योगी जी !  कमिश्नरी राज में आपकी पुलिस का आम आदमी से है ऐसा व्यवहार

दादरी। (अजय आर्य/ संजय कुमार) जनपद गौतमबुध नगर में प्रदेश की योगी सरकार ने एसएसपी के स्थान पर कमिश्नर को नियुक्त करते समय कुछ ऐसा संकेत दिया था कि जैसे कमिश्नरी राज में आम आदमी की बात को बड़े गौर से सुना जाएगा और तेजी से न्याय व्यवस्था के साथ-साथ कानून व्यवस्था में सुधार आएगा। परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं। पुलिस को अधिक अधिकार मिल जाने से वह तानाशाह अवश्य हो गई है। भ्रष्टाचार भी पहले से बढा है।
  कमिश्नरी बनने के बाद 145, 151, 107/ 117 सीआरपीसी की कार्यवाही थानों के लिए प्रेषित कर दी गई हैं। जिससे आम आदमी पुलिस के भ्रष्टाचार का शिकार हो रहा है। पुलिस के सामने जाने से वैसे ही लोग बचते हैं , न्यायिक प्रक्रिया को पूर्ण कराने के लिए वहां जाने को लोगबाग एक बार नहीं कई बार सोचते हैं। यदि न्यायिक कार्यवाही न्यायालय में बैठकर कराई जातीं तो कहीं अधिक अच्छा होता।
   बात करते हैं अब आम आदमी की आम आदमी कमिश्नरी राज्य में है न्याय पाने से किस प्रकार वंचित होता जा रहा है इसका उदाहरण हैं गांव लुहारली के रहने वाले चंद्रपाल, आजाद, जयवीर पुत्रगण खजान विजय पुत्र स्वर्गीय किशन पाल व श्रीमती ज्ञानो पत्नी स्वर्गीय किशनपाल। ये लोग राजस्व अभिलेखों में खसरा संख्या 1108 के संक्रमणीय भूमिधर दर्ज हैं। इनका एक मुकदमा श्योराज बनाम चंद्रपाल आदि न्यायालय श्रीमान सिविल जज सीनियर डिविजन गौतमबुध नगर वाद संख्या 88 सन 2012 लंबित है । जिसमें गाटा संख्या 1107 क क्षेत्रफल 0.0440 हेक्टेयर की बाबत वाद विचाराधीन है। इस खेत का क्षेत्रफल इन लोगों के पूर्वज खजान सिंह द्वारा श्योराज पुत्र गंगा सहाय से खरीदा गया था । जिस पर अब ये लोग आबादी बनाकर पिछले 20 साल से कब्जे में है।
  जबकि अपनी मूल ज्योत के खेत संख्या 1108 पर इन लोगों का पिछले 40 वर्ष से पुरानी आबादी के माध्यम से कब्जा है। खेत संख्या 1108 में बनी अपनी आबादी का मरम्मत आदि का कार्य यह लोग करा रहे थे। जिस पर विपक्षी ने पुलिस से सांठगांठ कर इन्हें मरम्मत करने से रोक दिया। ऐसा करने के पीछे उसकी मंशा यह रही कि यदि इन्हें 1108 पर भी निर्माण कार्य से रोक दिया जाएगा तो 1107 के बारे में यह जल्दी समझौता करेंगे और दबाव में आकर तुझे लाभ देने के लिए तैयार हो जाएंगे। इस अनैतिक कार्य में पुलिस ने दूसरे पक्ष का साथ दिया।
  पुलिस के सामने चंद्रपाल आदि गिड़गिड़ाते रहे कि यह लोग हमारे साथ ज्यादती कर रहे हैं, परंतु पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और कह दिया कि एसडीएम से जाकर आदेश करा कर लाओ। तब तक मौका पर निर्माण कार्य बंद करो।
उसके बाद चंद्रपाल आदि एसडीएम दादरी के यहां गए तो उन्होंने कहा कि अब मैं पुलिस के लिए कोई आदेश नहीं कर सकता, फिर भी उन्होंने उनकी एप्लीकेशन लेकर पुलिस के लिए आदेश कर दिया, जिसे पुलिस ने लेकर रख लिया और कोई कार्यवाही नहीं की। तब उन लोगों ने कमिश्नर महोदय से मिलकर आदेश कराना चाहा। जिस पर कमिश्नर ने भी उनका कोई सहयोग नहीं किया। वहां पर उनसे कह दिया गया कि आप थाना दादरी जाइए यदि वह नहीं करते हैं तो हमारे पास आना।
अब यह लोग थाना दादरी पहुंचे तो उन्होंने जी उपरोक्त प्रार्थना पत्र को लेने से यह कहकर इंकार कर दिया कि हम ऐसा कोई प्रार्थना पत्र नहीं लेंगे जो खेती से संबंधित हो। आप जाएं और एसडीएम से हमारे लिए आदेश करा कर लाएं । तब उन्होंने कहा कि उनका आदेश तो पहले ही यहां आ चुका है । इस पर उन्होंने कहा कि अब हमें कोई पता नहीं कि तुम्हारा आदेश कहां है ? ऐसा कहकर थाना दादरी में पुलिस ने इन लोगों के कागज लेने और रिसीव देने से मना कर दिया और कह दिया कि आप यहां से जाएं।
   अब यहां पर सवाल यह है कि पुलिस के पास जब गलत आदमी किसी की जमीन पर कब्जा लेने जाता है या कब्जा करवाने जाता है तो उन्हें किसी आदेश की आवश्यकता नहीं होती। पर जब एक सही व्यक्ति अपने माल पर कब्जा करने के लिए उनकी सहायता लेने के लिए गुहार लगाता है तो वे उसे दुत्कारते,  लताड़ते व फटकार लगाते हैं। उक्त जमीन पर किसका वैधानिक कब्जा होना चाहिए था? यह जांच का विषय हो सकता है। जिसे पुलिस को उसी समय देखना चाहिए था जिस समय उन्होंने वैधानिक काम करते हुए एक व्यक्ति को जाकर रोका था। मौके के हालात अपने आप बता देते हैं कि व्यक्ति अपनी जमीन पर निर्माण कर रहा है या दूसरे की जमीन पर?
  योगी सरकार का कहना है कि प्रदेश से वीआईपी कल्चर को खत्म किया जाएगा और अधिकारियों को आम आदमी की शिकायतों को दूर करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। परंतु कमिश्नर जनपद गौतम बुद्ध नगर के और उनकी पुलिस के आचरण को देखकर ऐसा लगता नहीं कि यहां पर वीआईपी कल्चर खत्म हो गई है। कमिश्नर के राज में तो यह और भी अधिक बढ़ गई है। पावरफुल सोर्सफुल लोग अपने कामों को करवा रहे हैं और आम आदमी दर-दर की ठोकरें खा रहा है। क्या इसी स्थिति को पैदा करने के लिए इस जनपद में कमिश्नर राज लागू किया गया था ? देखते हैं जनपद गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर महोदय इस विषय में क्या कदम उठाते हैं ?

Comment: