*महापुरुषों की शौर्य गाथायें संस्कृति को सुदृढ़ बनाती हैं-विमलेश बंसल दर्शनाचार्य*

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*”मेरा रंग दे बसंती चोला” विषय पर गोष्ठी सम्पन्न*

*वीर हकीकत का बलिदान सदैव प्रकाश देगा-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*

गाजियाबाद,शनिवार 5 फरवरी 2022,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में “मेरा रंग दे बसंती चोला” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 348 वां वेबिनार था।

मुख्य वक्ता दर्शनाचार्या विमलेश बंसल ने कहा- कि बसंत पंचमी माँ सरस्वती की उपासना का पर्व है जिसे श्री और मधु पंचमी इत्यादि नामों से जाना जाता है। वेदवाणी से जीवन को रंगना तन, मन वचन क्रिया व्यवहार को सम शीतोष्ण बनाना,मधु के समान मधुर रस भरना और उस ज्ञानमय रस को स्वयं पीकर सर्वोन्नति हेतु चारों ओर उड़ेलना यह ईश्वरीय वाणी की समीपता से ही सम्भव है।सचमुच पांचों ज्ञानेंद्रियों को जागृत वेदवाणी सरस्वती से ही किया जा सकता है।यह सरस्वती हम सबको ब्राह्मण बना पवित्र करने वाली है।आयु,प्राण,प्रजा, पशु कीर्ति धन ब्रह्मवर्चस से भरने वाली है।इहलौकिक और पारलौकिक दोनों सुखों से भरने वाली है,इसलिये इसका खूब प्रचार करें,आचमन,प्रवचन अभ्यास और व्यवहार सरस्वती के चार कर हैं।जो ज्ञान को कर्म की दिशा देते हैं।वस्तुतः सबके सुख हेतु कुछ वेदानुकूल नवीन सृजन करने का पर्व है यह वसंत पंचमी।जप,तप,योगाभ्यास, ईश्वरोपासना से भरने का पर्व है यह बसंत पंचमी।वैदिक़ संत बनकर ही त्यागयुक्त जीवन जीने से ही प्रतिक्षण बसंत सम्भव है। उन्होंने बहुत सारे प्राकृतिक अलंकरणों द्वारा वेद मन्त्र द्वारा बसंत के मनोरम दृश्य दिखा जीवन संवारने सुखमय बहुमूल्य कार्यों की प्रेरणा दी,साथ ही वीर हकीकत राय की शौर्य से भरी बलिदानी हकीकत गाथा को स्वरचित गीत व कथानक के द्वारा लोगों को भाव विह्वल कर राष्ट्र भक्ति से भर दिया।आवश्यकता है अपनी नव पीढ़ी को महानपुरुषों की जीवनियों बलिदानी गाथाओं व पर्व संस्कृति से गढ़ने की तभी राष्ट्र सशक्त सुखी समृद्ध दीर्घायु हो सकता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि बसंत पंचमी वीर हकीकत राय के बलिदान की याद दिलाती है जिन्होंने हिन्दू धर्म नहीं त्यागा अपितु बलिदान दे दिया । आज की युवा पीढ़ी को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।
मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता अनुभा भारद्वाज ने कहा कि हिन्दू धर्म का इतिहास बलिदान व त्याग की घटनाओं से भरा हुआ है जिसे नयी पीढ़ी को पढ़ाने की आवश्यकता है।

अध्यक्षा आर्य नेत्री सुमन गुप्ता ने राष्ट्रवादी विचारों से ओतप्रोत नेताओं व पार्टियों के पक्ष में मतदान करने की प्रेरणा प्रदान की जिससे राष्ट्र व धर्म दोनों सुरक्षित रह सकें।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वीरों के बलिदान से राष्ट्र मजबूत बना करते हैं।

गायक नरेन्द्र आर्य सुमन,पिंकी आर्या,कुसुम भंडारी,रजनी चुघ, रजनी गर्ग,प्रवीना ठक्कर, ईश्वर देवी,आशा आर्या,जनक अरोड़ा आदि के मधुर गीत हुए ।

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