आचार्य बालकृष्ण
आजकल की व्यस्त जीवनशैली में खान-पान में गड़बड़ी होना स्वाभाविक -सी बात है | लेकिन इस कारण से अल्सर जैसे रोग पाँव पसारते जा रहे हैं | इसमें पेट में जख़्म बन जाते हैं जिसे अल्सर कहते हैं | चाय , कॉफी ,शराब , अधिक खट्टे ,मसालेदार तथा गर्म वस्तुओं के सेवन से अल्सर होने की सम्भावना अधिक होती है | अल्सर रोग में अक्सर पेट में जलन होती है , खट्टी डकारें आती हैं , सर चकराता है , उलटी होती , दस्त के साथ खून आता है , शरीर में कमजोरी तथा मन बैचैन रहता है |
विभिन्न औषधियोँ द्वारा अल्सर का उपचार —-
१- चार मुनक्के तथा दो छोटी हरड़ पीसकर सुबह खाने से पेट की जलन तथा उल्टी समाप्त होती है |
२- पान के हरे पत्तों का १/२ [आधा ] चम्मच रस प्रतिदिन पीने से पेट के घाव व दर्द में लाभ होता है |
३- एक चम्मच आँवले के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से अल्सर ठीक होता है |
४- अल्सर के रोगी को अनार के रस तथा आँवला मुरब्बा सेवन से लाभ होता है |
५- अल्सर में दूध , पका केला , चीकू , शरीफ़ा तथा सेब का सेवन करना चाहिए |