भले ही विरोध-प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव तक। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, लेकिन ये बुर्का के लिए हो रहा है।
कर्नाटक में बुर्के पर जारी विवाद के बीच कांग्रेस नेता मुकर्रम खान का एक वीडियो वायरल हुआ है। 17 फरवरी 2022 को सामने आए इस वीडियो में कांग्रेस नेता कह रहे हैं, “जो भी हमारे बच्चों को हिजाब पहनने से रोक रहे हैं, उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे।” इस बयान को लेकर उन पर कलबुर्गी में एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पहले समाजवादी पार्टी की महिला नेता भी भड़काऊ बयान के चुकी हैं।
वीडियो में मुकर्रम खान को कहते सुना जा सकता है. “वो कौन से कपड़े पहन रहे हैं। वो भगवा कपड़े पहन कर हिजाब हटाने को बोल रहे हैं। हिजाब पर रोक लगा रहे हैं। जो भी हमारे बच्चों को हिजाब पहनने से रोक रहे हैं, उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे।” मुकर्रम खान कांग्रेस पार्टी के कलबुर्गी जिले के सेदम से पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं।
मुकर्रम के इस बयान के विरोध में हिन्दू संगठनों ने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारी कलबुर्गी के सेदम पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुए थे। उन्होंने मुकर्रम पर केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की माँग की। पुलिस में शिकायत विश्व हिन्दू परिषद के जिला सचिव शिवकुमार ने दी है। शिवकुमार ने कहा, “जिस व्यक्ति ने यह आपत्तिजनक बयान दिया है, वह फैलना नहीं चाहिए। ऐसा बयान हम भी दे सकते हैं। लेकिन हम समाज को अशांत नहीं करना चाहते हैं।”
इससे पहले कांग्रेस नेता जमीर अहमद का एक बयान वायरल हुआ था। इसमें उन्होंने कहा था कि हिजाब नहीं पहनने वाली महिलाओं के साथ रेप होता है। अहमद ने कहा था, “हिजाब का अर्थ इस्लाम में पर्दा होता है। जब लड़की/बच्ची बड़ी होती है तो उसे हिजाब में रखते हैं यानी उसकी जो खूबसूरती होती उसे न दिखाने के लिए, छिपाए रखने के लिए, उसे पहनाया जाता है।” उन्होंने कहा था, “आज आप देखिए हिंदुस्तान में रेप तेजी हो रहे हैं। ये सब इसलिए है क्योंकि औरतें पर्दे में नहीं रहतीं। ये आज से नहीं है और अनिवार्य भी नहीं है। लेकिन जो अपनी खूबसूरती छिपाना चाहते हैं, उसकी हिफाजत चाहते हैं वो लोग हिजाब पहनते हैं। ये आज से नहीं है बरसो से है।”
हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अंतरिम आदेश आने तक अदालत ने शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड का पालन करने और मजहबी ड्रेस नहीं पहनने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके स्कूल-कॉलेज खुलने पर कई छात्राओं को हिजाब में पहुँचते और इससे रोके जाने पर पढ़ाई का बहिष्कार करते देखा गया है।