मित्रो गाय आवारा नहीं है ,आवारा वो होता है जिसका खुद का घर हो
फिर भी बाहर घूमता हो , गायों के हिस्से की 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन गोचर भूमि भूमि पिछले कुछ वर्षो मे भ्रष्ट नेताओ और अधिकारियों ,ग्राम पंचायतों द्वारा हड़प ली गई उस पर नाजायज कबजें है ,
गाय आवारा नहीं है मित्रो वो बेसहारा है
______________________________
मित्रों कुछ वर्षो से एक नया ड्रामा चला है ,कृत्रिम रूप(artificial insemination ) से गौ माता को गर्भधारण करवाया जाता है जिसमे बैल का वीर्य इंजेक्शन मे लेकर ,गौ माता को लगा दिया जाता है ,
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए हमने अपनी गौमाता की नस्ल बदलने की ठान ली है । और इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान का रास्ता अपनाया ! पश्चिम की नकल करने के पहले हम यह भूल गए कि वहां गायों को दूध के साथ-साथ मांस के लिए भी पाला जाता है।
वहां कम से कम समय में कम से कम खर्चे पर अधिक से अधिक दूध और मांस उत्पादन के लिए कृत्रिम गर्भाधान को सबसे कारगर माना गया। सन 1931 में रूस में सबसे पहले बड़े स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान की योजना बनाई गई। आज लगभग सभी पाश्चात्य देशों में कृत्रिम गर्भाधान का रिवाज है।
_______________________
लेकिन अब इन अंग्रेज़ो ने और नई चाल-चली है जब से इनको पता चला है की भारतीय लोग देशी गाय और सूअर से विकसित विदेशी गाय (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन)
मे अंतर समझने लगे है !! तब से इन अंग्रेज़ो ने हमारी देशी गाय की नस्ल को भी बर्बाद करने का नया यड्यंत्र रचा है !
ये क्या कर रहे है कि कृत्रिम गर्भधारण विधि द्वारा विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) सांडो का वीर्य लेकर भारतीय गौ माता को इंजेक्शन से ठोका जा रहा है और गर्भवती बनाया जा रहा है !! और परिणाम क्या हो रहा है पूरी की पूरी भारतीय गाय की नस्ल ही खराब हो रही है ! उसमे विदेशी सूअर से विकसित (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) गायों जैसे अवगुण आ रहे है ,गाय सारा दिन आलसी होकर बैठी रहती है ,ज्यादा चलती फिरती भी नहीं ,तरह तरह की बीमारियाँ उसको लग रही है ,उसके मूत्र मे जो ओषधीय गुण है वो भी खत्म हो रहे है !!
दूध की मात्रा बेशक विदेशी गायों की तरह बढ़ रही है लेकिन उसका करोगे क्या ??
जहर कम हो या ज्यादा उसका परिणाम एक होता है आपको बीमारियाँ आएंगी ,और आप मरोगे !ऐसे जहरीले दूध की मात्रा बढ़ा कर आप क्या कर लोगे ??
और जिस देशी गौ माता को हम भाव नहीं दे रहे ! हमारी उसी देशी गौ माता को जर्मनी वाले अपने देश लेकर जा रहे है और उसकी संख्या बढ़ाकर 2 लाख डालर ( लगभग 1 करोड़ ) से ज्यादा मे एक गाय बेच रहे है !! और हम अधिक दूध के चक्कर मे विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन ) A1 केटागिरी का दूध पी रहे है !
विदेशी गाय सबसे ज्यादा गुजरात ,पंजाब ,हरियाणा मे पाई जाती है !!
__________________________
कुछ दिन पहले की खबर है मोदी सरकार ने देशी गायों के लिए 150 करोड़ दिये साथ ही राष्ट्रीय गौकुल मिशन के लिए 350 करोड़ रुपये दिया गया है । कुल 500 करोड़ !!
अब तमाशा देखिये ! एक तरफ बजट मे कत्लखानों को सबसिडी वैसे ही दी जा रही है जैसे पहले दी जाती थी और दूसरी तरफ देशी गाय के लिए 150 करोड़ !!
ये तो वैसा ही हुआ एक तरफ आप शराब की फैक्ट्री चला रहे है और दूसरी तरफ नशामुक्ति अभियान !!
