टीवी चैनेल पर कांग्रेस पार्टी के नेताओ के द्वारा अक्सर ये आरोप लगते हुए सुना जाता है की प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया!!
लेकिन क्या आप को यह पता है जवाहर लाल नेहरु ने अपनी पत्नी के साथ क्या किया…??
जवाहरलाल नेहरु की पत्नी कमला नेहरु को टीबी हो गया था! उस जमाने में टीबी की दहशत ठीक ऐसा ही थी जैसे आज एड्स की है! क्योंकि तब टीबी का इलाज नही था और इन्सान तिल तिल तडप तडप कर पूरी तरह गलकर हड्डी का ढांचा बनकर मरता था और कोई भी टीबी मरीज के पास भी नहीं जाता था क्योंकि टीबी सांस से फैलती थी! लोग मरीजोंको पहाड़ी इलाके में बने टीबी सेनिटोरियम में भर्ती कर देते थे!!
नेहरु ने अपनी पत्नी को युगोस्लाविया [आज चेक रिपब्लिक] के प्राग शहर में दुसरे इन्सान के साथ सेनिटोरियम में भर्ती कर दिया!!
*कमला नेहरु पुरे दस सालो तक अकेले टीबी सेनिटोरियम में पल पल मौत का इंतजार करती रही. लेकिन नेहरु दिल्ली में एडविना बेंटन के साथ इश्क करते थे. सबसे शर्मनाक बात तो ये है की इस दौरान नेहरु कई बार ब्रिटेन गये लेकिन एक बार भी उन्होंने प्राग जाकर अपनी धर्मपत्नी का हालचाल नहीं लिया!!*
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को जब पता चला तब वो प्राग गये और डाक्टरों से और अच्छे इलाज के बारे में बातचीत की प्राग के डाक्टरों ने बोला की स्विट्जरलैंड के बुसान शहर में एक आधुनिक टीबी होस्पिटल है जहाँ इनका अच्छा इलाज हो सकता है..!!
तुरंत ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उस जमाने में 70 हजार रूपये इकट्ठे किये और उन्हें विमान से स्विटजरलैंड के बुसान शहर में होस्पिटल में भर्ती किया!!
*लेकिन कमला नेहरु असल में मन से बेहद टूट चुकी थी. उन्हें इस बात का दुःख था की उनका पति उनके पास पिछले दस सालो से हाल चाल लेने तक नही आया और गैर लोग उनकी देखभाल कर रहे है. दो महीनों तक बुसान में भर्ती रहने के बाद 28 February 1936 को बुसान में ही कमला नेहरु की मौत हो गयी.!!*
*उनके मौत के दस दिन पहले ही नेताजी सुभाषचन्द्र ने नेहरु को तार भेजकर तुरंत बुसान आने को कहा था. लेकिन नेहरु नही आये. फिर नेहरु को उनकी पत्नी की मौत की खबर भेजी गयी. फिर भी नेहरु अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में भी नही आये.!!*
अंत में स्विटजरलैंड के बुसान शहर में ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नेहरु की पत्नी कमला नेहरु का अंतिम संस्कार करवाया. जिस व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ ऐसा व्यवहार किया उसे हम चाचा नेहरू कहते हैं!!
अफसोस, मैं देश की जनता से अपील करता हूँ कि क्या ऐसे इंसान को चाचा कहना उचित होगा! अब ये आप सबको मिलकर तय करना है, कि देश के वरिष्ठ अधिकारियो, वरिष्ठ पत्रकार, वरिष्ठ पदाधिकारियों, वरिष्ठ मंत्रीमंडल तय करे कि…
मोदीजी मजबुर हो जाये और चाचा की पदवी निकाली जाये!!
*इस खानदान के जिस भी पन्ने को पलटोगे उसके नीचे से उतनी ही गंदगी निकलेगी और उतनी ही नफरत बड़ती जाएगी…!!*
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सोशल मीडिया से साभार