अबतक अल्लाह और मुहम्मद के बारे में कई जानकारियाँ मिल गयी होंगी .लेकिन अल्लाह का धंधा क्या है ,और मुहम्मद जिहाद ,लूट , के अलावा और क्या करता था ,यह बात यह बात बहुत कम लोग जानते है .मुहम्मद हरेक बीमारी का इलाज एक ही दवा से करता था ,और वह दवा थी मुहम्मद का “थूक “.यह सभी प्रमाण कुरआन और हदीसों से लिए गए हैं .इनंके कुछ नमूने मुहम्मद के यह काम थे देखिये –
1 -शुल्क वसूलना
(यमन के शहर सनआ से लेकर सीरिया के शहर दमिश्क तक व्यापार मार्ग (trade route ) था ,बीच में मक्का भी था , जहां मुहम्मद के साथी हथियार लेकर खड़े रहते थे और आने जाने वाले काफिलों से हफ्ता वसूलते थे , और जो हफ्ता नहीं देता था उसे क़त्ल कर देते थे इसके बारे में कुरान में यह कहा गया है )
“हे रसूल तुम इन लोगों से शुल्क (Tribute )क्यों वसूलते हो ,क्या इन लोगों को पता नहीं है कि इनके पास जो भी माल है वह सब अल्लाह का ही है “सूरा -अल मोमनीन 23 :72
“हे लोगो मैं तुमसे किसी बदले के लिए नहीं वसूलता हूँ ,मुझे तो दुनिया के मालिक ने तुम से अपनी मजदूरी (Wage )वसूलने का जिम्मा सौंप दिया है “सूरा -अश शुअ रा 26 :180
“हे नबी तुम लोगों से कहो कि मैं किसी निजी फायदे(Reward )के लिए नहीं वसूलता हूँ ,वसूलना तो अल्लाह के लिए है .सूरा-सबा 34 ;47
“मैं तुमसे बनावटी बातें करके किसी बदले के लिए अपना शुल्क नहीं वसूलता हूँ ,यह तो मैं अल्लाहके लिए वसूलता हूँ “सूरा -साद 38 :86
“हे नबी तुम इन लोगों से इतना अधिक क्यों मांगतेहो ,यह तो खुद कर्जे से दबे हुए है ”
सूरा-अत तूर 52 :40
“हे नबी तुम लोगों से कहदो कि ,हमारे लोग वसूलने का काम करते रहते हैं ,और हम उनके दायें बाएं खड़े होकर ताक में लगे रहते हैं ,कि कोई छूट न जाये “सूरा -काफ 50 :17 और 18
“हे मुहम्मद तुम इन गरीब लोगों से इतना अधिक वसूलते हो कि ,यह बुगतान के बोझ के तले दबे जा रहे हैं “सूरा -अल कलम 68 :46
2 -कर्जा मांगना
“कौन है जो अल्लाह के नाम पर कर्जा दे ,और अल्लाह बदले में (जिहाद के बाद )कई गुना लौटा देगा “सूरा बकरा 2 :245
“लोगो रसूल ने इसी लेनदेन धंदे में अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है ,ताकि (जिहाद के बाद )अल्लाह रसूल को कई गुना बढाकर खर्चे का पूरा पूरा बदला चुका दे “सूरा -फातिर 35 :30
“सईद बिन जुबैर ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,जो भी व्यक्ति जिहाद के लिए अपना घोड़ा ,ऊंट ,या हथियार उधार में देगा तो ,जिहाद के बाद उसे बदले में सात सौ गुना अधिक मिलेगा ,एक लुहार ने रसूल को अपना ऊंट और उसकी काठी हथियारों के साथ रसूल को जिहाद के लिए दी .रसूल ने उस से कहा ,क़यामत के दिन तुझे सात सौ ऊंट काठी के साथ जरुर मिलेंगे “बुखारी -जिल्द 3 किताब 41 हदीस 572
3 -वजन करना -तौलना
“हम इंसाफ का वजन करते हैं ,और ठीक से तौलकर रखते हैं तौल में कमी नहीं करते ”
सूरा रहमान 55 :7 -8
“हम लोगों के उनके किये कामों को ,तौलते हैं और ,लिखते रहते हैं .सूरा -अल कमर 54 :52 -53
“अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने बताया कि ,अल्लाह लोगों के कर्मों का वजन करता है ,और सोमवार से गुरुवार तक हरेक के कर्मों का वजन किया जाता है .और मैं भी वहां पहुँच जाता हूँ -तिरमिजी -हदीस 627
4 -बिगुल (Trumpet )बजाताहै
“हम बार बार बिगुल बजाते हैं ,जिस से उस समय किसी का किसी से कोई नाता नहीं रह जाता .लोग एक दूसरे को नहीं पूछते .और घबरा जाते हैं “सूर -अल मोमनीन 23 :101 और 102
“हम बुगुल बजाकर तुम्हें धमकी देते रहते है.और बिगुल फूँकते रहते हैं “सूरा -काफ 50 :20 .
