पंजाब की कांग्रेस सरकार ने जिस तरह एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत प्रधानमंत्री को टारगेट किया है और उसके बाद पूरी कांग्रेस जिस तरह से इतने बड़े षड्यंत्र का सामान्यीकरण करने में जुटी है वो कांग्रेस की नीचता का और और निम्नतम लेवल है और यह वाकई बहुत ज्यादा भयानक भी है।
कांग्रेस 60 साल तक इसी तरह के षड्यंत्र करके सत्ता में रही है। कांग्रेस यह अच्छे से जानती है की मोदी जब तक हैं तब तक कांग्रेस कभी सत्ता में नहीं आ पाएगी। इसलिए अब कांग्रेस द्वारा इस तरह के कुप्रयास शुरू हो गए है।
उस दिन पंजाब में जो हुआ वो मामूली बात नहीं है, जो वीडियो सोशल मीडिया पर हैं उसमें साफ दिख रहा है की पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के रूट पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गये थे, पुलिस बल जितनी तैनात होनी चाहिए थी नहीं तैनात थी, पुलिस के सामने लाठी पत्थर से गाडियां रोकने, तोड़ने वाले गुंडों पर पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही थी।
भारत सरकार की तरफ से जारी प्रेस रिलीज अगर आपने पढ़ी होगी तो आपको समझ आ जायेगा की ये मामला कितना ज्यादा गंभीर था। और जिस तरह इसका सामान्यीकरण किया जा रहा है वो और ज्यादा गंभीर है। इसके अलावा देश भर में जो गद्दार इस घटना से बड़े प्रसन्न है और सोशल मीडिया पर अपनी प्रसन्नता छुपाए नहीं छुपा पा रहे थे वो और भी ज्यादा गंभीर बात है। हमारे तो घर में ही अनेकों दुश्मन छिपे बैठे है और मौके की तलाश में हैं।
इस घटना का षड्यंत्र बहुत दिन पहले से रचा गया था। लगभग एक दो साल पहले खालिस्तानियों द्वारा जारी किये गए एक एनिमेटेड वीडियो में मोदी को एक ब्रिज पर खालिस्तानियों से घिरा दिखाया गया था और 5 जनवरी को पंजाब में बिलकुल वैसी ही घटना हुई है। मोदीजी ब्रिज पर 20 मिनट तक इन खालिस्तानियों से घिरे हुए थे।
कांग्रेस और दरबारी मीडिया द्वारा उन खालिस्तानियों को भाजपा समर्थक बता कर एक बड़े षड्यंत्र पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।
इस पूरे षड्यंत्र में विदेशों में बैठे खालिस्तानियों से लेकर, गांधी परिवार से लेकर चवन्नी तक शामिल है। कांग्रेस एक बार फिर पंजाब में खालिस्तान की चिंगारी को हवा देने में लगी है। ये अब बहुत ज्यादा स्पष्ट रूप से दिख रहा है। इस चिंगारी को दबाने के लिए ही मोदीजी ने कृषि कानून वापस लिया, और कहा जो किया किसानों के लिए किया, जो कर रहा हूं देश के लिए कर रहा हूं।
2024 में मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस द्वारा एक बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। एक तो मोदी की छवि खराब करो, उन्हे कमजोर प्रधानमंत्री दिखाओ जिससे मोदी समर्थकों का मनोबल टूट जाये और अगर ऐसा करने में विफल होते है तो प्लान बी के तहत 5 जनवरी जैसा कोई बड़ा कांड करवा दो, उसके बाद सारा इल्जाम खालिस्तानी आतंकियों पर डाल दो और सत्ता हथिया लो। ये कांग्रेस की पुरानी और टेस्टेड रणनीति रही है।
कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर का अलग होना भी कोई छोटी घटना नहीं थी, कैप्टन अमरिंदर पंजाब को उस आग में पुनः जलता देखना नहीं चाहते है, यही कारण है की वो कई बार गृह मंत्री से मुलाकात करके पंजाब की आंतरिक स्थिति बता चुके है। वो कांग्रेस में रहते हुए खुलकर सिद्धू की पाकिस्तान परस्ती का विरोध कर चुके हैं। आपको याद होगा कैप्टन अमरिंदर से मिलने के बाद ही मोदी सरकार ने कृषि बिल वापस लिया था।
क्योंकि कोई भी बिल देश की शांति और सुरक्षा से बढ़कर नहीं है। अब आप इसके लिए अगर पीएम मोदी और गृह मंत्री को कमजोर कहो तो आप स्वयं को कमजोर बता रहे हो। क्योंकि पीएम जो भी कर रहे है सब हमारे और देश के अच्छे भविष्य के लिए ही कर रहे है, न की अपनी पार्टी या अपने भविष्य के लिए। ये बात हम सबको समझनी होगी।