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कविता

हर सैनिक भारत का बलिदानी

जब तक भी तन में प्राण रहे
देश का मन में अभिमान रहे
हर सैनिक भारत का बलिदानी
वह खून से लिखता नई कहानी

निष्काम भाव से सेवा करता
राष्ट्र जागरण जीवन भर करता
कभी मोल नहीं लेता गर्दन का
सब कुछ देश को अर्पित करता

भारत मां के लिए समर्पित
साध्य बनाता केवल परहित
राष्ट्र मंदिर में करता अर्पित
विनम्र भाव से वह अपना हित

हैं बलिदानी जो भाव तुम्हारे
उन पर हम भी सब कुछ वारें
चलें हाथ  में  लेकर  तलवारें
मिल साथ तुम्हारे शत्रु संहारें

देश के लिए तूने प्राण धरे
अन्त में देशहित प्रस्थान करे।

डॉ राकेश कुमार आर्य
(संपादक – ‘उगता भारत’ समाचार पत्र)

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