5 -लालच देना -डराना
“अबू हुरैरा ने कहा कि,रसूल नेकहा कि ,रत को रोज दो फ़रिश्ते अरब की जमीं पर उतरते हैं और मुसलमानों से कहते है कि उन्होंने जो मॉल अल्लाह को उधार दिया है ,अल्लाह जल्द ही उसकी भरपाई कर देगा .और बदले में कई गुना जादा माल देगा .
बुखारी -जिल्द 2 किताब 24 हदीस 522
“समूरा बिन जुनदाब ने कहा कि ,रसूल ने बताया कि ,वह एक बार यरूशलेम जा रहे थे ,रस्ते में एक खून कि नदी देखी ,जिसके किनारे लोग दो आदमियों को पत्थर मार रहे थे .यह नदी उन्हीं के खून से भरी है .पूछने पर रसूल ने बताया कि इन दौनों आदमियों ने अलाह का कर्जा नहीं चुकाया था .जो भी अल्लाह का कर्जा नहीं देगा ,उसकी यही हालत होगी .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 298 .
6 -कबरें खोलना
“मलबरा बिन अजीब ने कहा कि ,रसूल ने बताया ,जब किसी ईमानवाले को दफ़न किया जाता है ,तो अल्लाह उसकी कबर खोलता है .और मुर्दे को खड़ा करके उस से सवाल करता है .
बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 541
“अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा जब किसी मोमिन को दफ़न किया जाता है ,तो अल्लाह उसकी कबर खोलकर दो फ़रिश्ते अन्दर घुसा देता है .और फ़रिश्ते मुर्दे से सवाल पूछते है
.सुन्नन नसाई -जिल्द 2 हदीस 2055
“अबू सैद ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,अल्लाह गैर मुस्लिमों की कबरें खोलकर उसमे 99 भयानक Dragon घुसा देता है .,जो मुर्दे को लगातार कटते रहते हैं .और सभी जानवर जहरीले होते हैं .
बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 443
“अबू अय्यूब ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,अल्लाह यहूदियों की कब्रों को खोल देता है .और मुर्दों को खड़ाकर उनपर कोड़े लगाता है .रसूल ने कहा कि मैं एक बार कब्रिस्तान से गुजर रहा था तो मुझे चीखने चिलाने कि आवाजें सुनाई दीं.तब मुझे पता चला कि यहूदियों को सजाएं दी जा रही हैं .यह उसी की आवाजें हैं .बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 456 और 457
“आयशा ने कहा कि उसके पास दो यहूदी औरतें आयीं और पूछा कि ,क्या सचमुच कब्रो में सजाएँ दी जाती है ,तो मैं ने कहा कि हाँ ,रसूल ने खुद कब्रों से आवाजें सुनी है .अल्लाह खुद यहूदी मुर्दों पर कोड़े लगाता है .यह सुनकर औरतें डरगयीं .बुखारी -जिल्द 8 किताब 75 हदीस
7 -अरब की चौकीदारी करना
“अबू मूसा ने कहा कि रसूल ने बताया कि ,अल्लाह कि खासियत है कि वह रात को नही सोता है .और रत को अरब की चौकीदारी करता है .लेकिन अल्लाह दिन भर छुपा रहता है .
सही मुस्लिम -किताब 1 हदीस 345
“अबू हुरैरा ने कहा कि,रसूल ने बताया कि अल्लाह हरेक रात को अरब की जमीन पर उतर जाता है ,और तीसरे पहर तक रहता है .और अल्लाह मुसलमानों से पूछता है वे कौन कौन से गुनाह करें जिसे मैं माफ़ कर दूँ .अबू दाऊद-जिल्द 1 हदीस 1310
8 -मुहम्मदी इलाज
शायद मुहम्मद के इलाज करने की विधि ,और दवा के बारे में जानकर लोगों कहा है कि “नीम हकीम खतराए जान ,और नीम रसूल खतराए इमान”मुहम्मद एक चलती फिरती दवा की दुकान था .वह हर मर्ज की दवा अपने मुंह में रखता था और अपने थूक से इलाज करता था .लेकिन इसका कोई प्रमाणिक रिकार्ड नही मिलता है कि ,मुहम्मदी इलाज से कितने लोग ठीक हुए और कितने मर गए .अगर किसी मुस्लिम ब्लोगर के पास रिकार्ड हो ,तो प्रकाशित करे .देखिये मुहम्मदी इलाज कि विधि –
1 -सांप काटने पर
“सुहैल इब्न हनीफ ने कहा कि,रसूल ने कहा ,यदि सांप काट ले तो ,कुरआन की किसी भी आयात को बोलकर अपना थूक काटने की जगह लगा दें ,और दुआ करें
.अबू दौउद-जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3882
“अबू सईद ने कहा कि ,एक बार रसूल अपने लोगों के साथ एक गाँव जा रहे थे .रास्ते में किसी को सांप ने कट लिया .लोगों ने रसूल से उपाय पूछा ,रसूल ने काटने कि जगह अपना थूक लगा दिया
.बुखारी -जिल्द 3 किताब 36 हदीस 476
2 -पागलपन का इलाज
“मलाकाहबिन सहर ने कहा कि लोग रसूल के पास एक पागल (lunetic )को लेकर आये .और उसे ठीक करने को कहा .रसूल ने अपना ढेर सा थूक उसके चहरे पर मॉल दिया .
