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आतंकवाद

…. और तब प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुछ भी हो सकता था

-उस दृश्य को याद कीजिए… मोदी जी का काफिला फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक रुका हुआ है… फ्लाईओवर पर मुड़ने की स्थिति भी नहीं होती है… गाड़ी के सामने प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक जाम लगा रखा है… अगर कोई गुंडा बदमाश आकर प्रधानमंत्री को एक थप्पड़ भी लगा देता तो देश की क्या इज्जत रह जाती ? उस वक्त कोई आकर प्रधानमंत्री को चाकू भी मार सकता था ? कोई उन‌ पर‌ पिस्तौल ‌से‌ एक गोली भी चला‌ सकता था ! भगवान की दया से… प्रधानमंत्री किसी तरह जिंदा बच गए और जब वो लौटने लगे तो बठिंडा एयरपोर्ट पर उन्होंने पंजाब के सीएम चन्नी के अधिकारियों से सहा कि चन्नी से कह देना थैंक्स मैं जिंदा लौट रहा हूं !

-मोदी की सुरक्षा में इतना बड़ा सिक्योरिटी लैप्स यूं ही नहीं हुआ… प्रधानमंत्री को पहले हवाई मार्ग से जाना था… अचानक मौसम खराब  होने की वजह से उनको आकस्मिक रूट यानी सड़क मार्ग से जाना पड़ा ! सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब के डीजीपी से बात की… डीजीपी ने कहा सब ओके है निकल जाओ… और इसके बाद ये खबर प्रदर्शनकारियों को लीक करवा दी गई कि प्रधानमंत्री उस रास्ते से जा रहे हैं और फिर वो खतरनाक 20 मिनट सामने आए जिसमें कुछ भी हो सकता था…

-प्रेसीडेंट और प्राइम मिनिस्टर की सुरक्षा ब्लू बुक के हिसाब से तय होती है । ब्लू बुक में सारी सुरक्षा डिटेल और निर्देश होते हैं जो राज्य सरकार को करने होते हैं । स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप… लोकल-टॉप एजेंसी और पुलिस के अलावा किसी को भी मालूम नहीं पड़ सकता है कि प्रधानमंत्री का दस्ता कहां से निकलने वाला है ? लेकिन जानबूझकर कांग्रेस सरकार ने प्रदर्शनकारियों के बीच में पीएम का रूट का ब्यौरा लीक करवाया !

-स्ट्रेटेजी बनाकर पंजाब की चन्नी सरकार ने पीएम की जान को खतरे में डाला । स्थिति पर जरा गौर कीजिए… पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू इमरान के दोस्त हैं… पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ईसाई सभाओं में नजर आते हैं… उन पर क्रिप्टो क्रिश्चियन यानी छुपा हुआ ईसाई होने के आरोप लगते हैं… राहुल गांधी इटली में हैं और ना जाने क्या सीक्रेट मीटिंग्स कर रहे हैं ! लुधियाना कोर्ट में 23 दिसंबर को ब्लास्ट हुआ जिसमें आईएसआई का नाम आया… खुफिया एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट जारी कर रखा है कि चुनाव में आईएसआई कुछ भी कर सकती है… पाकिस्तान से पंजाब की सीमा पर लगातार ड्रोन्स देखे जा रहे हैं… ऐसी स्थिति में पंजाब के बॉर्डर से सिर्फ 25-30 किलोमीटर दूर मोदी के काफिले को इस तरह खतरे में डाल दिया गया… ये बहुत बड़ा सिक्योरिटी ब्रीच है !
-सिद्धू हर बात पर बोलते हैं लेकिन 24 घंटे से खामोश क्यों हैं ? प्रधानमंत्री को इस मामले में बहुत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि ये देश के संवैधानिक ढांचे पर हमला है । अगर चन्नी को दंडित नहीं किया गया तो फिर केरल और पश्चिम बंगाल की सड़कों पर भी पीएम का निकलना मुश्किल हो जाएगा !

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