आईएसआईएस की पत्रिका ने हिन्दुओं के विरुद्ध मुस्लिमों को भड़काया, कहा – बाबरी मस्जिद वापस लो
ISIS की पत्रिका ने मुस्लिमों को ‘बाबरी वापस लेने’ के लिए उकसाया
भारत में सेकुलरिज्म के नाम पर जनता को भ्रमित करने वाले नेताओं को ISIS की पत्रिका को पढ़ आंखें खोलनी चाहिए। अगर अभी भी सेकुलरिज्म की माला जपने वाले होश में नहीं आते, फिर उनका बेहोश ही रहना बेहतर है, लेकिन जनता को ऐसे नेताओं और पार्टियों से दूरी बनानी चाहिए। वैसे देश में जयचंदों की कोई कमी भी नहीं।
ISIS की प्रोपेगेंडा डिजिटल पत्रिका ‘वॉयस ऑफ हिंद’ ने अपना नया संस्करण जारी किया है, जिसमें उसने मुस्लिमों को ‘हिंदुओं से बाबरी वापस लेने’ के लिए उकसाया है। ISIS के मुखपत्र के ताजा संस्करण के कवर में लिखा है, “यदि आप एक मुस्लिम हैं तो आपको आतंकवादी होना चाहिए, इसलिए उन्हें आतंकित करें …।”
अगले पन्ने पर एक इमारत के ऊपर भगवा झंडे के साथ हिंदुओं की एक तस्वीर है, जिसका शीर्षक है: “ओ मुवाहिद हिंदुओं से बाबरी मस्जिद वापस ले लो।” बता दें कि मुवाहिद का अर्थ है एक ‘अच्छा’ मुस्लिम बताया जाता है, जो अल्लाह के सिवाय किसी में विश्वास नहीं करता।
ISIS पत्रिका ने बाबरी ढाँचे को लेकर विस्तार से बात की है। उसने मुस्लिमों को उकसाते हुए ‘ऐसी सजा’ की बात कही, जो ‘हिंदुओं की आने वाली पीढ़ियों को याद’ रहे। इसके अलावा, ISIS ने भारतीय मुस्लिमों को भारत सरकार के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने का आह्वान किया। इसमें कहा गया है, “खुद का बचाव करने के बजाय हमें हमला करने की जरूरत है क्योंकि ‘हमला सबसे अच्छा बचाव है।”
हिंदुओं को ‘गायों की पूजा करने वाले बहुदेववादी’ के रूप में संदर्भित करते हुए ISIS समर्थित पत्रिका ने बाबरी ढाँचे के विध्वंस को ‘हिंदू मुशरीकीन की एक पागल भीड़ द्वारा भारत के मुस्लिमों पर सबसे शर्मनाक और कपटी हमला’ कहकर मुस्लिमों को उकसाया। बता दें कि हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है।
आमतौर पर इस्लामवादियों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ घृणा दिखाने के लिए ‘गोमूत्र’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। पुलवामा के आत्मघाती हमलवार ने भी बमबारी को ‘गोमूत्र पीने वालों’ की सजा बताया था। यह वीडियो उसने खुद को उड़ाने से पहले बनाया था।साभार: ISIS मुखपत्र
सभी चित्र साभार: ISIS मुखपत्र
ISIS की प्रोपेगेंडा पत्रिका ने उन्हीं पुरानी बयानबाजी को हवा देना जारी रखा कि हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर एक मंदिर का निर्माण किया। इसने यह कह कर हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया कि हिंदू जिन देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, वे असलियत में नहीं हैं, बल्कि उनकी कल्पना की उपज हैं। इतना ही नहीं, मैगजीन ने दावा किया कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने ही हिंदुओं को सभ्य बनाया। इनके आने से पहले हिंदू अभद्र और असभ्य थे।
इसके बाद यह भारतीय खुफिया संगठनों और हमारे देश के सैनिकों को उकसाता है। पत्रिका दावा करता है कि उन्हें केवल भारत सरकार द्वारा मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। आईएसआईएस ने भारतीय सैनिकों से पूछा कि क्या वे जनरल बिपिन रावत और अन्य सैनिकों के समान मरना चाहेंगे जो अपनी सरकारों के लिए लड़ाई लड़ते हुए मर जाते हैं।
ISIS पत्रिका ने भारत में मूर्तियों को नष्ट करने का किया था आह्वान
उल्लेखनीय है कि आईएसआईएस ने अपनी पत्रिका के पहले संस्करण में भारत में देवताओं की मूर्तियों को तोड़ने की धमकी दी थी। इस संस्करण के कवर में भगवान शिव की एक कंप्यूटर जनित मूर्ति दिखाई गई थी, जिसमें टूटी हुई मूर्ति के शीर्ष पर ISIS का झंडा लहरा रहा था। मूर्ति के नीचे कवर में लिखा था, ‘इट्स टाइम टू ब्रेक फॉल्स गॉड (यह झूठे देवताओं के ध्वंस का समय है)’।
‘वॉयस ऑफ हिंद’ ने अपने एक संस्करण में कोरोना को मौके की तरह इस्तेमाल करने और कोविड 19 का कैरियर (वाहक) बनकर भारत पर हमला करने के लिए उकसाया था। ऑनलाइन पत्रिका में कहा गया था, “हमेशा हथियारबंद रहिए और कभी भी ज़्यादा-से-ज़्यादा कुफ़्रों को जान से मारने का मौक़ा मत छोड़िए। अपने पास चेन, रस्सी और तार रखिए, जिससे उन्हें पीट-पीट कर और तड़पाकर मारा जा सके।” इसके अलावा पत्रिका में यह भी लिखा था कि कैंची और हथौड़े जैसे हथियारों की मदद से कुफ़्रों को मारने में आसानी होगी।