198 वीं जयन्ती पर महर्षि दयानन्द व 56 वीं पुण्यतिथि पर वीर सावरकर को किया नमन*

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*हिन्दी,हिन्दू,हिंदुस्तान की अवधारणा वीर सावरकर ने दी -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*

*महर्षि दयानन्द समग्रक्रांति के अग्रदूत रहे -शिक्षाविद निष्ठा भारद्वाज*

रविवार 27 फरवरी 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में महर्षि दयानन्द सरस्वती के 198 वें जन्मदिन व महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की 56 वीं पुण्यतिथि पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।यह कोरोना काल में 365 वां वेबिनार था।

मुख्य अतिथि निष्ठा भारद्वाज (महामंत्री,शिक्षा भारती स्कूल) ने कहा कि महर्षि दयानन्द समग्रक्रांति के अग्रदूत थे उन्होंने समाज के हर क्षेत्र में कुरीतियों व पाखंड को दूर करने का कार्य किया।उनका स्वतंत्रता संग्राम में भी उल्लेखनीय योगदान रहा।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि “हिन्दू राष्ट्रवाद” की अवधारणा को वीर सावरकर ने जन्म दिया साथ ही हिन्दी,हिन्दू, हिन्दुस्तान का उदघोष भी उन्हीं की देन रही।वह हिन्दू राष्ट्र निर्माण के प्रबल समर्थक रहे,विश्व के इतिहास में वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें 24 फरवरी 1910 व 31 जनवरी 1911 को दो बार आजीवन कारावास की सजा दी गई।विश्व इतिहास में पहले व्यक्ति थे जिनकी पुस्तक “1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” पुस्तक को छपने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था।उन्होंने लंदन से ही क्रांति की शुरुआत की व स्वदेशी आंदोलन शुरू कर विदेशी कपड़ो की होली जलाई।उनका मुकदमा अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में चला।उन्होंने ही पूर्ण स्वतंत्रता की मांग जोर शोर से उठायी उनसे ब्रिटिश सरकार काँपती थी।आज की युवा पीढ़ी को उनका जीवन चरित्र पढ़ने व बतलाने की आवश्यकता है जिससे वह स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को जान सके कि आजादी केवल चरखे तकली से नहीं आयी अपितु हजारों नोजवानो ने अपना जीवन देश के लिए होम कर दिया।
प्रो.करुणा चांदना ने कहा कि महर्षि दयानंद के नारी जाति पर अनेको उपकार है,उन्होंने नारी सम्मान व समानता की आवाज उठाई।

प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने 91 वें बलिदान दिवस पर कहा कि चंद्रशेखर आजाद सभी क्रांतिकारियों के आदर्श रहे वह देश के लिए जिये और देश के लिए बलिदान हो गये।

गायक नरेंद्र आर्य सुमन,रविन्द्र गुप्ता,पिंकी आर्या,आराधना शर्मा, नरेश खन्ना,दीप्ति सपरा, सुदेश आर्या,प्रवीना ठक्कर, रचना वर्मा,कृष्ण कुमार ढींगरा,रजनी गर्ग,रजनी चुघ,ईश्वर देवी,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, कमला हंस आदि के मधुर गीत हुए ।

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