*351 वें वेबिनार में “स्वस्थ जीवन शैली” पर चर्चा*
गाजियाबाद,वीरवार 10 फरवरी 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “स्वस्थ जीवन शैली” पर ऑनलाइन गोष्ठी आयोजित की गई।यह कोरोना काल में 351 वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता योगाचार्या श्रुति सेतिया ने कहा कि व्यक्ति यदि स्वस्थ है तो जहान है नहीं तो शमशान है।अपनी जीवन शैली दिनचर्या में सुधार करके अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि संपूर्ण सृष्टि में मनुष्य तन का सबसे अधिक महत्व है।तुलसीदास ने अपने सद ग्रंथ रामायण में कहते हैं ” बड़े भाग्य मानुष तन पावा,सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा।जिस व्यक्ति के तीनों दोष समान हो,जठराग्नि समान हो,शरीर को धारण करने वाली सप्त धातुएं समान मात्रा में हो,दस इंद्रियां और उनका स्वामी मन प्रसन्न हो,ऐसे व्यक्ति को स्वस्थ व्यक्ति कहा जाता है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए आहार की शुद्धि व सात्विकता, उचित समय पर शयन और जागरण,नियमित व्यायाम और प्राणायाम,ब्रह्मचर्य आदि व्रतों का सेवन एवं स्वदेशी आयुर्वेद प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली ही वास्तविक दवा है।व्यक्ति को स्वाद और विवाद दोनों को छोड़ देना चाहिए।दीर्घायु के लिए खुराक आधी करें,पानी दुगना करें, व्यायाम तिगुना करें हंसना चौगुना करें और भगवान का ध्यान सौ गुणा करें।मानव का शरीर सर्वश्रेष्ठ कार्य को संपन्न करने का माध्यम है।प्रत्येक कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वस्थ काया प्रथम आधार है।शारीरिक सफलता व निरोगिता सब सुखों की खान है, इसीलिए सभी सांसारिक कार्यों को छोड़कर शरीर का पालन करना चाहिए,क्योंकि शरीर का अभाव हो जाने पर सभी वस्तुओं का अभाव हो जाता है।शरीर में बड़े-बड़े रोग लग जाते हैं केवल एलोपैथिक दवाई पर निर्भर रहना ही कोई समाधान नहीं है।यदि हम शरीर विज्ञान के आधार पर विश्लेषण करें तो बेड लाइफ़स्टाइल,बेड हैबिट्स, अनियमित आहार-विहार, अनियंत्रित नींद,तनाव ये पांच मुख्य अंग है जिनके कारण हम असाधारण रोगों से मित्रता कर लेते हैं,और चाह कर भी इन रोगों से मित्रता नहीं छोड़ पाते।
जब हम चल फिर सकते हैं अपना काम स्वयं कर सकते हैं तो इसके बाद भी हम अपने इन रोगों में आजीवन एलोपैथिक दवाई पर कैसे निर्भर रह सकते हैं ? आप चाहे तो धीरे-धीरे एलोपैथिक दवाई को छोड़कर नियमित उत्तम दिनचर्या,व्यायाम,प्राणायाम,अच्छे भोजन के द्वारा संपूर्ण लाभ उठा सकते हैं। स्वास्थ्य हम खरीद नहीं सकते हम सिर्फ दवाई खरीद सकते हैं और आजकल दवाई खरीदने का मतलब रोग खरीदना है।प्राकृतिक तरीके से उपचार को लेकर और आयुर्वेदिक दवाइयों के द्वारा हम एलोपैथिक दवाई को रिप्लेस कर सकते हैं।एलोपैथिक से उत्तम आयुर्वेदिक है और आयुर्वेदिक से उत्तम घरेलू उपचार हैं और घरेलू उपचार से भी उत्तम व्यायाम,प्राणायाम,नियमित दिनचर्या,उचित भोजन,ध्यान और संध्या करना तथा संतोषी जीवन और प्रसन्न रहना ही उत्तम जीवन है।आलस्य में पड़े रहना,प्रमादी जीवन अपनाना ये सब आपके दुश्मन हैं।विरुद्ध खाना खाना, कभी भी सोना उठना,अति ठंडी चीजें खाना,धूम्रपान करना आदि इन गलतियों के कारण हम दंड स्वरूप मधुमेह,अस्थमा,बीपी और कैंसर जैसे रोग को अपना लेते हैं। दवाइयों का मतलब स्वस्थ नहीं होता स्वस्थ का मतलब होता है सुबह जल्दी उठना दांत और पेट साफ करके प्राणायाम,योगासन करना,भीगे हुए और उबले हुए आहार लेना,संतोषी जीवन जीना नियमित संध्या करना,परमात्मा का धन्यवाद करना,किसी से ईर्ष्या ना करना किसी का अपकार ना करना इन नियमों को पालने से स्वास्थ्य मिलता है या उत्तम स्वास्थ्य बना रहता है।हमारा जीवन ऋषियों जैसा हो,हमारा जीवन भगवान के अनुकूल हो, दिव्य मती,भक्ति,कृति,प्रकृति, संस्कृति और दिव्य आचरण से युक्त होकर हमें जीवन जीना है । त्याग और संयम जैसा जीवन बनाइए।जीवन में व्रतों को अपनाने का प्रयास कीजिए। शरीर की शुद्धि के लिए उपवास से बढ़कर कोई विधि नहीं है। “जितना हो अवश्य खाएं, स्वस्थ बने विद्वान कहलाए”स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए नकारात्मक चिंतन नहीं करना चाहिए,सकारात्मक चिंतन रखना चाहिए,उत्साह पूर्वक जीवन जीना चाहिए,थोड़ा ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और आनंदित होकर जीवन को सफल बनाना चाहिए।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य सभी सुखों का आधार है।
मुख्य अतिथि रवि आर्य (पूर्व महाप्रबंधक पंजाब व सिंध बैंक) व अध्यक्ष जितेन्द्र तायल ने भी उत्तम स्वास्थ्य के लिए पुरुषार्थ करने पर बल दिया।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि हंसी एक अनमोल उपहार है इसलिए हंसते मुस्कराते रहिये।
गायिका प्रवीना ठक्कर,पिंकी आर्या,रेणु घई,दीप्ति सपरा,रचना वर्मा,जनक अरोड़ा,प्रतिभा कटारिया,राजकुमार भंडारी, राजेश मेहंदीरत्ता,रजनी गर्ग, रजनी चुघ, सुनीता अरोड़ा,कृष्णा भाटिया,कमला हंस,वीना आर्या आदि के मधुर भजन हुए।
प्रचार मंत्री देवेन्द्र भगत ने बताया कि तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय आर्य महा वेबिनार 11,12,13 फरवरी को ऑनलाइन होगा व 15 देशों से आर्य प्रतिनिधि जुड़ेंगे ।