ईसा मसीह का जन्म और 25 दिसंबर

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उगता भारत ब्यूरो

अभी यूरोप, अमरीका और ईसाई जगत में इस समय क्रिसमस डे की धूम है।
क्या आप जानते है कि बाइबिल के न्यू टेस्टमेंट्स के किसी भी गॉस्पेल में जीसस की जन्म तिथि अथवा ऋतु की चर्चा नही लिखी हुई है । चर्च के लोग विभिन्न मतभेदों के साथ गोस्पेल ऑफ़ ल्यूक और मैथ्यूज की फिक्शन कहानियों के दम पर कुछ अंदाजा लगाने की कोशिश अवश्य करते है । जर्मनी के जेसुइट प्राइस्ट Karl Rahner तो साफ साफ लिखते है कि गोस्पेल्स के लेखक कही भी जीसस के डेट ऑफ बर्थ के विषय मे कुछ भी नही लिखते है , जिससे आज के इतिहासकार सहमत हो सके ।
तो अब प्रश्न यह है कि आखिर चर्च के लोगो ने जीसस की जन्मतिथि केैसे निकाली ?
चर्च के लोगो ने जीसस की जन्मतिथि दो गोपेल्स की निम्न दो पंक्तियों से लगाया ।
मैथ्यू अपने गॉस्पेल 2:1 में लिखा है कि,
“हेरोदेस जब राज कर रहा था, उन्हीं दिनों यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ। कुछ ही समय बाद कुछ विद्वान जो सितारों का अध्ययन करते थे, पूर्व से यरूशलेम आये।”
वही ल्यूक अपने गॉस्पेल 1:5 में लिखा है कि ,
“उन दिनों जब यहूदिया पर हेरोदेस का राज था वहाँ जकरयाह नाम का एक यहूदी याजक था जो उपासकों के अबिय्याह समुदाय का था। उसकी पत्नी का नाम इलीशिबा और वह हारून के परिवार से थी।”
वही गोस्पेल्स ऑफ़ ल्यूक दावे के साथ कहता है कि जीसस का जन्म उस समय हुआ जब सीरिया का गवर्नर Quirinius था , 6 A.D. में । गॉस्पेल की कथा के अनुसार अगस्टस कैंसर की ओर से जनगणना हुई थी । ल्यूक 2:2 में जीसस के जन्म के समय की अपनी गॉस्पेल में लिखता है कि , यह पहली जनगणना थी। यह उन दिनों हुई थी जब सीरिया का राज्यपाल क्विरिनियुस था ।
ध्यान रहे कि बाइबिल के अनुसार यह जनगणना इस बात को देखकर हो रही थी , जिसके अनुसार हेरोद्स जीसस को मारना चाहता है , और इस प्रकार बेथलेहम राज्य के सभी 2 साल तक के बच्चो को मारने का आदेश देता है । परन्तु गोस्पेल्स ऑफ मैथ्यू के अनुसार ही जीसस का परिवार सौभाग्य से इजिप्ट भाग जाता है और वहाँ हेरोद के मरने तक रहता है ।
अब प्रश्न यह उठता है कि Herod the Great कब मरा ?
अब तक का तथ्य यह है कि कोई भी इतिहासकार हेरोद्स के मृत्यु दिवस पर भी एकमत नही है और न ही गॉस्पेल ऑफ मैथ्यू में दी गई नरसघार वाली कथा को ही पुष्ट करते है ।
मैथ्यू गॉस्पेल के अनुसार , जीसस का जन्म हेरोद के शासन काल मे हुआ था , जैसा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि हेरोद द ग्रेट की मृत्यु को लेकर तीन मत प्रचलित हैं , 4 B.C., 6 B.C., 7 B.C , फिर भी अगर Jewish historian Josephus की गणना को लेकर चले कि 4 बीसी० में हेरोद्स मरा । …. जीसस का जन्म 4 बी०सी० से पहले ही हुआ होगा , गोस्पेल्स के अनुसार ।
परन्तु ज्यादातर हेरोद्स काल के इतिहासकार , खुद बिबलिकल स्कॉलर हेरोद्स का व्यक्तिगत मित्र व मंत्री Nicolas of Damascus और पहली शताब्दी में हुआ यहूदी इतिहासकार Josephus तक गॉस्पेल ऑफ़ मैथ्यू के हेरोद्स द्वारा 2 साल तक बच्चो के नरसघार के कथाओं के विषय मे अनभिज्ञ है । वह मैथ्यू के नरसंघार वाले दावों की पुष्टि नही करता यहाँ तक गोस्पेल्स ऑफ मैथ्यू के इस दावे को खुद गॉस्पेल ऑफ़ ल्यूक पुष्ट नही करता ।
Classical historian Michael Grant , सेंट मैथ्यू के दावे पर हास्यप्रद टिप्पणी करते हुए लिखते है कि “The tale is not history but myth or folk-lore”
इतिहासकार Richardson लिखते है कि असल मे जो कथा मैथ्यू ने नोट किया है वह किसी जीसस के विषय मे सत्य कथा नही बल्कि खुद हेरोद्स की हत्या से प्रेरित है , जिसे उसके बेटे ने मारा था ।
अतः कहना कि 25 दिसम्बर जीजस का जन्म दिन है , यह बात कहना तो महामूर्खता है । वेटिकन सिटी के पोप तक को जीसस के जन्मदिन का ज्ञान नही है । वह इसे विवाद का विषय नही कहते है ।
जिसे विश्वास न हो जाकर Pope Benedict की book, Jesus of Nazareth: The Infancy Narratives पढ़ ले । वह कहते है कि जीसस चाहे 25 दिसम्बर को जन्मे हो या अब तक हज़ार सालो से उतपत्ति में आये अन्य 150 अन्य तिथियों के दिन यह विवाद का विषय नही है क्योकि जीसस का जन्म एक आध्यात्मिक जन्म है ।
एक सच यह भी है कि आज भी ईसाई दुनिया मे यह कोई नही जानता कि जीसस का जन्म कहां हुआ था , क्या जीसस का जन्म नाजरेथ में हुआ अथवा बेथलेहम में , अगर बेथलेहम में हुआ तो क्या बेथलेहम जुड़िया में है अथवा गलीली में ?
ऐसे हज़ारो प्रश्न आज भी अप्रमाणिक अपुष्ट तथ्यो से अनुत्तरित हैं ।
(सोशल मीडिया से साभार)

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