अध्याय-1
1071 ईस्वी- कृष्ण जन्मभूमि का मंदिर पहली बार महमूद गनजवी ने तोड़ा था ।
1150 ईस्वी- 79 साल के बाद 1150 ईस्वी में कृष्णजन्मभूमि पर एक गहड़वाल राजा ने दोबारा मंदिर बनवाया
1351 ईस्वी- 201 साल बाद दिल्ली के सुल्तान बने फिरोज शाह तुगलक ने फिर उस मंदिर को तोड़वा दिया लेकिन स्थानीय लोगों ने कुछ संपन्न हिंदुओं की मदद से दोबारा मंदिर बनाकर पूजा पाठ शुरू किया ।
1489 ईस्वी- मथुरा में दोबारा मंदिर बनवाकर पूजा शुरू करवाई गई लेकिन साल 1489 में सिकंदर लोदी ने फिर मंदिर तोड़वा दिया ।
1618 ईस्वी- 129 साल के बाद ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने फिर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया… ये मंदिर इतना भव्य था कि आज के हिसाब से इसकी कीमत 16 हजार 500 करोड़ रुपए बैठती थीं । आगे के लेख में ऐतिहासिक प्रमाणों के साथ बताएंगे कि कैसे ये मंदिर 16 हजार 500 करोड़ का था ।
1670 ईस्वी- 52 साल के बाद ओरछा नरेश वीर सिंह बुंदेला के द्वारा बनवाया गया भव्य और विश्व प्रसिद्ध मंदिर तोड़ दिया गया और वहां पर मस्जिद खड़ी कर दी गई
1803- मराठों ने मुगलों को गोवर्धन के युद्ध में हरा दिया और उन्होंने एक छोटा सा मंदिर पूजा पाठ के लिए बनवा दिया… जो मस्जिद औरंगजेब ने खड़ी की थी और उसका मुअज्जिन मस्जिद छोड़कर चला गया था
1951 ईस्वी- कृष्ण जन्मभूमि पर बना जो मंदिर आप इस वक्त देखते हैं इसका निर्माण उद्योगपति जुगल किशोर बिड़ला ने शुरू करवाया था
नोट- मथुरा पर हम एक विशेष सीरीज शुरू कर रहे हैं जो कई पार्ट्स में आएगी… आप लोग हमारे साथ ऐसे ही बने रहें और सारे लेख हिंदू जागरण के लिए सभी ग्रुप्स में डालते रहें ।