रविवार 20 फरवरी 2022, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “दुनियां में रहना किस तरह” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
वैदिक विदुषी साध्वी रमा चावला ने कहा कि संसार में अच्छे लोग अच्छाई व बुरे लोग बुराई ढूंढते है । व्यक्ति को सम भाव से कमल के फूल की तरह रहना चाहिए तैरते रहो पर डुबो नहीं । संसार मे रहो धन भी खूब कमाओ, गृहस्थ जीवन भी निभाओ पर निर्लेप होकर ।प्रभु का ध्यान, संध्या, यज्ञ, उपासना करो उसे कभी भूलो मत । उन्होंने कहा कि परमात्मा संसार के कण-कण,अणु अणु, में परमाणु परमाणु में छाया हुआ है बसा हुआ है हर जगह विद्यमान है। जब तक बुद्धि नहीं सुधरती नहीं आता नजर वो, इन आंखों में तो वह शक्ति ही नहीं कि उसे देख सके जो छुप कर बैठा हुआ है गुलाब के फूल की पंखुड़ी के अंदर कभी खड़े होकर पूछो तो सही ओ गुलाब के फूल इस मिट्टी में तो यह कोमलता नहीं, यह रंग भी नहीं यह सुगंध भी नहीं यह तू कहां से ले आया। कोई बैठा हुआ है अंदर जो तुझको सुगंधी दे रहा है ।उसको देख। सही तरीके से देख। जब बुद्धि ठीक होगी तब वह जो सारा संसार है उसके अंदर बैठा हुआ मैं परमात्मा आपको नजर आएगा। ऋषियों ने यह बात बताई कि ईश्वर को देखने का ढंग क्या है पहले तो यह कि ऋतंभरा बुद्धि बनाओ फिर अपना स्वभाव हर वकत चिड़चिड़ा ना बनाओ नुक्ताचीनी क्रिटिसिज्म हर समय टीका टिप्पणी करते रहने से बुद्धि बिगड़ती रहती है जिन का स्वभाव होता है टीका टिप्पणी करने का, वे दुनिया की हर चीज में दोष निकालते रहते हैं।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि व्यक्ति को पुरुषार्थी होना चाहिए क्योंकि पुरुषार्थ ही इस जीवन में सब कामना पूरी करता है । मन चाहा फल उसने पाया जो आलसी बनकर पड़ा न रहा ।
मुख्य अतिथि आर्य नेत्री सुनीता बुग्गा व अध्यक्ष कृष्णा पाहुजा ने भी मानव जीवन के रहस्य व सफलता पर प्रकाश डाला ।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग साधना के बिना उस प्रभु को कोई पाता नहीं ।
गायिका प्रवीना ठक्कर, दीप्ति सपरा, बिंदु मदान, करूणा चांदना, डॉ रचना चावला, रजनी चुघ,विजय खुल्लर, प्रतिभा कटारिया, आदर्श मेहता,रविन्द्र गुप्ता आदि के मधुर भजन हुए ।