आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला कंगाल पाकिस्तान अब कटोरा लेकर आया भारत के सामने

बदहाल और कंगाल पाकिस्तान अब भारत से रिश्ते सुधारने को बेकरार है। गले तक डूबे कर्ज और कमरतोड़ महंगाई के बीच पाकिस्तान की हालत ये हो गई है कि अब उसे भारत से नहीं, बल्कि अपनी भूख से पहले लड़ना होगा। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ खूब आतंकवादी पाले हैं, अब वह भारत से रिश्ते तब सुधारना चाहता है। आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक या चीन हो सबके दरवाजे खटखटा चुका है और अरबों रुपये के लोन में डूबा फटेहाल देश है। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में आर्थिक सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। वह भारत और पड़ोसी मुल्कों से व्यापार और निवेश बढ़ाने की बात कर रहा है। लाख टके का सवाल यह है कि क्या यह भरोसे के लायक है, शायद नहीं। ये एक दिखावा है, क्योंकि पाकिस्तान का अस्तित्व ही भारत विरोध पर टिका है।

कर्ज से दबे पाक में अब भारत से कारोबारी रिश्तों की बहाली की मांग

दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को अब भारत से कारोबारी रिश्तों की बहाली की याद आई है। पाकिस्तान पर विभिन्न देशों और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का लगभग सवा लाख करोड़ का कर्ज है। इमरान सरकार के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाउद ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत के साथ जल्द से जल्द कारोबारी रिश्तों की बहाली करनी चाहिए।

पाकिस्तान कई अंतर्राष्ट्रीय वित्त एजेंसियों की काली सूची में शामिल

अगस्त 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच क्रास बार्डर ट्रेड बंद है। पाकिस्तान कई अंतर्राष्ट्रीय वित्त एजेंसियों की काली सूची में शामिल है। वर्तमान में पाकिस्तान को संयुक्त अरब अमीरात से ही पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग 37 हजार करोड़ रुपये के कर्ज मिला था। लेकिन पाकिस्तान पर अभी जितना कर्ज बकाया है, ये नाकाफी साबित हो रहा है। दरअसल, पाकिस्तान का निर्यात, आयात की तुलना में बहुत कम है। ऐसे में अब उसे भारत के साथ कारोबारी रिश्तों की बहाली की याद सता रही है। पाक की कुल जीडीपी का 85 प्रतिशत हिस्सा कर्ज के नाम पर है।

 रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी परियोजनाओं के लिए कर्ज मांगने जाएंगे

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 23-24 फरवरी को रूस की यात्रा करेंगे। यह किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पिछले 23 साल में पहली रूस यात्रा होगी। रूस और यूक्रेन संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की रूस यात्रा से पहले एक पाकिस्तानी विश्लेषक ने कहा कि यह यात्रा उपयुक्त समय पर नहीं हुई। विश्लेषक और बलूचिस्तान के राजनेता जान अचकजई ने कहा कि इस यात्रा का सबसे प्रमुख पहलू यह है कि रूस ने आमंत्रित नहीं किया, बल्कि निमंत्रण मांगा गया था। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर पाकिस्तान की परियोजनाओं के लिए कर्ज मांग सकते हैं।

आसमान छू रही महंगाई से किसानों से लेकर नौकरीपेशा तक परेशान
सत्ता में आने से पहले इमरान खान ने बड़े लोक लुभावने वादे किए थे। उन्होंने ‘नया पाकिस्तान’ बनाने की बात भी कही थी। जो पूरी तरह फेल हो चुका है। पाकिस्तान के पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं है। इमरान खान के कार्यकाल में सरकार ने 20.7 खरब पाकिस्तानी रुपये का नया कर्ज लिया है। चंद दिनों पहले इमरान 300 अरब डॉलर के कर्ज की उम्मीद में चीन गए थे, जो पूरी नहीं हो सकी। जब तक पाकिस्तान का नाम एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल है, तब तक उसे नया कर्ज भी नहीं मिल सकता। देश में महंगाई आसमान छू रही है। वैश्विक तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते पाकिस्तान के लिए आयात बिल का भुगतान करना मुश्किल होगा। अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी के कारण महंगाई का एक नया दौर शुरू हो गया है।

इमरान खान की सरकार में जरदारी और शरीफ से भी ज्यादा भ्रष्टाचार
बढ़ती मंहगाई का असर निश्चय ही खेती पर भी पड़ेगा. किसानों ने भी उत्पादन की लागत बेतहाशा बढ़ने की आशंका जताई है। पाकिस्तान में खाद की कीमतें पहले से ही किसानों की पहुंच से बाहर हैं। फैक्टरियां और काम-धंधे बंद होने से बेरोजगारी और बढ़ गई है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट में इमरान खान सरकार को आसफ अली जरदारी और नवाज शरीफ सरकार से कहीं अधिक भ्रष्ट बताया है। भ्रष्टाचार सूचकांक में पाकिस्तान जहां 2018 में 112वें पायदान पर था, वहीं साल 2021 में 140वें पायदान पर पहुंच गया है।

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