और सुनिए मित्रो !!
दरअसल बात ये है मित्रो कुछ दिन पहले सरकार ने कत्ल करने वाली मशीनों पर उत्पादन शुल्क 10 % से कम कर 6 % कर दिया ! अर्थात गौ माता का कत्ल करने वाली मशीनों को सस्ता कर दिया !
ये बात अभी सोशल मीडिया पर अभी थोड़ी सी ही फैली थी की दो -तीन दिन बाद ही सरकार ने देशी गाय के लिए 150 करोड़ का एलान कर आप सबको लोलीपाप पकड़ा दिया !! और यहाँ अंधभक्ति मे चूर लोग ,कत्ल मशीने के सस्ता होने को भूल गए और 150 करोड़ देशी गायों को दिये जाने का ढिंढोरा पीटे जा रहे हैं ! और प्रसन्न ऐसे हो रहे है जैसे सरकार ने पूर्ण रूप से गौ ह्त्या पर प्रतिबंध लगा दिया हो !!
और सुनिए मित्रो !
सरकार ने कहा है की इस 150 करोड़ रूपये से देश मे 20 करोड़ देशी नस्ल की गाय के
सरक्षण के लिए खर्च होंगे !
20 करोड़ गायों के सरक्षण के लिए 150 करोड़ कितनी बड़ी रकम है ??
प्रति गाय से भाग करे तो 150 करोड़ /20 करोड़ = 7.50( साढ़े सात )रुपए प्रति गाय ! वो भी साल के ! वो
जब पूरी ईमानदारी से खर्च हो !
7.50( साढ़े सात ) रूपये प्रति गाय से क्या सरक्षण होगा और क्या उनकी नस्ल मे सुधार होगा
आप अंदाजा लगा सकते हैं मित्रो !!
____________________________
कुछ मूर्ख कुतर्क कर सकते है की हमेशा धनराशि को प्रति गाय के हिसाब से क्यों
बाँट रहे हो ?? एक साथ निवेश करने से अधिक लाभ होता है !!
तो और सुन लीजिये मित्रो !
भारत की सबसे बड़ी गौशाला है राजस्थान मे ! नाम है पथमेड़ा गौशाला 2 लाख अधिक भारतीय नस्ल की गाय का देखभाल करती है ! 2 लाख गायों के रख रखाव का खर्चा प्रति
दिन 1 करोड़ से ज्यादा का है !
जी हाँ पूरे एक करोड़ से ज्यादा का !! आप मोटा मोटा हिसाब लगा लीजिये
इतनी महंगाई मे एक गाय के तीन वक्त का चारा ,और साफ-सफाई का खर्च 100 रुपए
से ज्यादा का है !
2 लाख गाय है 100 से गुणा कर दीजिये = 20,000,000 (2 करोड़ रुपए ) प्रति दिन खर्चा
एक साथ खर्चा करने पर मान लीजिये खर्चा कम पड़ता हो तो भी आराम से 1 करोड़
प्रतिदिन का होता है !! पथमेड़ा गौशाला मे फोन करके पूछ लीजिये
तो 2 लाख गायों का 1 करोड़ प्रति दिन का खर्चा !
तो महीने का 30 करोड़ !
और 4 महीने का 30×5 =150 करोड़ !!
तो मित्रो 150 करोड़ रूपये तो मात्र 2 लाख गायों पर ही 5 महीने मे खत्म हो जाते है !
20 करोड़ गाय जो सरकार ने आंकड़ा बताया है ! उसके लिए 150 करोड़ से क्या सरक्षण होगा,क्या रख रखाव होगा ,क्या नस्ल सुधरेगी आप अनुमान लगा सकते है !
तो जैसा मैंने पहले कहा मित्रो ये 150 करोड़ का ड्रामा बस आपको कुछ दिन चुप करवाने
के लिए ही किया गया है !! ताकि पूर्ण रूप से गौ ह्त्या की मांग ठंडे बस्ते मे पड़ जाए !!
______________________________
और अब पढ़िये सबसे भयंकर बात !!
