‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता दोनों ओर से हो, परंतु हमारे देश में वैसा होता हुआ दिखाई नहीं देता । हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर करनेवालों को एक न्याय और गांधीजी के विचारों से असहमति दर्शानेवालों के विरुद्ध दूसरा न्याय ? यह भेदभाव इस देश में नहीं चलेगा । यदि कालीचरण महाराज द्वारा किया वक्तव्य गलत ठहराकर उन्हें बंदी बनाना योग्य है, तो राहुल गांधी ने भी अनेक बार हिन्दू धर्म के विषय में गलत वक्तव्य किए हैं । तो उन्हें भी बंदी बनाना होगा’, ऐसा प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता गौरव गोयल ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर अभिव्यक्ति; तो गांधीजी पर बोलना अपराध क्यों ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
इस समय बोलते हुए इतिहास के अध्येता तथा लेखक-अधिवक्ता सतीश देशपांडे ने कहा, ‘राष्ट्र से बड़ा कोई नहीं हो सकता । संविधान की किसी भी धारा में अमुक किसी व्यक्ति को ‘राष्ट्रपिता’ संबोधित करें, ऐसा उल्लेख नहीं है । उसी प्रकार कोई व्यक्ति के रूप में ‘राष्ट्रपिता’ होने चाहिए, ऐसी भी हमारे पास व्यवस्था नहीं है । गांधीजी अपने विवादास्पद जीवनकाल में मूलतः ही ‘अलोकप्रिय’ थे । इसलिए वर्तमान की अपेक्षा उनके जीवनकाल में उन्हें अधिक आलोचना का सामना करना पडा था । गांधीजी पर टीका-टिप्पणी करने का हमें पूर्ण अधिकार है । न्यायालय ने वैसी छूट दी है । गांधीजी के कार्य का मूल्यमापन होना चाहिए ।’
‘राष्ट्रीय वारकरी परिषद’ के प्रवक्ता ह.भ.प. अरुण महाराज पिंपळे ने कहा, ‘अब तक छत्रपति शिवाजी महाराज, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे अनेक राष्ट्रपुरुषों का अनादर इस देश में किया गया; परंतु केवल गांधीजी पर टीका-टिप्पणी करें तो उसे अपराध माना जाता है । संक्षेप में, इस देश में राष्ट्रप्रेमी नागरिक, साधु-संतों के लिए एक कानून और राज्यकर्ताओं के लिए अलग कानून है । हिन्दुओं द्वारा साधु-संतों का समर्थन किया जाना आवश्यक है । छत्तीसगढ के ‘सुदर्शन’ समाचार वाहिनी के ब्यूरो प्रमुख श्री. योगेश मिश्रा ने कहा, ‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के बारे में समान मापदंड होना चाहिए । कालीचरण महाराज को बंदी बनाया जाना, उन पर लगाई गई धाराएं इस विषय में छत्तीसगढ़ सरकार एवं पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई पर कानून विशेषज्ञों ने प्रश्नचिन्ह उपस्थित किए हैं ।’ हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा, ‘हिन्दू देवी-देवताओं के नग्न चित्र बनानेवाले म.फि. हुसेन को कांग्रेस ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया था । हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर करनेवाले मुनव्वर फारूकी जैसे विनोदी कलाकारों का कांग्रेस समर्थन करती है । कांग्रेस निरंतर वीर सावरकर का अपमान करती है; परंतु गांधीजी के विषय में कोई प्रश्न उपस्थित करे, तो कांग्रेस को क्रोध आता है । हिन्दू एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक गलत बातों पर प्रश्न उपस्थित करेंगे और उसके उत्तर संबंधित लोगों को देने ही पड़ेंगे !’