Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

लव जिहाद की सच्चाई

pmमहोदय
नवभारत टाइम्स  समाचार पत्र 11/9/14 में छपे लेख :”किस पर चलेगा लव जिहाद का डंडा” लेखिका फौजिया रियाज जिस समाज से आती है उसमे महिलाओं की कितनी दुर्दशा होती है उससे तो वो भलीभाति परिचित ही होंगी।
आज आनर किलिंग के नाम पर हत्याऐ ,प्रेम विवाह में किरकरी, लडकी का कोई स्वतंत्र अस्तित्व  नहीं , महिलाओं की तस्करी, मुस्लिम महिलाओं में बुर्का व तलाक प्रथा आदि समस्याये  समाज की सभ्यता पर प्रशन चिन्ह लगाती है।
परन्तु लव जिहाद कोई शिगूफा नहीं यह वास्तविकता है । इसको नकारने वाले  सच्चाई से बच कर समाज को भ्रमित करके उनकी आँखों पर पर्दा डाल कर ऐसा करने वालो को पुष्ट ही कर रहे है।
इतिहास गवाह है कि मुस्लिम आक्रांता घोडो  पर चढ़कर  हथियार लेकर आते थे और हमारे देश से धन दौलत के साथ साथ महिलाओं को भी लूट कर अपने साथ ले जाते थे।
आज जब पाश्चात्य संस्कृति द्वारा  आधुनिकता के नाम पर अशलीलता को परोसा जा रहा है तो युवक-युवतियों में  “लव” की संस्कृति को बढावा मिला है।आपस में एक दूसरे को समझ कर जान पहचान करके युवाओं में प्रेम हो जाए और फिर विवाह तो उसे मानवतावादी  समाज भी स्वीकार कर लेता है। परन्तु जब प्रेम के जाल में फंसाने के लिए कोई मुस्लिम लड़का झूठ फरेब के  सहारे से हिन्दू नाम व पहचान बनाकर हिन्दू लडकी को फंसाता है और फिर  उसे अशलीलता के कुचक्र में डाल कर ब्लैकमेल करके उस लडकी का शोषण करते हुए बलात धर्मपरिवर्तन करने को विवश करता है तो वह “जिहाद” का भाग बन जाता है।
यह एक सुनियोजित षड़यंत्र है जो विश्वव्यापी है। इस आधुनिक युग में मुगलकालीन बर्बरता से किसी लडकी को उठाना बहुत कठिन है। उसी का सरल उपाय है क़ि भोली भाली लडकी की भावनाओं से खेलकर , उससे सहानभूति करके प्रेम का नाटक करते है जिसमें  मुसलमान युवक   सफल हो रहे है। यही लव जिहाद कहलाता हैं।
संपादक महोदय आपको याद होगा क़ि  2006  में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने तत्कालीन सरकार से पूछा था क़ि हिन्दू लडकियां ही इस्लाम क्यों कबूल कर रही है? निकाह के लिए मुस्लिम लडके अपना मजहब क्यों नहीं बदलते ? न्यायमूर्ती श्री राकेश शर्मा ने टिप्पणी की थी क़ि “न्यायालय के सामने लगातार  ऐसे मामले सामने आ रहे है जिनमे हिन्दू लडकियों से इस्लाम कबूल करवाने के बाद उनका निकाह मुस्लिम लडको के साथ कर दिया जाता है। निकाह के बाद उनका पता ठीकाना नहीं मिलता।”
इसके अतिरिक्त आपको पता ही होगा क़ि केरल उच्च न्यायालय ने भी 29/9/2009 को एक मामले में लिखा क़ि लव जिहाद केरल तक ही नहीं तमिलनाडू और अन्य राज्यों में भी जारी है। उसने सरकार से इसके धन के स्रोत्र का पता लगाने का आदेश दिया। इस केस में केरल के पुलिस महानिदेशक जॆकब पूनुस ने 23/10/2009 को हलफनामा दाखिल किया क़ि गॆर मुस्लिम लडकियों को बहकाने-फुसलाने-धर्मांतरण करने और देश विरोधी गतिविधि में लगाने के मामले प्रकाश में आये है।
इसी प्रकार कर्नाटक उच्च न्यायालय भी लव जिहाद को रोकने के लिए आदेश दे चूका है।

सम्पादक महोदय महान मानवतावादी नेता मार्टिन लूथर किंग ने भी कहा था क़ि “जिस दिन हम सच्चाई को देख कर भी बोलना नहीं चाहते उसी दिन हमारी मौत की शुरुआत हो जाती है।”
अतः हमे “सत्यमेव जयते” की कथनी को कार्य रूप में लाना ही होगा।