अबू दौउद -जिल्द 2 किताब 28 हदीस 3849
3 -सर दर्द का इलाज
“सलाम ने रसूल से कहा कि ,मेरे सर दर्द है ,और पैर भी दुःख रहे हैं ,रसूल ने हिना(मेंहदी ) के साथ अपना थूक मिलाकर सर पर लगा दिया .और मैंने अपने पैरों में लगा दिया .
अबू दौउद – जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3849
4 -नस कट जाने का इलाज
“जाबिर बिन अब्दुल्ला ने कहा कि ,उबै बिन काब कि नस कट गयी थी ,रसूल ने फ़ौरन कटी हुई जगह पर अपना थूक लगा दिया .और उबे को दुआ करने को कहा .
अबू दौउद -जिल्द 3 किताब 27 हदीस 3855
4 -गंजेपन का इलाज
“अब्दुला इब्ने अबास ने कहा कि ,रसूल कहते थे कि सुरमा (Antimony )के साथ मेरा थूक लगाने से गंजापन मिट जाता है .और नजर तेज हो जाती है .
अबू दौउद -जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3869
5 -दुबलेपन का इलाज
“आयशा ने कहा कि ,मेरी माँ चाहती थी कि मैं मोटी हो जाऊं ,रसूल के खीरा (Cucumber )और खजूर (Dates )के साथ अपना थूक मिला कर मुझे खिलाया .
अबू दौउद जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3894
6 -आँख का इलाज
“सहल बिन साद ने कहा कि ,खैबर की लूट के समय अली की आँख में जख्म हो गया था .रसूल ने फ़ौरन अली की आँख में थूक दिया .और दुआ करने को कहा
.बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 192
7 -पैरों के घाव का इलाज
“याजिद बिन अबू उबैद ने कहा कि खैबर की लुट में अबू मुस्लिम के पैरों में घाव हो गया था .रसूल ने तुरंत अपना थूक निकला और मुस्लिम के घाव पर लगा दिया .
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 517
8 -मक्खी से दवा
“अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,यदि किसी खाने पीने की चीज में मक्खी गिर जाये ,तो मक्खी को उसी चीज में पड़े रहने दो ..फिर मक्खी के पैर निकाल कर उसे खाजाओ .मक्खी के पैरों में जहर होता है ,और मक्खी कई रोगों की दवा है.
बुखारी -जिल्द 7 किताब 71 हदीस 673
8 -हर रोग की दवा
“अबू बुरदा ने कहा कि हम लोग ,रसूल के साथ मदीना आ रहे थे .रस्ते में एक गाँव में रसूल ने सारे गाँव के लोगों को इकठ्ठा किया ,और एक बड़े बर्तन में पानी भरवाया .फिर उस पानी से कई बार कुल्ला किया ,और पानी में अपना थूक डाल दिया .और लोगों से कहा कि अब इस बर्तन का पानी “तिर्याक”यानि सब रोगों की दवा बन गया है .इसे तं पियो और अपने बच्चों को पिलाओ
.बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 617
इतना पढ़ने बाद भी यदि कोई व्यक्ति यह माने कि इस्लाम एक धर्म है ,कुरान ईश्वरीय किताब है .और मुसलमानों में अक्ल होती है ,तो ऐसे व्यक्ति को अपनी बुद्धि का इलाज करा लेना चाहिए .
शायद यही कारण है कि आजतक मुसलमानों में कोई बड़ा बैज्ञानिक ,या अविष्कार करनेवाला नहीं हुआ है .सभी मुहमद कि तरह अनपढ़ और जाहिल है .
(87/19)
बृजनंदन शर्मा (वरिष्ठ लेखक एवं समीक्षक)
(लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के निजी विचार हैं। जो लेखक के द्वारा पूर्ण समीक्षा के पश्चात लिखे गए हैं । जिसके लिए वह प्रत्येक प्रकार के प्रमाण देने के लिए तत्पर है।)