्वारा शत प्रतिशत घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाता है। एकत्र किया गया कूड़ा चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है। गीला, सूखा, घरेलू, खतरनाक व सेनेटरी बेस्ट को अलग-अलग रखा जाता है। देश का पहला शहर है जो अब सड़कों पर रखे कूड़ेदान से मुक्त बन गया है। सफाई कर्मियों को सुरक्षित तरीके से काम करने क लिये प्राधिकरण ने तमाम सुविधा उपलब्ध कराई है। उनके हितों का ध्यान रखते हुए उनको सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सफाई कर्मियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है। उन्हें पीपीई किट भी उपलब्ध कराई गई है। नोएडा शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त कर दिया गया है। 50 माइक्रोन से कम प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। प्रयोग करने पर दंडित करने का प्रावधान रखा गया है। प्राधिकरण की योजना के अनुसार बर्तन बैंक, थैला बैंक, प्लास्टिक से सड़क का निर्माण, गोबर से दीए बनाना, कचरे से उपयोगी सुंदर वस्तुओं का निर्माण, प्लास्टिक वेस्ट से एशिया का सबसे बड़ा चरखा बनाना, नाली में बंबू नेट लगाना, सिंचाई, सड़कों की धुलाई, छिड़काव, निर्माण आदि एसटीपी के शोधित पानी का अधिकतम प्रयोग करना, गीले कचरे एवं हॉर्टिकल्चर वेस्ट से कंपोस्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है। नोएडा जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र में 110 सेक्टर एवं 61 ग्रामों एवं 220 हाई राइज सोसायटीयों में सैनिटाइजेशन का भी काम किया जा रहा है तथा नित्य साफ सफाई का कार्य संपादित होता है।
स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड- स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में गार्वेज फ्री सिटी में 05 स्टार रैकिंग प्रदान की गई। सम्पूर्ण भारतवर्ष में यह रैकिंग मात्र 09 शहरों को प्रदान की गई है। उत्तर प्रदेश में मात्र एक शहर नौएडा को ही यह रैकिंग प्रदान की गई है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में 03 से 10 लाख आबादी वाली श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्रदान किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में 01 से 10 लाख आबादी वाली श्रेणी में चतुर्थ स्थान प्राप्त हुआ। इस श्रेणी में नौएडा द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण- 2018 में 324वां, वर्ष 2019 में 250वां एवं वर्ष 2020 में 25वां स्थान प्राप्त किया गया था। सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में नौएडा को 11वां स्थान प्राप्त हुआ है। नौएडा को उक्त सभी पुरस्कार केन्द्रीय मंत्री, आवासन और शहरी कार्यालय मंत्रालय, भारत सरकार, हरदीप सिंह पुरी द्वारा प्रदान किये गये। नौएडा प्राधिकरण इसी प्रकार और अधिक लगन के साथ कार्य करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूप से प्रयासरत है।
सर्वाधिक सार्वजनिक शौचालय वाला शहर- नोएडा शहर में लगभग प्रत्येक मार्ग पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है। यहां बने सभी शौचालय अत्याधुनिक एवं उत्कृष्ट बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए अलग से शौचालय का निर्माण किया गया है पिंक टॉयलेट की सुंदरता देखते ही बनती है। यह सभी शौचालय गूगल मैप पर भी आसानी से देखे जा सकते हैं।
आवारा पशु एवं गौशाला- शहर में आवारा जानवरों एवं पशुओं के घूमने पर प्रतिबंध है। पालतू जानवरों को भी सार्वजनिक स्थानों पर घूमने पर प्रतिबंधत किया है। नियम के विरुद्ध पाने पर दंड देने का भी प्रावधान रखा गया है। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे पशुओं के लिए गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण किया गया है यह आश्रम नंगली बाजिदपुर में अस्थाई रूप से बनाया गया है 2.5 हेक्टेयर क्षेत्रफल में शेड बनाए गए हैं जिसका शहर के लोग लाभ ले सकते हैं। गोवंश आश्रय के लिए प्राधिकरण की अन्य योजनाओं पर भी तेजी से काम चल रहा है। सेक्टर 94 की एनिमल सेंटर एनजीओ द्वारा एनिमल को सुरक्षा दी जाती है। कुशल चिकित्सकों द्वारा जानवरों व पशुओं की चिकित्सा का प्रबंध किया गया है।
एक कॉल पर प्रभावी समाधान- नोएडा प्रधिकरण द्वारा जन स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रभावी समाधान के लिये 9717080605 व्हाट्स ऐप नम्बर जारी किया गया है। इस नम्बर पर फौगिंग, कचरा, साफ- सफाई, आवारा अथवा मरे जानवर, कचरा उठाने वाले वाहनों की समस्या आदि के लिये सम्पर्क किया जा सकता है। शिकायत अथवा सुझाव पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाती है।