लव जिहाद एक सच्चाई है इसको नकारना  आत्मघाती होगा अतः …सावधान रहो 

आज आनर किलिंग के नाम पर हत्याऐ ,प्रेम विवाह में किरकरी, लडकी का कोई स्वतंत्र अस्तित्व  नहीं , महिलाओं की तस्करी, मुस्लिम महिलाओं में बुर्का व तलाक प्रथा आदि समस्याये  समाज की सभ्यता पर प्रशन चिन्ह लगाती है।

परन्तु लव जिहाद कोई शिगूफा या काल्पनिक  नहीं यह वास्तविकता है । इसको नकारने वाले  सच्चाई से बच कर समाज को भ्रमित करके उनकी आँखों पर पर्दा डाल कर ऐसा करने वालो को पुष्ट ही कर रहे है।

इतिहास गवाह है कि मुस्लिम आक्रांता घोडो  पर चढ़कर  हथियार लेकर आते थे और हमारे देश से धन दौलत के साथ साथ महिलाओं को भी लूट कर अपने साथ ले जाते थे।

आज जब पाश्चात्य संस्कृति द्वारा  आधुनिकता के नाम पर अशलीलता को परोसा जा रहा है तो युवक-युवतियों में  “लव” की संस्कृति को बढावा मिला है।आपस में एक दूसरे को समझ कर जान पहचान करके युवाओं में प्रेम हो जाए और फिर विवाह तो उसे मानवतावादी  समाज भी स्वीकार कर लेता है।

 परन्तु जब प्रेम के जाल में फंसाने के लिए कोई मुस्लिम लड़का झूठ फरेब के  सहारे से हिन्दू नाम व पहचान बनाकर हिन्दू लडकी को फंसाता है और फिर  उसे अशलीलता के कुचक्र में डाल कर ब्लैकमेल करके उस लडकी का शोषण करते हुए बलात धर्मपरिवर्तन करने को विवश करता है तो वह “जिहाद” का भाग बन जाता है।

यह एक सुनियोजित षड़यंत्र है जो विश्वव्यापी है। इस आधुनिक युग में मुगलकालीन बर्बरता से किसी लडकी को उठाना बहुत कठिन है। उसी का सरल उपाय है क़ि भोली भाली लडकी की भावनाओं से खेलकर , उससे सहानभूति करके प्रेम का नाटक करते है जिसमें  मुसलमान युवक   सफल हो रहे है। यही लव जिहाद कहलाता हैं।

आपको याद होगा क़ि  2006  में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने तत्कालीन सरकार से पूछा था क़ि हिन्दू लडकियां ही इस्लाम क्यों कबूल कर रही है? निकाह के लिए मुस्लिम लडके अपना मजहब क्यों नहीं बदलते ? न्यायमूर्ति श्री राकेश शर्मा ने टिप्पणी की थी क़ि “न्यायालय के सामने लगातार  ऐसे मामले सामने आ रहे है जिनमे हिन्दू लडकियों से इस्लाम कबूल करवाने के बाद उनका निकाह मुस्लिम लडको के साथ कर दिया जाता है। निकाह के बाद उनका पता ठीकाना नहीं मिलता।”

इसके अतिरिक्त केरल उच्च न्यायालय ने भी 29/9/2009 को एक मामले में लिखा क़ि लव जिहाद केरल तक ही नहीं तमिलनाडू और अन्य राज्यों में भी जारी है। उसने सरकार से इसके धन के स्रोत्र का पता लगाने का आदेश दिया। इस केस में केरल के पुलिस महानिदेशक जॆकब पूनुस ने 23/10/2009 को हलफनामा दाखिल किया क़ि गॆर मुस्लिम लडकियों को बहकाने-फुसलाने-धर्मांतरण करने और देश विरोधी गतिविधि में लगाने के मामले प्रकाश में आये है।

इसी प्रकार कर्नाटक उच्च न्यायालय भी लव जिहाद को रोकने के लिए आदेश दे चूका है।

 महान मानवतावादी नेता मार्टिन लूथर किंग ने भी कहा था क़ि “जिस दिन हम सच्चाई को देख कर भी बोलना नहीं चाहते उसी दिन हमारी मौत की शुरुआत हो जाती है।”

अतः हमे “सत्यमेव जयते” की कथनी को कार्य रूप में ला कर लव जिहाद की सच्चाई को समाज के सामने लाकर भोली भाली लडकियों को अत्याचारों से बचाना ही  होगा।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version