मुंबई के लोकल ट्रेन रेलवे स्टेशनों पर टॉयलेट की कमी के कारण महिलायें और बुजुर्ग परेशान हैं
मुंबई। मालाड (पश्चिम) में स्टेशन के बाहर रेलवे ब्रिज के पास”सुलभ शौचालय” है। जहॉ पर एक मुतारी (मूत्रालय/टॉयलेट) है।जोकि केवल तीन लोगों के लिए है। इसे बढ़ाने हेतु “गांधी विचार मंच” ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुवात ” सुलभ शौचालय” के पास शुरू १ दिसंबर २०१४ से शुरू किया है जोकि काफी जोरों पर है अब तक १०५६० लोगों ने हस्ताक्षर किया है और अभियान को एक दिशा दिया है। लेकिन अब लगता है कि यह समस्या पूरे मुंबई की है और खासकर के मुंबई के लोकल ट्रेन के रेलवे स्टेशनों पर यह समस्या ज्यादा है। संस्था के हस्ताक्षर अभियान के दौरान लोगों ने संस्था के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता को अपनी अपनी समस्या बताई। सबसे बड़ी बात है कि महिलाओं ने बताया कि लोकल ट्रेन रेलवे स्टेशनों पर टॉयलेट की कमी है और जहाँ है वह भी हमेशा गन्दा रहता है। जबसे रेलवे ने प्लेटफॉर्मों के लम्बाई बढ़ाई तब से काफी स्टेशनों पर के टॉयलेट तोड़ दिए और अब तक टॉयलेट नही बना। मालाड स्टेशन पर भी एक नंबर और दो नंबर पर टॉयलेट था और अब केवल एक नंबर पर है। ऐसे ही बोरीवली में केवल ६ नंबर और ८ नंबर प्लेटफार्म पर ही टॉयलेट है, जब की यहाँ से बाहर गॉव के ट्रेने भी जाती है। आज इतनी मँहगाई है और लोग एक दिन भी ऑफिस लेट जाते है या नहीं जाते है तो पगार कट जाती है। ऐसे में इंसान को यदि रास्ते में टॉयलेट लग जाये तो एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में जाने आने में काफी वक़्त निकल जायेगा। ऐसे में यदि महिला हो, बुजुर्ग हो या बच्चे हो तो वे क्या करे? यदि लोग रेलवे को पैसा देते है तो क्या उनको सुविधा नहीं मिलनी चाहिए? ऐसी कई बाते संस्था के सामने आई है, जो कि काफी दुखद है।
संस्था के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने कहा, ” टॉयलेट के लिए महिलाये शिकायत करे यह काफी दुर्भाग्यजनक है। इससे हम अंदाजा लगा सकते है कि उनको कितनी तकलीफ है ? यह हम लोगों के लिए और सरकार में बैढे लोगों के लिए डूब के मरने जैसी बात है। मैं रेलवे और रेलवे मंत्रालय से अनुरोध करता हूँ कि सारे लोकल स्टेशनों के महलाओं के टॉयलेट के जांच करे कि वे किस हालत में है और उन्हे सुधारे और सभी प्लेटफॉर्म पर टॉयलेट की व्यवस्था की जाय जो कि जनता का हक़ हैं और उन्हे सुविधा मिलनी चाहिए। यदि सरकार और रेलवे ने इसपर ठोस कदम नहीं उठाया तो हमारी संस्था जन आंदोलन करेगी। मुंबई के लोकल ट्रेन रेलवे स्टेशनों पर टॉयलेट की कमी के कारण महिलायें और बुजुर्ग परेशान हो यह सही नहीं है। “