क्रूरता और खूनी निर्दयता रहा है इस्लामी इतिहास की खासियत

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उगता भारत ब्यूरो

किसी भी देश को मुसलमान बनाने में मुसलमानों को 20 साल भी नही लगे पर भारत आज भी सनातन भगवा लहरा रहा है।
622 ई से लेकर 634 ई तक मात्र 12 साल में अरब के सभी मूर्तिपूजकों को मुहम्मद साहब ने ईस्लाम की तलवार से पानी पिलाकर मुसलमान बना दिया ।
634 ईस्वी से लेकर 651 तक , यानी मात्र 16 साल में सभी पारसियों को तलवार की नोक पर इस्लाम की दीक्षा दी गयी ।
640 में मिस्र में पहली बार इस्लाम ने पांव रखे, ओर देखते ही देखते मात्र 15 सालों में , 655 तक इजिप्ट के लगभग सभी लोग मुसलमान बना दिये गए ।
नार्थ अफ्रीकन देश जैसे – अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को आदि देशों को 640 से 711 ई तक पूर्ण रूप से इस्लाम धर्म मे बदल दिया गया, 3 देशों का सम्पूर्ण सुख चैन लेने में मुसलमानो ने मात्र 71 साल लगाए।
711 ईस्वी में स्पेन पर आक्रमण हुआ, 730 ईस्वी तक स्पेन की 70% आबादी मुसलमान थी मात्र 19 सालों में तुर्क थोड़े से वीर निकले, तुर्को के विरुद्ध जिहाद 651 ईस्वी में शुरू हुआ, ओर 751 ईस्वी तक सारे तुर्क मुसलमान बना दिये गए।
मंगौलो यानी इंडोनेशिया के विरुद्ध जिहाद मात्र 40 साल में पूरा हुआ ।
1260 में मुसलमानो ने इंडोनेशिया में मार काट मचाई, ओर 1300 ईस्वी तक सारे इंडोनेशिया के मंगोल मुसलमान बन चुके थे, नाममात्र के लोगो को छोड़कर
फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन आदि देशों को 634 से 650 के बीच मुसलमान बना दिया गया ।
उसके बाद 700 ईस्वी में भारत के विरुद्ध जिहाद शुरू हुआ वह अब तक चल रहा है ।
मुसलमानों की क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाएं की मुसलमानो का ईरान पर आक्रमण हुआ, मुसलमानी सेना ईरानी राजा के महल तक पहुंच गई, महल में बहोत छोटी राजकुमारी थी ईरान पर आक्रमण अली ने किया था, जिसे शिया मुसलमान मानते हैं।
आपको लगता होगा कि अली कोई बहुत बड़ा महात्मा था, इसलिए शिया मुसलमान थोड़े ठंडे होते हैं, जबकि ऐसा कुछ नही है, कासिम, अकबर, औरंगजेब ओर इस अली नाम के राक्षस में सूत मात्र का भी फर्क नही था
पारसी राजकुमारी को बंदी बना लिया गया, अब वह कन्या थी, तो लूट के माल पर पहला हक़ खलीफा मुगीरा इब्न सूबा का था खलीफा को वह मासूम बच्ची भोग के लिए भेंट की गई, लेकिन खलीफा ईरान में अली की लूट से इतना खुश हुआ कि अली को कह दिया, इसका भोग तुम करो मुसलमानी क्रूरता , पशु संस्कृति का एक सबसे गलीच नमूना देखिये, की छोटी बच्ची में भी उन्हें औरत दिख रही थी, वह उनके लिए बेटी नही, भोग की वस्तु थी ।
बेटी के प्रेम में पिता को भी बंदी बनना पड़ा, इस्लाम या मौत में से एक चुनने का बिकल्प पारसी राजा को दिया गया, पारसी राजा ने मृत्यु चुनी, अली ने उस तीन साल की मासूम राजकुमारी को अपनी पत्नी बना लिया ।
अली की पत्नी अल सबा बिन रबिया मात्र 3 साल की थी, ओर उस समय अली 30 साल के भी ऊपर था, यह है इस्लाम, ओर यह है इस्लाम की संस्कृति ।
मैने मात्र ईरान का उदाहरण दिया है, इजिप्त हो या अफ्रीकन देश सब जगह यही हाल है, जिस समय सीरिया आदि को जीता गया था, उसकी कहानी तो ओर दर्दनाक है।
मुसलमानों ने ईसाई सैनिकों के आगे अपनी औरतों को कर दिया मुसलमान औरतें गयी ईसाइयों के पास की मुसलमानो से हमारी रक्षा करो, बेचारे मूर्ख ईसाइयों ने इन धूर्तो की बातों में आकर उन्हें शरण दे दी, फिर क्या था, सारी सुपर्णखाओ ने मिलकर रातों रात सभी सैनिकों को हलाल करवा दिया।
अब आप भारत की स्थिति देखिये …जिस समय मुसलमान ईरान तक पहुंचकर अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित कर चुके थे, उस समय उनकी हिम्मत नही थी कि भारत के क्षत्रिय साम्राज्य की ओर आंख उठाकर भी देख सकें।
