(ये प्रयोग गदनिग्रह का है। गदनिग्रह आयुर्वेद का बहुत विश्वसनीय पुस्तक है )
सोंठ= 320 ग्राम
देशी घी = 800 ग्राम (यदि गाय का घी मिले तो बहुत अच्छा)
दूध = 5 लीटर(यदि गाय का हो तो अधिक अच्छा )
चीनी = 2 किलो (यदि चीनी के स्थान पर मिश्री ले तो अधिक गुणकारी होगा)
त्रिकटु चूर्ण (सोंठ+काली मिर्च +पीपल ) = 40ग्राम (त्रिकटु चूर्ण दिव्य फार्मेसी का मिलता है )
त्रिजात चूर्ण (दालचीनी +छोटी इलायची+ तेजपता 40 ग्राम
त्रिकटु चूर्ण + त्रिजात चूर्ण के स्थान पर दिव्य फार्मेसी का सितोपलादि चूर्ण मिलाए तो अधिक गुणकारी होगा।
इस तरह बनाने से कुल तैयार मिश्रण लगभग 4 किलो बनताहै। कम बनाने के लिए
दिए गए तौल के अनुपात मे कम या अधिक बना सकते है। जैसे 1 किलो के लिए 80 ग्राम सोंठ ।
सोंठ पीसी हुई ले या खुद पिसे परंतु उसमे घुन न लगा हो। बहुत दिनो की पीसी हुई न ले
यदि साबुत सोंठ को खुद पीसे तो अधिक गुणकारी होगा।
1 – सोंठ +दूध को मिलाकर पकाए। 2 पकाते समय चलाते रहे ताकि दूध उफान कर बाहर न निकले। 3 इस तरह सोंठ और दूध के मिश्रण का खोया (मावा) बना ले। 4 फिर उसमे घी मिलाए। 5 घी मिलाकर खोये को इतना भुने कि लगभग सुख जाए। 6 उसके बाद आग पर से हटा कर पीसी हुई चीनी या मिश्री मिलाकर दूसरी दवाए भी मिला दे। ध्यान रहे खोये मे पानी कम रहे नहीं तो सड़ जाएगा।
बड़े – लगभग – 50 ग्राम सुबह या शाम को दूध के साथ। बच्चे – 10 से 20 ग्राम।
गुण –
1 सर्दी मे बार बार होने वाले खांसी जुकाम से बचाएगा।
2 डिप्रेशन मे अत्यंत लाभकारी है।
3 चलते फिरते समय चक्कर आने मे लाभकारी है ।
4 आमवात अर्थात घुटनो के दर्द मे फायदा करता है।
5 बालो को समय से पहले सफ़ेद होने से रोकता है।
6 पुरुषों के रोगों मे भी फायदा करती है।
संजय कुमार