जैन इतिहास में 500 साल बाद फिर एक विशाल आयोजन

एक साथ 45 लोग दीक्षा ग्रहण करके

जैन साधु बनेंगे सूरत में, दस मुंबई के भी 

मुंबई। एक दिसंबर को भारत धार्मिक परंपरा के एक विलक्षण इतिहास का गवाह बनेगा। इस दिन 45 लोग एक साथ जैन परंपरा के मुताबिक सांसारिक सुखों का त्याग करके साधु जीवन आंगीकार करेंगे। सूरत में होनेवाले इस ऐतिहासिक दीक्षा समारोह में 10 दीक्षार्थी मुंबई के हैं। जिनशासन के इतिहास में 522 वर्ष बाद यह पहला अवसर है, जब एक साथ इतने सारे लोग दीक्षा ग्रहण करके संतत्व को स्वीकार करेंगे। इस दीक्षा समारोह में देश भर से करीब एक लाख से भी ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे।

जिनशासन के इतिहास के जानकारों के अनुसार करीब 522 वर्ष पूर्व विक्रम संवत 1548 में गुजरात के ईडर कस्बे में विख्यात जैन संत हेमविमल सूरीश्वर महाराज के सान्निध्य में 500 मुमुक्षुओं ने सामूहिक दीक्षा अंगीकार की थी, जो अपने आप में एक इतिहास था। उसके पश्चात एक साथ 40 से अधिक लोगों के एक साथ दीक्षा ग्रहण करने का सम्भवत यह पहला व एक मात्र उदाहरण है। आचार्य विजय जिनचंद्र सूरीश्वर महाराज के आशीरेवाद से जो 45 महिलाएं एवं पुरुष साधु मार्ग अपना रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग आचार्य विजय योगतिलक सूरीश्वर महाराज के प्रवचनों से प्रेरित होकर दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सूरत में होनेवाले इस ऐतिहासिक धार्मिक समारोह में गच्छाधिपति आचार्य विजय पुण्यपाल सूरीश्वर महाराज, आचार्य विजय कुलचंद्र सूरीश्वर महाराज, आचार्य विजय महाबल सूरीश्वर महाराज, आचार्य विजय जिनचंद्र सूरीश्वर महाराज, आचार्य विजय योगतिलक सूरीश्वर महाराज सहित सैकड़ों जैन साधु – साध्वियां विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

एक दिसंबर को दीक्षा ग्रहण करके साधु बननेवाले इन 45 दीक्षार्थियों ने निकट भविष्य में दीक्षा लेनेवाले अन्य 20 दीक्षार्थियों के साथ हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करके इस ऐतिहासिक आयोजन की जानकारी दी। समारोह के आयोजक ‘संयम सुवास परिवार’ के सान्निध में हुई इस मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज तो मैं आपको संतत्व स्वीकारने की बधाई देता हीं, लेकिन साधु बनने के बाद आप लोग मुझ पर आशीर्वाद बनाए रखना, यही कामना है। डायमंड सिटी सूरत के पीपलोद स्थित एसवीएनआइटी कॉलेज के पास 10 एकड़ के ग्राउंड में 8 दिन तक चलनेवाले इस ऐतिहासिक आयोजन की सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं।

 निरंजन परिहार

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