जब ईरान , सऊदी आदि को जबरन मुसलमान बना लिया गया था, तो मुसलमानो का मन हुआ कि अब हिंदुस्थान के क्षत्रियों को जीता जाएं, लेकिन यह स्वपन उनके लिए काल बनकर खड़ा हो गया ।
636 ईस्वी में खलीफा ने भारत पर पहला हमला बोला, माँ भवानी की सौगंध, एक भी मुसलमान जिंदा वापस नही जा पाया ।
कुछ वर्ष तक तो मुसलमानो की हिम्मत तक नही हुई की भारत की ओर मुंह करके सोया भी जाएं, लेकिन कुछ ही वर्षो में गिद्धों ने अपनी जात दिखा ही दी दुबारा आक्रमण हुआ, इस समय खलीफा की गद्दी पर उस्मान आ चुका था, उसने हाकिम नाम के सेनापति के साथ विशाल इस्लामी टिड्डिडल भारत भेजा, सेना का पूर्णतः सफाया हो गया, और सेनापति हाकिम बंदी बना लिया गया, हाकिम को भारतीय क्षत्रीयो ने बहुत मारा, ओर बड़े बुरे हाल करके वापस अरब भेजा, जिससे उनकी सेना की दुर्गति का हाल, उस्मान तक पहुंच जाएं।
यह सिलसिला लगभग 700 ईस्वी तक चलता रहा, जितने भी मुसलमानों ने भारत की तरफ मुँह किया, क्षत्रियों ने उनका सिर कंधे से नीचे उतार दिया ।
उसके बाद भी भारत के वीर जवानों ने हार नही मानी। जब 700 वी सदी इस्लाम की शुरू हुई , जिस समय अरब से लेकर अफ्रीका, ईरान यूरोप, सीरिया , मोरक्को, ट्यूनीशिया, तुर्की यह बड़े बड़े देश जब मुसलमान बन गए, स्पेन तक कि 70% आबादी मुसलमान थी, तब आपको ज्ञात है भारत मे “बप्पा रावल” महाराणा प्रताप के पितामह का जन्म हो चुका था। *वे पूर्णतः योद्धा बन चुके थे।
इस्लाम के पंजे में जकड़ गए अफगानिस्तान तक से मुसलमानो को उस बप्पा रावल ने मार भगाया, केवल यही नहीं, वह लड़ते लड़ते खलीफा की गद्दी तक जा पहुंचा, जहां खुद खलीफा को अपनी जान की भीख मांगनी पड़ी थी।
उसके बाद भी यह सिलसिला रुका नही, नागभट्ट प्रतिहार द्वितीय जैसे योद्धा भारत को मिले जिन्होंने अपने पूरे जीवन क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए पूरे भारत की न केवल रक्षा की, बल्कि हमारी शक्ति का डंका विश्व मे बजाए रखा ।
पहले बप्पा रावल ने साबित किया था कि अरब अपराजित नहीं है।
लेकिन 836 ई के समय भारत मे वह हुआ, की जिससे विश्वविजेता मुसलमान थर्रा गए मुसलमानों ने अपने इतिहास में उन्हें अपना सबसे बड़ा दुश्मन कहा है, वह सरदार भी क्षत्रिय ही थे ।
सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार मिहिरभोज के बारे में कहा जाता है, की उनका प्रताप ऋषि अगस्त्य से भी ज़्यादा चमका ऋषि अगस्त्य वहीं है, जिन्होंने श्रीराम को वह अस्त्र दिया था, जिससे रावण का वध सम्भव था राम के विजय अभियान के हिडन योद्धाओं में एक उन्होंने मुसलमानो को केवल 5 गुफाओं तक सीमित कर दिया यह वही समय था, जिस समय मुसलमान किसी युद्ध मे केवल जीत हासिल करते थे, ओर वहां की प्रजा को मुसलमान बना देते, भारत वीर क्षत्रीय मिहिरभोज ने मुसलमानों को अरब तक थर्रा दिया।
पृथ्वीराज चौहान तक इस्लाम के उत्कर्ष के 400 सालों बाद तक भारत के क्षत्रियों ने इस्लाम नाम की बीमारी भारत को नही लगने दी, उस युद्ध काल मे भी भारत की अर्थव्यवस्था को गिरने नही दिया । उसके बाद मुसलमान विजयी भी हुए, लेकिन क्षत्रियो ने सत्ता गंवाकर भी हार नही मानी , एक दिन वह चैन से नही बैठे, अंतिम वीर दुर्गादास जी राठौड़ ने दिल्ली को झुकाकर, जोधपुर का किला मुगलों के हलक ने निकाल कर हिन्दू धर्म की गरिमा, वीरता शौर्य को चार चांद लगा दिए।
किसी भी देश को मुसलमान बनाने में मुसलमानो को 20 साल भी नहीं लगे, और भारत में 500 साल राज करने के बाद भी मेवाड़ के शेर महाराणा राजसिंह ने अपने घोड़े पर भी इस्लाम की मुहर नही लगने दिया
महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, मिहिरभोज, दुर्गावती, चौहान, परमार लगभग सारे क्षत्रिय अपनी मातृभूमि के लिए जान पर खेल गए ।
एक समय ऐसा आ गया था, लड़ते लड़ते क्षत्रिय केवल 2% रह गए थे।
जिन मुसलमानों ने 20 साल में आधी विश्व आबादी को मुसलमान बना दिया,
वह भारत मे केवल पाकिस्तान बांग्लादेश तक सिमट कर ही क्यों रह गए ?
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