कहा जाता है कि डूबते को तिनके का सहारा पर्याप्त होता है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के एग्जिट पोल आते ही जहां बीजेपी के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई वहीं अधिकांश एग्जिट पोल में बीजेपी को सत्ता में लौटते हुए दिखाए जाने से सपा के खेमे में मायूसी पसर गई। इसी दौरान देशबंधु के एग्जिट पोल ने यह भी अनुमान लगा दिया कि सपा सत्ता में आ रही है। जिससे सपा के खेमे में भी बड़ी राहत महसूस की गई। उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह बड़ी खबर है कि 11 अलग-अलग एजेंसियों के सर्वे में उनके सत्ता में फिर से लौटने का दावा किया गया है।
यूपी में मतदान के आखिरी दिन 12 अलग-अलग एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए। 11 सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया कि यूपी में एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ सरकार बनाने जा रहे हैं। इन सभी सर्वे में भाजपा को बहुमत से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। जैसे ही ये सर्वे आने शुरू हुए समाजवादी पार्टी के खेमे में मायूसी छा गई। टीवी चैनलों पर लाइव डिबेट में बैठे सपा नेता इन एग्जिट पोल को झूठा बताने लगे, लेकिन एक समय ऐसा आया, जब सपा की उम्मीदें भी जाग उठीं।
इंडिया टुडे एक्सिस, जी न्यूज, एबीपी सी वोटर, इंडिया टीवी ग्राउंड जीरो रिसर्च, इंडिया टीपी सीएनएक्स समेत 11 न्यूज चैनलों और एजेंसियों ने अनुमान जताया कि यूपी में भाजपा की सरकार बन रही है। वहीं, देशबंधु के सर्वे में दावा किया गया कि इस बार अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। इस सर्वे में भाजपा को 134 से 150 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। समाजवादी पार्टी के खाते में 228 से 244 सीटें दी गईं हैं। बसपा को 10 से 24 और कांग्रेस को एक से नौ सीटें मिल सकती हैं।
जब तक सर्वे रिपोर्ट में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया जा रहा था, तब तक समाजवादी पार्टी के नेता एग्जिट पोल को झूठा साबित करने में जुटे थे। जैसे ही देशबंधु ने एग्जिट पोल जारी किया सपाइयों के सुर बदल गए। जो सपा नेता ट्विटर और फेसबुक पर एग्जिट पोल के खिलाफ बोल रहे थे, वही लोग देशबंधु की सर्वे रिपोर्ट का जिक्र करने लगे।
एग्जिट पोल आने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ट्विटर पर एक्टिव हो गए। सभी ने हैशटैग अखिलेश यादव, हैशटैग 10_मार्च_अखिलेश_आ_रहें_है का ट्रेंड चलाना शुरू कर दिया।
जिस वक्त न्यूज चैनल ये सर्वे रिपोर्ट प्रसारित कर रहे थे, उसी वक्त समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट करके अपना अलग एग्जिट पोल जारी कर दिया। न्यूज चैनलों के सर्वे के उलट सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार बनाने का दावा किया। अखिलेश ने लिखा, ‘सातवें और निर्णायक चरण में सपा-गठबंधन की जीत को बहुमत से बहुत आगे ले जाने के लिए सभी मतदाताओं और विशेषकर युवाओं का बहुत-बहुत आभार। हम सरकार बना रहे हैं।’
राजनीति में अंतिम क्षणों तक इंतजार करना चाहिए। कब हारी हुई बाजी जीत में बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इसलिए कोई भी राजनीतिज्ञ या किसी भी राजनीतिक पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता टीवी चैनलों की डिबेट में कभी यह नहीं कह सकता कि वह हार स्वीकार कर रहा है । क्योंकि ऐसा कहते ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए हार को भीतर से स्वीकार करने के उपरांत भी बाहर से पार्टी प्रवक्ताओं को मजबूती दिखानी पड़ती है । ऐसा ही इस समय सपा के प्रवक्ताओं के साथ होता हुआ लग रहा है।
मुख्य संपादक, उगता भारत