कोविड की दूसरी लहर में कंधे की ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी कराने वाले मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि
हरियाणा: कोविड 19 महामारी पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से बनी हुई है, ऐसे हालात में कंधे के दर्द से पीड़ित बहुत सारे मरीज इस बीमारी की गंभीरता को नहीं समझ पा रहे हैं। बीएलके मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पाया है कि हाल के दिनों खासकर कोविड की दूसरी लहर में कंधे की ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी कराने वाले मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। इससे पहले तक की स्थिति देखी जाए तो महीने में ऐसी 5 से 6 सर्जरी ही होती थी, लेकिन पिछले तीन महीने के दौरान ऐसे मामले दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। इस सर्जरी में वृद्धि की वजह कोविड और लॉकडाउन के कारण अस्पताल जाने से बचते हुए मरीजों द्वारा खुद ही दवाई लेना और अनुचित इलाज कराना है। डॉक्टर हमेशा यही सलाह देते हैं कि किसी व्यक्ति को यदि लगातार 4 से 6 हफ्ते से अधिक समय तक कंधे का दर्द बना रहता है, तो उसे निश्चित रूप से किसी कंधा विशेषज्ञ से ही संपर्क करना चाहिए ताकि कंधों में रोटेटर कफ टियर की समस्या का शुरू में ही पता लगाया जा सके और उचित इलाज मिल सके जिसमें ज्यादातर नॉन सर्जिकल इलाज ही होता है।
कुछ इसी तरह का मामला 32 वर्षीया गृहिणी प्रेमलता के साथ हुआ जिन्हें एक छोटा बैग उठाते वक्त बाएं कंधे में अचानक एक झटका लगा। तब उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि मामूली सा यह झटका उसके बाएं कंधे में रोटेटर कफ टियर का रूप ले सकता है और उन्हें इसके इलाज के लिए सर्जरी भी करानी पड़ सकती है। एक साल से अधिक समय तक दर्द सहते रहने के कारण उन्होंने दर्द से निजात पाने के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया और इसी दौरान बीएलके हॉस्पिटल में भी डॉक्टरों से दूसरा परामर्श लिया जहां एमआरआई कराने से पता चला कि रोटेटर कफ टियर पूरी तरह सूज गया है और इसके लिए सर्जरी ही अनिवार्य है। यहां उनके बाएं कंधे की ऑर्थोस्कोपिक रोटेटर कफ रिपेयर सर्जरी सफल हुई और उन्हें अब दर्द से पूरी तरह निजात मिल गई।
बीएलके मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में ऑर्थोस्कोपी एंड स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर के वरिष्ठ निदेशक डॉ. दीपक चौधरी ने कहा कि सही समय पर इलाज शुरू कराने से न सिर्फ डॉक्टरों को नॉनसर्जिकल इलाज के विकल्प चुनने में मदद मिलती है, बल्कि मरीजों को भी सर्जरी से जुड़ी असहजताओं और इससे जुड़े खर्चों से भी निजात मिल जाती है। मरीज जब लंबे समय तक अपने कंधे के दर्द की अनदेखी करता है तो उसे ऑथ्रोस्कोपिक रोटेटर कफ सर्जरी कराने की नौबत आती है। हम लगातार इस तरह की सर्जरी के मामले बढ़ते देख रहे हैं और आम लोगों को सचेत करना चाहते हैं कि इस तरह का दर्द यदि बना रहता है और लंबे समय तक इसकी अनदेखी की जाती है, तो इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। यह समस्या बहुत बढ़ गई है और 55 साल से अधिक उम्र के लगभग 40 फीसदी लोग कंधे के दर्द से परेशान रहते हैं, जिनमें से लगभग 80 फीसदी में रोटेटर कफ टियर की समस्या रहती है।
सेंटर फॉर ऑथ्रोस्कोपी एंड स्पोट् र्स मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. शिव चौकसे ने कहा, कंधे के दर्द से पीड़ित कई सारे मरीजों को कोई चोट नहीं लगती है और उन्हें शुरुआत में बस हल्का दर्द या असहजता महसूस होती है जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और रात में खासतौर से गंभीर रूप ले लेता है। इसके अलावा जनरल प्रैक्टिसनर और फिजियोथेरापिस्ट इस समस्या से पीड़ित मरीजों को महज फ्रोजन शोल्डर (जिसमें कंधों के जोड़ों में अकड़न और दर्द रहता है) का मामला मान बैठते हैं और लंबे समय तक फिजियोथेरापी कराते रहते हैं चाहे इससे कोई राहत भी न मिले। लेकिन ऐसे मरीज जब किसी शोल्डर स्पेशियलिस्ट से संपर्क करते हैं, तो इस इंजरी का असली कारण पता चल पाता है जिसमें कई मरीजों को पूरी तरह से रोटेटर कफ क्षतिग्रस्त हो जाता है जबकि ज्यादातर मामलों में ऑथ्रोस्कोपिक रिपेयर की जरूरत भी नहीं पड़ती है।