गणतंत्र दिवस संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य

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1.1950 से 1954 तक गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान तक आयोजित किया जाता था.

2. किसी भी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या शासक को हर साल 26 जनवरी की परेड में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है. पहली परेड में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति डॉक्टर सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को राजपथ की पहली परेड में इनवाइट किया गया था.

3. गणतंत्र दिवस को राष्ट्रपति के प्रवेश द्वार से परेड कार्यक्रम की शुरुआत होती है. सबसे पहले राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगररक्षक राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं. उसके बाद राष्ट्रगान बजाया जाता है. फिर 21 तोपों की फायरिंग होती है.

4. गणतंत्र दिवस परेड भारत के राष्ट्रपति के आगमन के बाद शुरू होता है. राष्ट्रपति अपनी विशेष कार से, विशेष घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ आते हैं. इसके बाद राष्ट्रपति झंड़ा फहराते हैं, राष्ट्रगान बजाया जाता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

5. 26 जनवरी को होने वाले परेड कार्यक्रम में शुरू से लेकर अंत तक हर गतिविधि की सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाती है. यहां तक कि सबसे छोटी गलती और थोड़ी देरी आयोजकों को भारी पड़ सकती है.

6. गणतंत्र दिवस एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय त्यौहार है जो 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ समाप्त होता है.

7. गणतंत्र दिवस परेड के दौरान, एक ईसाई भजन, ‘एबाइड विद मी’ बजाया जाता है. भजन महात्मा गांधी का पसंदीदा था.

8. इंडोनेशिया के प्रेजिडेंट सुकर्णो पहले मुख्य अतिथि थे जब भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था.

9. 1950-54 तक, इरविन स्टेडियम (जिसे अब नेशनल स्टेडियम कहा जाता है), लाल किला, रामलीला मैदान और किंग्सवे में गणतंत्र दिवस मनाया जाता था.

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