मित्रो एक तरफ सरकार देशी गायों की नस्ल सुधारने के लिए 150 करोड़ दे रही है
तो दूसरी तरफ देशी गायों की नस्ल को बर्बाद करने के लिए 80 विदेशी (जर्सी ,होलेस्टियन ,फ्रीजियन) सांडो को डेन्मार्क देश से आयात करेगी !! और इसके लिए बहाना वही लगाया जा रहा है की देशी गाय की नस्ल मे सुधार होगा दूध का उत्पादन बढ़ेगा !
सरकार का एक मंत्रालय है(NDDB), National Dairy Development Board
उसमे बैठे मूर्खो के मूर्ख ये काम करने जा रहे है ! जैसे मैंने ऊपर बताया उसी तरह विदेशी सांडो का वीर्य लेकर देशी गौ माता मे इंजेक्शन से ठोका जाएगा ! और नस्ल सुधारने की बजाय खराब की जाएगी !
अगर सरकार की सच मे दूध उत्पादन बढ़ाने की ही नियत है तो भाई देश मे प्रति वर्ष 3 करोड़ गौ माता का कत्ल किया जा रहा है ! 8 लाख मीट्रिक टन गाय गौ वंश के मांस का उत्पादन होता है निर्यात होता है !
कत्लखाने बंद करो ,करोडो लीटर दूध उत्पादन बढ़ जाएगा ! क्योंकि नहीं करते कत्लखाने बंद ???
1 देशी गाय साल मे 8 से 10 महीने दूध देती है ! और सुबह शाम दो समय देती है !
देशी गाय ओसतन 1 समय मे 4 से 5 लीटर दूध देती है ! दिन मे 2 बार के हिसाब से 10 लीटर हो गया !!
आप दिन का 5 लीटर ही मान लो ! 10 महीने देती है आप 8 महीने ही मान लो !!
5 लीटर रोज का !
1 महीने मे 30 दिन तो महीने का 5×30 =150 लीटर !
8 महीने का 150×8= 1200 लीटर दूध (प्रति वर्ष एक गाय )
3 करोड़ गाय प्रति वर्ष काटी जाती है ! आप मान लो दूध देने वाली 1 करोड़ ही हो !
तो 1 गाय एक वर्ष मे 1200 लीटर दूध !
तो 1 करोड़ गाय देंगी एक वर्ष मे देंगी 1200 करोड़ लीटर दूध !
( ये हमने कम से कम लगाया है )
______________________________
तो भईया सरकार की नियत अगर सच मे दूध का उत्पादन बढ़ाने की है कत्लखाने बंद करवाओ ना की ये विदेशी सांडो का आयात करके मूर्खता वाले काम करो ! एक तो सरकार
पहले ही विधवा विलाप कर रही है की बजट घाटा इतना बढ़ गया तो क्योंकि फिर फालतू के सांडो को आयात कर विदेशी मुद्रा खर्च कर रही है ??? और दूध उत्पादन बढ़ाने के चक्कर मे बची कूची भारतीय गायों की नस्ल को खराब कर रही है ??
मोदी सरकार मे अगर दम है तो 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन है गोचर भूमि की बस इसको खाली कर दो।बिना गोचर भूमि के गौमाता की रक्षा नही हो सकती ।
गौमाता चारे के अभाव में भूखी मर है गौशाला के अन्दर सडको पर पालीथीन खा रही है
और सरकार 150 करोड़ देकर चमत्कार कर रही है। गौमता को तुम्हारा अहसान नही चाहिए मोदी जी बस कत्लखाना बंद कर दो और गोचर भूमि खाली करा दो। गौहत्या करने वालो को मौत की सजा दे दो। विदेशी नस्ल को भारत में बंद कर दो।
______________________________
हमारे मूर्ख नीति निर्धारकों ने दूध की मात्रा को गौमाता की उपयोगिता का मापदंड बना दिया। भारतीय संस्कृति का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता था। मित्रो हमने अपनी कमियों को सुधारने की बजाय अपनी गौमाता पर ही कम दूध देने का लांछन लगा दिया। इतिहास गवाह है कि भारत वर्ष में जब तक गौ वास्तव में माता जैसा व्यवहार पाती थी – उसके रख-रखाव, आवास, आहार की उचित व्यवस्था थी, देश में कभी भी दूध का अभाव नहीं रहा।
जय गौ माता ,जय भारत माता !