नई दिल्ली, 7 अगस्त, 2014। सांसद श्री ओम बिरला द्वारा लोकसभा में पूछे गये जैतून की खेती से जुड़े अतारांकित सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय कृषि एवं खाद प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने कहा कि वर्ष 2014-15 के दौरान आरंभ किये गये राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पाम मिशन (एनएमओओपी) के अन्तर्गत जैतून सहित वृक्षमूल तिलहन के लिए वृक्ष मूल तिलहन के बीज संग्रहण को बढ़ाने के लिए और बंजर भूमि के अन्तर्गत क्षेत्र विस्तार के लिए उत्कृष्ट रोपण सामग्रियों की वृद्धि करने के लिए मिनी मिशन-3 के अंतर्गत सहायता दी जाती है। उन्होने बताया कि एमएम-3 के घटकों में वर्तमान समंकित बंजर भूमि/अवक्रमित वन भूमि के साथ-साथ नई बंजर भूमि पर नर्सरियों और पौधारोपण का विकास, वृक्ष जनित तिलहन पौधारोपण परिपक्वन अवधि तक का रख-रखाव, अंतः-फसलन के लिए समर्थन, अनुसंधान विकास, पूर्व-प्रसंस्करण का वितरण, प्रसंस्करण और तेल निष्कर्षण उपकरण, बीज संग्रहन प्रशिक्षण आदि के संवर्धन के लिए भारतीय जनजातीय सहकारी समिति विपणन विकास संघ लिमिटेड (टीआरआईएफईडी) को सहायता शामिल है।
श्री बालियान ने बताया कि मिशन के अंतर्गत अनुसंधान और विकास सहायता को छोड़ कर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच कार्यक्रमों की लागत 75ः25 के अनुपात में हैं।